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विश्वरूपम 2 : मूवी रिव्यू

August 11, 2018
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विश्वरूपम 2 : मूवी रिव्यू

निर्देशक: कमल हासन

निर्माता: कमल हासन

लेखक: कमल हासन

हिंदी संवादः अतुल तिवारी

कलाकार: कमल हासन, राहुल बोस, पूजा कुमार, एंड्रिया जेरेमिया, शेखर कपूर

संगीत: घिवरण

सिनेमेटोग्राफी: सानू वर्गीस, शमदत सैयदुडेन

संपादक: महेश नारायण, विजय शंकर

प्रोडक्शन कंपनी आस्कर फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड, राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल

वितरित: राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल, रोहित शेट्टी पिक्चर्स (हिंदी), रिलायंस एंटरटेनमेंट (हिंदी) इरम ग्रुप (केरल)

फिल्म कथानक:

2014 में रिलीज हुई कमल हसन की फिल्म विश्वरूपम की अगली सीरीज (सीक्वल) की काफी प्रतीक्षा के बाद, आज विश्वरूपम-2 फिल्म ने सिनेमाघरों में धमाल मचा दिया है। कमल हसन का राजनीति में सक्रिय रूप से प्रवेश करने की घोषणा के बाद विश्वरूपम-II (हिंदी टाइटल में विश्वरूपम 2) उनकी पहली फिल्म है।

फिल्म का कथानक काफी उतार-चढ़ाव वाला है जो कभी-कभी कहानी और समय के बीच कुछ ज्यादा ही चंचल और मजेदार हो जाता है फिल्म के शुरआती दृश्य में हम देखते हैं कि वसी (कमल हासन) नाम का एक घायल आदमी है जिसे दो सुंदर महिलाओं अश्मिता (एंड्रिया जेरेमिया) और निरुपमा (पूजा कुमार) के साथ एक स्थान पर ले जाया जाता है। इसमें वसी की पत्नी भी है। यह फिल्म भारतीय एजेंट (जासूस) की कहानी पर आधारित है जो कमल हासन को अल-कायदा आतंकवादी संगठन के उमर (राहुल बोस) और उनके साथियों के खिलाफ लड़ने से शुरू होती है।

फिल्म का कथानक कुछ बेतुके ढंग से दर्शाया गया है जो गुणवत्ता के मामले में औसत है। हालांकि, लेखक और निर्देशक कमल हसन ने फिल्म के कथानक को ढर्रे पर रखने के लिए कड़ी मेहनत की है। फिल्म में अनेक बंदूक युद्ध, धमाके और मौखिक द्वंद्व युद्ध है जो कथानक की कमियों को भरने का काम करते है।

फिल्म की समीक्षा:

विश्ववरूपम-2 फिल्म एक निष्ठावान व्यक्ति रॉ एजेंट (कमल हासन) के जीवन के इर्द गिर्द घूमती है जिसे लंदन और भारत की राजधानी दिल्ली को बचाने के लिए बुलाया जाता है। नायसर्स द्वारा नायक की धार्मिक पहचान पर बार-बार सवाल उठाया जाता है, लेकिन यह देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता होती है जिसके कारण वो बिना पसीना बहाए सभी खतरों का सामना करता है।फिल्म की कहानी वर्तमान और फ़्लैशबैक के बीच घूमती है। गंभीर संवाद से न तो फिल्म प्रभावित करती है और न ही कुछ खास सुसंगत दिखाई देती है। हालांकि, स्टंट, प्रोप और लड़ाई के दृश्यों की वजह सेइस फिल्म को महंगी हॉलीवुड फिल्मों की तरह दिखाने में सफल हुये है।

फिल्म में प्रमुख किरदार कमल हासन बहुत ही शानदार दिखाई दिए है। अभिनेत्री पूजा कुमार और एंड्रिया जेरेमिया भी अपने अभिनय कौशल से फिल्म को बेहतर बनाने में योगदान देते है। राहुल बोस और जयदीप अहलावत, जो विलेन की भूमिकाओं में हैं, ने आतंकवादियों के रूप से संबंधित अपने भूमिकाएं शानदार तरीके से निभाई हैं। हम अनुभवी अभिनेत्री वहीदा रहमान के अभिनय का जिक्र करना कैसे भूल सकते हैं फिल्म के दूसरे भाग में वहीदा रहमान ने अल्जाइमर से रोगग्रस्त एक माँ का किरदार में दिखाई दी है।

हमारा विचार

फिल्म विश्वरूपम-2 का कथानक अतार्किक है, स्क्रिप्ट बेतुकी है, साजिश और रहस्य के नाम पर सिर्फ छलावा है इसलिए यह  दर्शकों को वास्तविक रोमांच देने में विफल रही है। विश्वरूपम फिल्म की यह दूसरी सीरीज दर्शकों के मुँह से “वाह” कहलवाने में असफल रही है जैसा कि पहले भाग में महसूस किया गया था। ऐसा लगता है कि फिल्म आपको बीच में ही सिनेमाघर की सीट से उठने पर मजबूर कर देगी लेकिन कुछ ऐसे दृश्य हैं जो दर्शकों का शानदार तरीके से मनोरंजन करवा सकते हैं और दर्शकों को फिल्म देखने के लिए विवश कर सकते हैं। इसलिए, अपने सप्ताहांत को रोमांचकारी बनाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस फिल्म को देखने के लिए जा सकते हैं।

 

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विश्वरूपम-2: मूवी रिव्यू
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