Home / Government / अत्यधिक गरीबी के कारण, परिणाम और सरकार की पहल

अत्यधिक गरीबी के कारण, परिणाम और सरकार की पहल

July 6, 2018
by


अत्यधिक गरीबी के कारण, परिणाम और सरकार की पहल

भारतीय अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अत्यधिक गरीबी के कारण, भारत आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश नहीं बन पा रहा है। हालांकि सरकार, समाज से इस अशिष्ट वास्तविकता को खत्म करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

कई वर्षों के समेकित प्रयासों के बाद, आखिरकार भारत ने दुनिया में अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों के खिताब को पीछे छोड़ दिया है और इस साल मई में नाइजीरिया से आगे निकल गया। हर एक मिनट के बाद 44 भारतीय गरीबी के चंगुल से बाहर आ रहे हैं। इसके साथ भारत एक ऐसा देश बन गया है जो दुनिया में गरीबी को कम करने के मामलों में सबसे तेजी से वृद्धि कर रहा है। अगर मौजूदा दौर जारी रहता है तो 2018 के अंत तक भारत तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगा। जिसमें लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो दूसरे स्थान पर आ जाएगा। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 2022 तक 3% से अधिक भारतीय, गरीबी रेखा से बाहर आ जाएंगे। अत्यधिक गरीबी को 2030 तक पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।

अत्यधिक गरीबी क्या है?

अत्यधिक गरीबी को एक व्यक्ति की प्रति दिन की आय के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो 1.9 डालर से कम है। यह एक असामान्य और जटिल स्थिति है। जिसमें किसी व्यक्ति के पास आय का कोई स्रोत नहीं होता, या फिर समय के दौर में अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त धन होता है। अत्यन्त गरीबी की अवधारणा न केवल धन या भौतिक संसाधनों की कमी से, बल्कि व्यक्तियों के बीच उनके स्थायी जीवन के लिए एक उचित विकल्प बनाने के अवसरों की कमी से भी संबंधित है।

अत्यधिक गरीबी का कारण?

अत्यधिक गरीबी एक ऐसी स्थिति है जो अपने आप विकसित नहीं हुई है। कई ऐसे कारण रहे हैं जो समाज में इस स्थिति को उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का सुझाव है कि इस स्थिति को पैदा करने का जिम्मेदार गरीब ही है, क्योंकि उसे अपने भविष्य को लेकर बहुत कम या फिर कोई चिंता नही होती।

वे इतने गरीब होते हैं कि उन्हें अपने भविष्य की कोई चिंता ही नहीं होती है। जबकि अन्य लोगों का कहना है कि गरीब अपने आप को भाग्य के भरोसे छोड़कर, गरीबी के दलदल में फंसे रहते हैं। जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कुछ भी नहीं किया सकता है।

हाँ कुछ कारण हैं जिसने भारत में अत्यधिक गरीबी की स्थितियों को जन्म दिया है-

  1. शिक्षा की कमीः एक व्यक्ति को आर्थिक रूप से साध्य बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन गरीब संसाधनों के अभाव के कारण अपने बच्चों को स्कूलों मे भेजने का खर्च वहन नहीं पाते हैं। कुछ गरीब शिक्षा को महत्वहीन मानते हैं। वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय उनसे काम करवाकर परिवार की आमदनी बढ़ाना पसंद करते हैं।
  2. अधिक जनसंख्याः देश की बढ़ती हुई आबादी भी अत्यधिक गरीबी का प्रमुख कारण है। यह देश के आर्थिक विकास में बाधा बन गई है जिसके परिणामस्वरूप गरीबी की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। परिवारों में भी वृद्धि हो रही है जो निम्न स्तर पर जीवन निर्वाह करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आय को कम कर रहा है।
  3. बेरोजगारी: समाज के सबसे गरीब वर्गों में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण गरीबों के बीच अशिक्षा है जो उन्हें बेहतर वेतन वाली नौकरियां प्राप्त करने से रोकती है।
  4. भ्रष्टाचार: यद्यपि सरकार अत्यधिक गरीबी के चंगुल में फंसे गरीबों की स्थितियों में सुधार करने के लिए बहुत सारे प्रयास कर रही है लेकिन देश में प्रचलित भ्रष्टाचार और लालफीताशाही के कारण व्यक्तियों को लाभ का एक बहुत कम प्रतिशत ही प्राप्त हो पाता है।
  5. बुनियादी सुविधाओं का अभावः गरीब बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हैं, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए आवश्यक होती है। वित्तीय संसाधनों की कमी उन्हें मूल मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने से रोकती है।
  6. कठोर जलवायु: पूरे वर्ष भारत के उष्णकटिबंधीय जलवायु श्रमिक वर्ग के काम को मुश्किल बनाती है। जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता और श्रमिकों की मजदूरी में कमी आती है।
  7. भेदभाव और सामाजिक असमानता: जब अमीरों और गरीबों के बीच भूमि, धन आदि जैसी संपत्तियों के वितरण की बात आती है तो उस समय समाज में व्यापक असमानता दिखाई पड़ती है। गरीब सभी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रह जाते हैं जबकि जो उच्च और मध्यम आय वाले वर्ग हैं उनकी आय में वृद्धि दिखाई देती है।
  8. कुशल श्रमिकों की कमी: देश में श्रमिक हैं लेकिन कुशल श्रमिक अभी भी कम हैं। यद्यपि अकुशल श्रम शक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए सरकार द्वारा कई व्यावसायिक प्रशिक्षण पहल की शुरुआत की गई , लेकिन अभी भी गरीबों के कुछ वर्गों को कवर किया जाना बाकी है।

इनमें से कई कारण ऐसे हैं जो गरीबी को बढ़ावा देते हैं जो दुख का चक्र बनते हैं। भारत के सबसे जरूरतमंद लोगों की बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं, संसाधनों और जानकारी लेने से रोकते है जिसकी उन्हें जीवित रहने के लिए आवश्यकता होती है।

अत्यधिक गरीबी के परिणाम

अत्यधिक गरीबी केवल लोगों को न पसंद आने वाली अप्रिय स्थिति ही नहीं है बल्कि यह दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। गरीबी के परिणाम बहुत ही गंभीर और कष्टदायक होते हैं। उनमें से कुछ परिणाम यहाँ दिए गए हैं: –

  • देश के आर्थिक विकास और उन्नति में बाधा
  • खराब चिकित्सा सुविधाओं के कारण उच्च शिशु मृत्यु दर
  • स्कूलों में बच्चे कम दाखिला लेते हैं क्योंकि माता-पिता उनकी शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं।
  • जन्म के वक्त कम वजन वाले शिशु मानसिक और शारीरिक विकलांगताओं से ग्रसित होते हैं
  • बेरोजगारी और अत्यधिक गरीबी घरेलू हिंसा के लिए प्रेरित करती है
  • परिवार के सदस्यों के बीच तनाव
  • कुपोषण
  • स्वच्छता और आहार से संबंधित बीमारियों में वृद्धि
  • बेघर लोगों की बढ़ती दरें
  • आतंकवाद
  • जनसंहार

क्या है 2030 का एजेंडा?  

यूएनडीपी का 2030 का एजेंडा अत्यधिक गरीबी समेत दुनिया के सभी रूपों और आयामों में गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है। इस एजेंडा में 17 सतत विकास लक्ष्य शामिल किए गये हैं जिसका उद्देश्य “2030 तक हर जगह गरीबी के सभी रूपों की समाप्ति करना” है। गरीबी को कम करने में पिछले 10 वर्षों में भारत द्वारा की गई प्रगति के चलते, निश्चित रूप से 2030 तक अत्यधिक गरीबी को समाप्त करने में सक्षम हो जाएगा और सतत विकास के लक्ष्य को पूरा करने में समर्थ होगा।

अत्यधिक गरीबी के उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहलें

1. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना (डीडीयूजीकेवाई)

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना (डीडीयूजीकेवाई) वंचित लोगों के कष्ट दूर करने के लिए शुरू की गई थी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को मासिक आधार पर कौशल और कमाई करने की बेहतर क्षमता के साथ समर्थ बनाती है। यह भारत में गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है जिसमें उचित प्रशिक्षण दिया जाता है।

2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) या कौशल भारत

गरीबी को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) या कौशल भारत 16 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य लगभग 40 करोड़ भारतीय युवाओं को प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार के लायक बनाना है। गरीब छात्रों के लिए यह सरकारी योजना कौशल विकास के तहत नए क्षेत्रों को खोजने वाली पहल को बढ़ावा देती है।

3. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई)

दलित लोगों के जीवन से गरीबी को दूर करने  के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरूआत की गई। इस योजना में सरकार विशेष रूप से गरीब लोगों को सामने लाने के लिए संसद सदस्यों को प्रेरित करती है। इसके अन्तर्गत, ये सदस्य एक कौशल-उन्मुख कार्यशाला की व्यवस्था कर सकते हैं। जरूरतमंद लोग थोड़ी सी राशि का भुगतान करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

4. आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना या राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना 14 अप्रैल, 2018 को शुरू की गई थी। इस योजना के अन्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा गरीब परिवारों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें चिकित्सा लाभ प्रदान करना है। इस योजना के तहत लगभग 10 करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। देश भर में सभी सरकारी और निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और सबसे तृतीयक देखभाल प्रक्रियाओं के लिए नकदी रहित उपचार होगा।

 

Summary
Article Name
अत्यधिक गरीबी के कारण, परिणाम और सरकार की पहल
Description
भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अत्यधिक गरीबी के कारण, भारत आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश नहीं बन पा रहा है।
Author

Like us on Facebook

Recent Comments

Archives
Select from the Drop Down to view archives