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मूवी रिव्यू – वीरे दी वेडिंग

June 1, 2018
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वीरे दी वेडिंग

निर्देशकः शशांक घोष

निर्माताः अनिल कपूर, रिया कपूर, निखिल द्विवेदी, एकता कपूर, शोभा कपूर

लेखकः निधि मेहरा, मेहुल सूरी

कलाकारः करीना कपूर, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर, शिखा तलसानिया, सुमीत व्यास

संगीतः शाश्वत सचदेव, विशाल मिश्रा, कुरान, व्हाइट नॉइज

ब्रेकग्रांउड स्कोर: अरजीत दत्ता

सिनेमेटोग्राफीः सुधाकर रेड्डी यक्कांति

संपादकः श्वेता वेंकट मैथ्यू

प्रोडक्शन कंपनीः बालाजी मोशन पिक्चर्स, अनिल कपूर फिल्म्स एंड कम्यूकेशन नेटवर्क, सैफ्रॉन ब्रॉडकास्ट एंड मीडिया लिमिटेड

अवधिः 2 घंटा 2 मिनट

फिल्म कथानक     

कालिंदी (करीना कपूर खान) और ऋषभ (सुमित व्यास) शादी कर रहे हैं, इसलिए कालिंदी के बचपन की तीन दोस्त इस शादी के उत्सव में शामिल होने के लिए एकजुट होती हैं। और हाँ, शादी का उत्सव दिखावटीपन से भरा हुआ है, जोकि कालिंदी को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। यह फिल्म चार लड़कियों के बारे में है, जिनके जीवन की समस्याएं काफी अलग हैं और इन समस्याओं से निपटने के उनके स्वयं के तरीके हैं। ये चारों लड़कियाँ काफी बोल्ड है, लेकिन गलत नहीं हैं। वीरे दी वेडिंग फिल्म में जीवन की कुछ कठोर वास्तविकताओं को दर्शाया गया है और साथ ही कई छिपे हुये रहस्य को उजागर किया है।

फिल्म समीक्षा

वीरे दी वेडिंग फिल्म का कथानक बॉलीवुड में कोई नया नहीं है, लेकिन बॉलीवुड की उत्कृष्ट अभिनेत्रियों को एक साथ लाना एकदम नया है, जो अपनी भूमिकाओं के जरिये समाज के आवश्यक नारीवाद को दर्शाती हैं। फिल्म का शानदार कथानक आधुनिक समाज की खुली दिमागी वाली महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमेशा स्टाइल में रहती हैं और अपशब्द (गाली) का उपयोग करने या विवाह से पूर्व सेक्स के बारे में बात करने में संकोच नहीं करती हैं (जिसकी कई लोग स्वीकृति नहीं दे सकते हैं)। ये चारों बहुत खूबसूरत है और जो अपने मौजूदा हालातों पर हंस सकती हैं। चारों सहेलियों की केमिस्ट्री काफी तगड़ी है लेकिन ऐसा लगता है कि फिल्म को थोड़ा और विस्तृत होना चाहिए था। दर्शक पात्रों में डूबने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा, फिल्म में ज्यादातर लड़कियों के बीच होने वाली बातचीत के दृश्यों को दर्शाया गया है साथ ही कहानी एक ही बिंदु पर बहुत लंबे समय तक अटक जाती है। हालांकि, फिल्म में “क्रेज़ी” की सही मात्रा है इसलिए युवा दर्शक फिल्म का खूब आनंद लेंगे। कई उल्लासपूर्ण डॉयलॉग और परिस्थिति वाली कॉमेडी आपको परेशान कर देगी।

हमारा फैसला

वास्तव में फिल्म का कथानक बेपरवाह, साहसी और उच्च उत्साही महिलाओं सहित काफी मजबूत है। फिल्म देखते हुए जब भी संगीत की आवश्यकता महसूस होगी, तो उसी वक्त बैकग्रांउड संगीत की धुन आपके मूड को खुश कर देगी। युवा पीढ़ी, इन पात्रों और दुविधाओं से अच्छी तरह से संबंधित हो सकती हैं जिसका वे सामना करती हैं। संक्षेप में, यह फिल्म दोस्तों के साथ पॉपकॉर्न खाते हुए समय व्यतीत करने के लिए काफी मनोरंजक है।

सारांश
समीक्षिका– रीका ग्रोवर

समीक्षा का दिन – 01-06-2018

रिव्यूवर आइटम – वीरे दी वेडिंग

लेखिका रेटिंग – ***

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