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भारत में प्रमुख व्यवसायिक समूह

April 26, 2018
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भारत में प्रमुख व्यवसायिक समूह | इन समूहों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

व्यापार समूह देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक बड़ा योगदानकर्ता हैं। कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का औद्योगिक परिदृश्य विभिन्न व्यावसायिक समूहों द्वारा निर्धारित किया जाता है। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में भारत की अर्थव्यवस्था को उभारने में औद्योगिक समूह एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं। भारत में 90 प्रतिशत कारोबार पारिवारिक स्वामित्व वाले हैं। इन व्यवसायिक समूह ने मंद बाजारों और संस्थानों की खाई को भरकर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत में प्रमुख व्यवसायिक समूह

टाटा समूह

टाटा समूह 1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित एक वैश्विक उद्योग है। भारत में टाटा समूह का प्रधान केन्द्र होने के कारण, यहाँ पर स्वतंत्र रूप से 100 से अधिक कंपनियाँ  काम कर रही हैं। टाटा समूह दुनिया के छह महाद्वीपों में 100 से अधिक देशों में काम कर रही हैं। टाटा संस प्राथमिक निवेश होल्डिंग कंपनी के साथ ही टाटा कंपनियों की प्रमोटर (सहायक) है। टाटा समूह कंपनी में 695,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्ष 2016-17 में, सभी टाटा कंपनियों की आय की गणना की गई, तो उस समय उनकी आय 100.39 बिलियन डॉलर थी। इस महत्वपूर्ण श्रेणी में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा केमिकल्स, टाटा ग्लोबल बेवरेज, टाटा टेलीसर्विसेज, टाइटन, टाटा कम्युनिकेशंस और इंडियन होटल्स शामिल हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड

1966 में, रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन के रूप में रिलायंस इंडिया लिमिटेड की स्थापना धीरूभाई अंबानी ने की थी। यह कंपनी अब अपने भाई अनिल अंबानी के साथ अलगाव होने के बाद मुकेश अंबानी की अध्यक्षता में है। इसका प्रधान केन्द्र मुबंई में है, जो एक भारतीय समूह होल्डिंग कंपनी है। रिलायंस, भारत में सबसे ज्यादा लाभदायक व्यवसायिक समूह है। 18 अक्टूबर 2007 को, रिलायंस इंडस्ट्रीज 100 अरब डॉलर बाजार पूंजीकरण को पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। रिलायंस को 2017 में फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की सूची में 203 वां स्थान दिया गया। रिलायंस, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क द्वारा भारत सरकार के कुल राजस्व में लगभग 5% योगदान देता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, वस्त्र, प्राकृतिक संसाधन, खुदरा और दूरसंचार क्षेत्रों में फैली हुई है।

रिलायंस एडीए समूह

अनिल अंबानी, व्यापार में अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी से अलग होने के बाद रिलायंस एडीए समूह को अस्तित्व में लेकर आए। कंपनी का प्रधान केन्द्र नवी मुंबई में है। रिलायंस एडीए कंपनी का बाजार पूंजीकरण 14 बिलियन डॉलर और इनकी शुद्ध संपत्ति 28 बिलियन डॉलर है। इस समूह की भारत और विदेशों में 20,000 से अधिक कस्बों में और 450,000 गांवों में संचालित कंपनियाँ हैं। रिलायंस एडीए समूह दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, मनोरंजन, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, विनिर्माण, रक्षा, विमानन, और परिवहन सेवाओं के कारोबार फैला हुआ है।

आदित्य बिड़ला समूह

1857 में सेठ शिव नारायण बिड़ला द्वारा स्थापित, आदित्य बिड़ला समूह भारत के सबसे अच्छे व्यापारिक समूहों में से एक है। आदित्य बिड़ला समूह का प्रधान केन्द्र वर्ली, मुंबई में है। यह समूह 40 देशों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 120,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ कार्यशील है। आदित्य बिड़ला समूह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ी एमएनसी (बहुराष्ट्रीय कम्पनी) है जो विनिर्माण कार्यों में 95% अमेरिकी कर्मचारियों का गठन करती है। यह समूह विस्कोस स्टेपल फाइबर, धातु, सीमेंट (भारत में सबसे बड़ी), विस्कोस फिलामेंट यार्न, ब्रांडेड परिधान, कार्बन ब्लैक, केमिकल्स, उर्वरक (खाद), इंसुलेटर, वित्तीय सेवाएं, दूरसंचार, बीपीओ और आईटी सेवाएं के क्षेत्रों में सक्रिय है।

अडानी समूह

अडानी समूह भारत के प्रसिद्ध व्यापारिक समूहों में से एक है। अडानी समूह का प्रधान केन्द्र गुजरात में है। अडानी समूह को 1988 में एक कमोडिटी ट्रेडिंग बिजनेस के रूप में स्थापित किया गया था। पहली पीढ़ी के उद्यमी गौतम अदाणी, अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। अडानी समूह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है, जो विविध व्यवसायिक क्षेत्रों में काम कर रहा है जिसमें संसाधन, लॉजिस्टिक, कृषि व्यवसाय और ऊर्जा क्षेत्र शामिल हैं। अडानी समूह की सहायक कंपनियाँ अदानी गैस लिमिटेड, अदानी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक जोन लिमिटेड, अदानी पावर हैं।

भारती एंटरप्राइजेज

भारती एंटरप्राइजेज की स्थापना वर्ष 1976 में सुनील भारती मित्तल ने की थी। भारती एंटरप्राइजेज का प्रधान केन्द्र नई दिल्ली में है और यह समूह अफ्रीका और एशिया के 16 देशों में फैला हुआ है। कंपनी दूरसंचार, कृषि व्यवसाय, वित्तीय सेवाओं और विनिर्माण के क्षेत्र में कार्यरत है। यह कंपनी कई क्षेत्रों में शामिल है, लेकिन सबसे ज्यादा आय दूरसंचार उद्योग से प्राप्त होती है। भारती एंटरप्राइजेज सिंगापुर टेलिकम्युनिकेशन (सिंगटेल), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मशीन निगम (आईबीएम), एरिक्सन, नोकिया सीमेंस और अल्काटेल-ल्यूसेंट जैसी कुछ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में मौजूदा प्रमुख भागीदार हैं। भारती एंटरप्राइजेज की चैरिटेबल शाखा, भारती फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के लिए 13 भारतीय राज्यों में 2,40,000 छात्रों और 8,000 शिक्षकों का खर्चा वहन कर रही है।

साराँश
लेख का नाम –

लेखिका – साक्षी एकवड़े

विवरण – भारत में, 90% व्यवसाय परिवार के स्वामित्व वाले हैं। इन व्यवसायिक ने मंद बाजारों और संस्थानों की खाई को भरकर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।