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मूवी रिव्यू- अक्टूबर

April 16, 2018
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मूवी रिव्यू- अक्टूबर

कलाकार- वरूण धवन, बनिता संधू, गीतांजलि रॉय

निर्माता- शूजीत सरकार

निर्देशक- रोनी लाहिरी, शील कुमार

लेखक- जूही चतुर्वेदी

सिनेमेटोग्राफी- अविक मुखोपाध्याय

संपादक- चंद्रशेखर प्रजापति

प्रोडक्शन हाउस- राजिंग सन फिल्म्स

अवधि- 1 घंटा 55 मिनट

कथानक

फिल्म “अक्टूबर” एक प्रेम कहानी है, बल्कि आप इसे एक साधारण (बिना किसी मार धाड़ के) कहानी कह सकते हैं। अक्टूबर फिल्म में आपको तड़क-भड़क नहीं मिलेगी, साथ ही भवानात्मक रूप से शूजीत सरकार की इस फिल्म में यशराज की फिल्मों की तरह दृश्य नहीं दिखाई देंगे, लेकिन आपको इस फिल्म हर हाल में देखना चाहिए। अक्टूबर फिल्म की कहानी बहुत ही गहरा प्रभाव डालने वाली है। हालांकि यह फिल्म उन लोगों को निराश कर सकती है, जिनको रोमांटिक मेलोड्रामा वाली फिल्में देखना ज्यादा पसंद है। फिल्म की कहानी एक सामान्य जीवन जीने वाले एक साधारण हीरो के साथ शुरू होती है और फिर हीरो की जिंदगी में गहरा मोड़ तब आ जाता है जब एक असाधारण घटना घट जाती है।

फिल्म में वरूण धवन ने दानिश वालिया की भूमिका निभाई है, जिसे उसके दोस्त प्यार से डेन कहकर बुलाते हैं। होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करते हुए वह दिल्ली के शानदार होटल में इंटर्नशिप भी कर रहा है। वहाँ पर उसकी मुलाकात शिवाली (बनिता संधू) से होती है। हालांकि, इसके बाद भी कई मुलाकातों के बाद उनके रिश्ते में कोई फीलिंग्स नहीं आती है और न ही कोई गर्मजोशी आती है। इसके अतिरिक्त यह एक विशिष्ट प्रेम कहानी नहीं है। फिल्म धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और उसका खास पहलू सामने आता है। फिल्म में कई जगहों पर तो कोई संवाद ही नहीं है, लेकिन चुपके-चुपके नैनों की बातें दर्शकों के दिल को चुरा लेती हैं।

डेन और शिवाली हर रोज एक-दूसरे को देखते हैं, लेकिन हल्की या साधारण बातों के अलावा और कोई बात तक मामला नहीं पहुँचता है। इसके बाद कहानी में मोड़ आता है और होटल में एक दुर्घटना घट जाती है। जिसमें घायल बनिता (शिवाली) को अस्पताल में भर्ती किया जाता है। यह दुर्घटना तब होती है जब वरूण को महसूस होने लगता है कि उसे बनिता से प्यार होने लगा है, जो अब उभरकर सामने आ जाता है। डेन, शिवाली के प्रति अपनी गहरी भावनाओं को समझने की कोशिश करता है, जो जिंदगी और मौत से जूझ रही होती है। अपनी भावनात्मक उथल-पुथल को जानने के लिए, वह यात्रा पर निकल जाता है, जहाँ पर वह अपने प्यार को जानने की कोशिश करता है।

वरूण के चरित्र को देखने पर मालूम चलता है कि वह 20 दशक के शुरूआती दौर का एक लापरवाह टाइप का व्यक्ति है, जबकि उसकी तरह के लड़के तरक्की कर रहे हैं। उसके जीवन में अचानक प्यार की लौ निश्चित रूप से हमें आश्चर्यचकित करती है और ऐसा उसको भी महसूस होता है, क्योंकि उसको भी यह नहीं मालूम है कि वह उस भावनात्मक गहराई में सक्षम है। हालांकि, वह एक ईमानदार और खुले तरीके से अपनी अंदरूनी भावनाएं दिखाने वाला इंसान है। स्पष्ट और खुले तौर पर बातें कहने के कारण, उसके लिए प्यार करना काफी आसान है। दूसरी तरफ, शिवाली अपने गंभीर चरित्र वाली लड़की की भूमिका से दर्शकों को बांधे रखती है, जिसने लंबे समय तक एक सहनशील और शांत नायिका की भूमिका निभाई है। साथ में, एक दूसरे के प्रति इस नए स्वीकृत भावना के माध्यम से, वे एक शानदार प्रेम कहानी बुनते हैं।

फिल्म रिव्यू

चूँकि, फिल्म में जोरदार भावनात्मक दृश्य नहीं हैं, इसलिए कुछ पावर-पैक संवादों को छोड़ दें, पूरी जिम्मेदारी निर्देशन और पटकथा पर आधारित है, जो अविश्वसनीय रूप से सही हैं। शूजीत का निर्देशन का प्रत्येक दृश्य जीवांत हो उठा है और आपको हर किसी के चरित्र की पर्याप्त झलक देती है, कभी-कभी आप यह तक भूल जाएंगे कि आप एक फिल्म देख रहे हैं। पात्रों की भावनाएं वास्तविक लोगों की तरह लगती हैं। फिल्म का आकर्षण बिल्कुल वास्तविक जीवन की तरह है, जो एक अच्छे सिनेमा का प्रमुख ट्रेडमार्क है।

फिल्म की हल्की-फुल्की कॉमेडी के दृश्यों को बहुत खूबसूरती के साथ लिखा गया है। गंभीर भावानात्मक दृश्य के साथ कहीं-कहीं पर कॉमेडी के दृश्य आपके चेहरे पर मुस्कान ला देगें। फिल्म में अभिनय की बात की जाए, तो वरूण धवन का अभिनय बहुत ही उम्दा है। वह जोशीले शर्टलेस नायक की छवि से आगे निकलकर काफी लंबा सफर तय कर चुके हैं। अक्टूबर फिल्म से बनिता ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की है। फिल्म में उनके संवाद कम हैं फिर भी अधिक संवाद वाले दृश्यों से बेहतर अभिनय किया गया है।

हमारा फैसला

निश्चित रूप से आपको अक्टूबर फिल्म को एक बार अवश्य देखना चाहिए। इस फिल्म की थोड़ी धीमी गति आपको उबा सकती है सुस्ती दिला सकती है, लेकिन इसकी शानदार कहानी इन छोटी खामियों को आसानी से छुपा लेती है। अगर आप आपने सप्ताहांत को मनोरंजक बनाना चाहते हैं तो इस शानदार फिल्म को जरूर देखें।

सारांश
समीक्षका- हर्षिता शर्मा

रिव्यू की तिथि- 13-04-2018

रिव्यूवर आइटम- अक्टूबरः मूवी रिव्यू

लेखिका रेटिंग- ****