April 11, 2018

भारत एक ऐसा देश है, जहाँ के अधिकतर लोग मौलिक सुविधाओं से वंचित हैं। कुछ मामलों में लोगों को कागजों पर सुविधा तो मिल जाती है, लेकिन वास्तव में उनको इसमें कुछ भी नहीं मिलता है। अब सवाल यह उठता है कि इसके लिए किसको दोषी ठहराया जाए? क्या नीति निर्माताओं को इसका दोषी ठहराया जा सकता है, जो उन लोगों के बारे में उचित विचार नहीं करते हैं, जो उनको अपना वोट देते हैं। [...]
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