Home / India / फन्ने खां – एक साधारण प्रसंग

फन्ने खां – एक साधारण प्रसंग

August 4, 2018
by


फन्ने खां – एक साधारण प्रसंग

निर्देशकः अतुल मांजरेकर

निर्माताः भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अनिल कपूर, पी० एस ० भारती, राजीव टंडन, कुसुम अरोरा, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, निशांत पिट्टी, वीरेंद्र अरोड़ा

लेखकः हुसैन दलाल, अब्बास दलाल (संवाद)

पटकथाः अतुल मांजरेकर, हुसैन दलाल, अब्बास दलाल

आधारितः डोमिनिक डेरुडेर द्वारा एवरीबडी इज फेमस

कलाकारः अनिल कपूर, ऐश्वर्या राय बच्चन, राजकुमार राव

संगीतः अमित त्रिवेदी

सिनेमेटोग्राफीः तिरु

संपादकः  मोनीशा आर बाल्डवा

प्रोडक्शन कंपनीः टी-सीरीज फिल्म्स, राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स, अनिल कपूर फिल्म्स एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क

वितरितः टी सीरीज फिल्म्स, एए फिल्म्स

फिल्म कथानक

बेल्जियम फिल्म “एवरीबॉडी इज फेमस” की आधिकारिक रीमेक “फन्ने खां” एक व्यंग्यात्मक कॉमेडी है। अतुल मांजरेकर द्वारा निर्देशित, “फन्ने खां” फिल्म प्रशांत कुमार (अनिल कपूर) की कहानी है, जो ऑर्केस्ट्रा में एक गायक है। प्रशांत कुमार ने एक प्रसिद्ध गायक बनने का सपना देखा था लेकिन विपरीत हालातों के कारण ऐसा हो नहीं पाता है। प्रशांत कुमार के दोस्त उसे फन्ने खां के नाम से बुलाते है। प्रशांत अपनी बेटी लता शर्मा (पिहू सैंड) के जरिये अपना सपना पूरा करना चाहता है, जिसका नाम प्रसिद्ध गायक लता मंगेशकर के नाम पर रखा गया है। लता के मोटापे के कारण अक्सर उसका मजाक बनाया जाता है। वह एक ऐसा पिता है जो अपनी बेटी को बड़े मंच पर लाने के लिए डटकर मेहनत करता है। प्रशांत अपनी बेटी को भारत की अगली सनसनीखेज गायिका बनाना चाहता है और जब तक वह अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेता तब तक रूकने का नाम ही नहीं लेता है। अपनी दीवानगी के चलते, प्रशांत इतना ज्यादा दृढ़ निश्चयी हो जाता है  कि उसे मजबूरन अपना काम छोड़ना पड़ता है। वह अधीर (राजकुमार राव) की मदद से सुप्रसिद्ध सोलोइस्ट गायिका बेबी सिंह (ऐश्वर्या राय) का अपहरण कर लेता है। वह बेबी सिंह के सामने मांग रखता है कि वह उसकी बेटी को एक संगीत शो में गाने का मौका दे और यदि वह ऐसा नहीं करेगी तो वह उसे मार डालेगा। फन्ने खां फिल्म की कहानी प्रशांत के सपने, लता का गायिका बनने की चाहत और बेबी के अपहरण के आसपास घूमती है।

फिल्म की समीक्षा

“फन्ने खां” फिल्म कॉमिकल दृश्यों से भरी हुई है लेकिन अत्याधिक मेलोड्रामा की वजह से कॉमेडी अपनी छाप छोड़ने में असफल रही। फिल्म मजबूत मुद्दों जैसे बॉडी-शेमिंग के बारे में बात करती है लेकिन कमजोर कथानक की वजह से फन्ने खां फिल्म दर्शकों पर जादू बिखेरने में असफल रही है। यद्यपि फिल्म में कोई बैक स्टोरी नहीं है, फिल्म के पात्रों का उम्दा प्रदर्शन है जिन्होंने अपनी-अपनी भूमिका को बढ़िया तरह से निभाया और फिल्म को गिरने से बचाया है।

“फन्ने खां” फिल्म पूरी तरह से अनिल कपूर से संबंधित है; जो फिल्म की आत्मा और दिल है। फिल्म में उनका साधारण अभिनय है जो दर्शकों पर निश्चित रूप से अपने आकर्षण से लगातार जादू डालने में नाकामयाब रहे हैं। फिल्म में ऐश्वर्या राय का छोटा रोल होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी भूमिका के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। हालांकि, अपनी पिछली फिल्मों में शानदार प्रदर्शन करने वाले राजकुमार राव, इस फिल्म में प्रतिभा दिखाने में असमर्थ हो गये हैं, फिल्म में एक चरित्र को बहुत कम दिखाया गया है। न्यूकॉमर पीहू सैंड ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है लेकिन काफी सितारों की उपस्थिति के कारण हाइलाइट नहीं हो सकी है।

हमारा फैसला-

फिल्म अनिल कपूर, ऐश्वर्या राय और राजकुमार राव के शानदार प्रदर्शन से पूरी तरह से भरी हुई है, लेकिन इसमें थोड़े से रोचक अंश की कमी है जो कथानक की मांग थी। हालांकि, फिल्म में एक भावनात्मक और उपयुक्त क्लाइमैक्स है जो इसे देखने लायक बनाता है। तो, इस सप्ताहांत पर सिनेमाघर का रूख करें, पॉपकॉर्न खायें और परिवार के साथ कुछ अच्छा समय बितायें।

 

 

 

 

 

Summary
Review Date
Reviewed Item
फन्ने खां – एक साधारण प्रसंग
Author Rating
31star1star1stargraygray