गोल्ड – ओलंपिक खेलों में भारत का पहला स्वर्ण पदक
निर्देशकः रीमा कागती
निर्माताः रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर
लेखकः जावेद अख्तर (संवाद)
पटकथाः राजेश देवराज
कहानीः रीमा कागती, राजेश देवराज
कलाकारः अक्षय कुमार, मौनी रॉय, कुणाल कपूर, अमित साध, विनीत कुमार सिंह, सनी कौशल, जतिन सरना, निकिता दत्ता, भवशील सिंह साहनी
संगीतः सचिन-जिगर
सिनेमेटोग्राफीः अलवारो गुटीरेज
संपादकः आनंद सुबया
प्रोडक्शन कंपनीः एक्सेल एंटरटेनमेंट
वितरितः एए फिल्म्स इंडिया, जी स्टूडियोज इंटेल
मूवी कथानक-
रीमा कागती द्वारा निर्देशित, गोल्ड फिल्म ओलंपिक खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के बारे में है जो भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1948 में हुआ था। गोल्ड फिल्म, भारतीय हॉकी टीम द्वारा ब्रिटेन में हुए ब्रिटेन के खिलाफ गोल्ड (स्वर्ण पदक) जीतने पर फिल्मायी गई है। टीम मैनेजर तपन दास (अक्षय कुमार) एक देशभक्त है, जिसका अपना व्यक्तिगत संघर्ष है। यह फिल्म उस समय पर बनी है जब भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपना पहला प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीता था। फिल्म का कथानक भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले की समस्याओं को दर्शाती है और आपको उस समय के मौहाल के भयानक अनुभव से रूबरू कराती है।
मूवी रिव्यू-
गोलड फिल्म काफी आकर्षक है और दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सभी का अभिनय बहुत ही उम्दा हैं। कभी कभी आप विस्मय हो सकते है कि अन्य टीम के खिलाड़ियों का थोड़ा ज्यादा रोल फिल्म की कहानी को और अधिक रोचक बना सकता था। फिल्म में अक्षय, मौनी, सनी या विनीत, सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश की है। हालांकि, कुणाल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन केवल सेकेंड हॉफ में कर सके है, लेकिन अपनी प्रतिभा से फिल्म में अमिट छाप छोड़ी है। फिल्म में मौनी रॉय अभूतपूर्व लगी है और दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने के लिए बहुत अच्छी कोशिश की है। गोल्ड फिल्म कहीं- कहीं पर फिल्म चक दे इंडिया के समान प्रतीत होती है लेकिन ऐसा इंटरवल के बाद ही प्रतीत होता है जिसके बाद फिल्म की कहानी आगे बढ़ने के साथ ही अपना रूख मोड़ लेती है।
हमारा फैसला –
हम आपको गोल्ड फिल्म के सभी कलाकारों के पावर-पैक प्रदर्शन का भरोशा दिलाते हैं और निर्देशक रीमा कागती द्वारा इस फिल्म को बड़े ही शानदार तरीके से बनाया गया है। यह फिल्म निश्चित रूप से देशभक्ति और विशिष्ट तरीके से आपको रोमांचित करने वाली है। खासतौर पर यह फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर देखने योग्य है।




