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तुम्हारी सुलू मूवी रिव्यू – विद्या बालन का आकर्षण, खुशी, जिसने हमारा दिल जीत लिया

November 18, 2017
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तुम्हारी सुलू मूवी रिव्यू – विद्या बालन का आकर्षण, खुशी, जिसने हमारा दिल जीत लिया

कलाकार – विद्या बालन, मानव कॉल, नेहा धूपिया, विजय मौर्य, अभिषेक शर्मा

डायरेक्टर सुरेश त्रिवेणी

पटकथा – सुरेश त्रिवेणी

निर्माता- भूषण कुमार, तनुज गर्ग, अतुल काब्बेकर, शांति शिवराम मनी

बैकग्रांउड स्कोर – करन कुलकर्णी

सिनेमेटोग्राफी – सौरभ गोस्वामी

संपादन – शिव कुमार पनिकर

प्रोडक्शन हाउस – टी-सीरीज, इलिपिस एंटरटेनमेंट

शैली – कॉमेडी, ड्रामा

अवधि – 2 घंटे 3 मिनट

‘तुम्हारी सुलू’ फिल्म एक सामान्य कहानी होकर भी एक असाधारण कहानी है, या फिर हमें इस फिल्म को सुंदर पड़ोसन की एक असाधारण आकर्षक कहानी कहनी चाहिए। इससे पहले कि इस फिल्म की बात करें, शुरूआत हम “हैलो” से करते हैं।

हिंदी फिल्मों को देखना और उनकी उस मुताबिक समीक्षा करना बहुत मुश्किल होता है। हर साल अकेला बॉलीवुड 225 से अधिक फिल्मों को रिलीज करने का प्रबंध करता है। इन फिल्मों में मात्र एक मुठ्ठी ही फिल्में हिट होती हैं और साथ ही इनमें से अच्छे मनोरंजन वाली फिल्मों की संख्या कम है। प्रत्येक शुक्रवार की सुबह जब हम सिनेमाघरों की ओर जाते हैं, तो दिमाग में कुछ-कुछ घबराहट जैसी मिलती-जुलती रचनाएं बननी शुरू हो जाती है। फिर, कभी-कभी एक अन्यथा सुस्त शुक्रवार की सुबह को दिल को छूने जाने वाली मनोरंजक फिल्म के कारण पूरी तरह से हर्षित हो जाते हैं। हाँ, डायरेक्टर सुरेश त्रिवेणी की फिल्म तुम्हारी सुलू, हमारी 2017 की सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फिल्मों की सूची में निश्चित रूप से सबसे ऊपर आती हैं।

तुम्हारी सुलू- कथानक

एक बेहतरीन फिल्म के लिए किसी भी पेचीदा कथानक की आवश्यकता नहीं होती है। लेखक डायरेक्टर सुरेश त्रिवेणी ने इस फिल्म के जरीए जिन्दगी के छोटे सुखों और दर्द, उपलब्धियों और असफलताओं को याद करने की कला से सिद्ध कर दिया है कि यह सबकुछ हमारी जिन्दगी को बिल्कुल भी कुंठित नहीं करते हैं। इस फिल्म में सुलू या सुलोचना दुबे (विद्या बालन) पड़ोस वाली भाभी बनी हैं। वह कभी मुस्कुराते हुए, आत्मविश्वास, विचारों से भरी हुई, थोड़ी मोटी और अभी तक सेक्सी किन्तु घर पर रहने वाली माँ है, जो एक बहुत ही वास्तविक महिला लगती है। वह कपड़ो में हथकरघा (हैन्ड्लूम) वाली साड़ी पहनती हैं और अन्य माता-पिता की तरह अपने बेटे के स्कूल के खेल आयोजनों में भाग लेती हैं। उसे हेमा मालिनी और श्रीदेवी की मिमिक्री करना पसंद है और रेडियो सुनते-सुनते शो प्रतियोगिता में हिस्सा लेती है और पुरस्कार भी जीतती है।

सुलू का पति, अशोक (मानव कॉल) और 11 वर्षीय पुत्र प्रणव (अभिषेक शारमा)  दोनों ही उसकी पूरी दुनिया है। उसकी बड़ी बहनें बहुत कामयाब होने के बाद भी उसको अपने घर पर नहीं बुलाती है, सुलू के दिमाग में कई व्यवसायिक योजनाएं आती है, जिनमें से किसी को भी वह अमली जामा नहीं पहना पाती है। उसकी जिन्दगी तब मोड़ लेती है, जब वह एक रेडियो जॉकी (आरजे) बनती है। वह एक साधारण महिला से एक सेक्सी रेडियो जॉकी (आरजे) में बदल जाती है, जिसके हजारों लोग प्रशंसक बन जाते हैं और यही से उसके अच्छे घर का संतुलन बिगड़ना शुरू हो जाता है। किस तरह से सुलू अपने स्वयं के विशिष्ट आकर्षण के साथ संकट को संभालने का प्रबंध करती है बस इसी पर आधारित ‘तुम्हारी सुलू’ फिल्म की कहानी है।

फिल्म समीक्षा

तुम्हारी सुलू फिल्म एक अत्याधिक अच्छी और मनोरंजन से भरपूर है। आइए हम सुल्लू से शुरू करते हैं- इस किरदार के लिए बालन को चुनना सही विचार था। एक ऐसी अभिनेत्री जो लोभी संगठनों का सहारा नहीं लेती है और हथकरघा वाली साड़ियों को पहनना पसंद करती है, उम्र होने के बावजूद, वह अपने गोल चेहरे से लोगों को आकर्षित करती है, जो हिंदी फिल्म उद्योग में अपने सही अभिनय कौशल के आधार पर अपने लिए सही स्थान को कायम रखना चाहती हैं- बालन अभिनंदन की हकदारी है। मानव अपने असाधारण रूप में अच्छी तरह से मेल खाता है, जो आम पतियों की तरह अपनी पत्नी की कामयाबी के रास्ते में कायर होकर खड़ा हो जाता है, उसकी शोहरत, सफलता और अच्छी छवि के कारण बैचनी महसूस करने लगता है, लेकिन जल्द ही अपने अंतर मतभेदों को दूर कर देता है। इस फिल्म में सहायक कलाकारों ने अच्छी भूमिका निभाई है-मजबूत लेकिन भावुक मारिया मायाम (नेहा धूपिया), कवि पटकथा लेखक पंकज (विजय मौर्य), दादागिरी करने वाली जुड़वां बहनें, महिला कैबी (टैक्सी ड्राइवर) का फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार है – प्रत्येक व्यक्ति ने अपने किरदार को श्रेष्ठता के साथ निभाया है। इस फिल्म के लिए महानतम श्रेय निश्चित रूप से निर्देशक त्रिवेणी को जाता है, जिन्होंने फिल्म में निम्न मध्यम वर्गीय परिवार की गृहिणी और हिप रेडियो स्टेशन की कॉर्पोरेट प्रमुख के बीच सामंजस्य, मुहब्बत करने वाला पति और व्यंग्यात्मक मालिक को एक स्पष्ट दिशा प्रदान करते हुए बेहतरीन ढंग से सभी को एक साथ पिरोया है।

क्या अच्छा है, क्या बुरा है

तुम्हारी सुलू फिल्म आम जनता के देखने योग्य है। बालन के आकर्षण ने पूरी फिल्म में अपना जादू बिखेरा है, जिसका सरल स्पष्ट कथानक है। फिल्म का संगीत आनंददायक है। हवा हवाई 2.0 और रुफू फिल्म के सबसे अच्छे गीत हैं। फिल्म का मुख्य आकर्षण त्रिवेणी के पात्रों और उनके द्वारा निभाई गई भूमिकाओं का है। दबा हुआ नारीवाद और सूक्ष्म तनाव कहानी को और अधिक वास्तविक बनाते हैं – जिससे सुलू स्वयं भी अलग नहीं है, जो हमें असमंजस में डालती हैं और यकायक हमें सभी पात्रों पर पर गर्व महसूस होता है। क्या बुरा है? फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसकी बुराई की जा सके। तुम्हारी सुलू एकदम सही फिल्म है।

हमारा फैसला

सिनेमाघर की अंधेरी दायरे में बैठकर फिल्म को देखें, तुम्हारी सुलू फिल्म को देखकर हमें ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित- 1973 की महान कृति अभिमान और 1979 की निष्ठावान कॉमेडी गोलमाल दो बेहतरीन फिल्मों की बार-बार याद दिलाई। क्या आप अभी भी हमारे फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं? हम सिर्फ आधुनिक सिनेमा की दो सबसे अच्छी और सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्मों के साथ ‘तुम्हारी सुलू’ की तुलना करते हैं। तो आगे बढ़िए और ‘तुम्हारी सुलू’ फिल्म देखने के लिए टिकट बुक करें। पूरे परिवार के साथ इस फिल्म का आनंद लें। यह फिल्म आपको दो घंटे तक बिना रूके हुए हँसा सकती है और साथ ही आप अपने बच्चे के अंधेरे में मोबाइल चलाने की लत के बारे में जान सकते है, जब आप उसके साथ सिनेमाघर में होंगें।