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असम में चराइदेव मैदाम्स

February 22, 2018
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असम में चराइदेव मैदाम्स

असम में चराइदेव मैदाम्स

स्थान: असम में शिवसागर से 28 किलो मीटर की दूरी पर स्थित पहली ही नजर में, शिवसागर के इस आकर्षण ने मुझे प्रसिद्ध कार्टून शो– टेलिट्यूब्स की याद दिला दी, जब मैं बच्ची थी, तब मैं इस कार्टून को खूब देखा करती थी। जिसमें गुंबदों और पहाड़ियों के साथ घास का दृश्य था और चार बच्चे (कार्टून पात्र) उछल कूद करके चारों ओर खेला करते थे।

1228 में, अहोम राजा चु लुंग सिउ-का-फा द्वारा स्थापित, असम का चराइदेव, अहोम राज्य की पहली राजधानी थी। चराइदेव मैदाम्स अहोम के पैतृक देवताओं का स्थान है जहाँ पर राजाओं और रानियों की समाधियाँ बनी हैं। इसके अलावा इसे ‘असम का पिरामिड’ भी कहा जाता है, चराइदेव की पहाड़ियों में कब्रें (मैडेम्स कहा जाता है) हैं और इस स्थान की तुलना मिस्र के पिरामिडों से की जाती है, इस तरह यह मध्ययुगीन काल का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है। वास्तव में यहाँ पर 150 से अधिक मैदाम्स हैं, लेकिन इनमें से केवल 30 असम राज्य के पुरातत्व विभाग के साथ – साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित हैं।

चराइदेव की चमत्कारिक वास्तुकला में गुंबददार कक्षाओं के साथ भूमिगत मेहराब शामिल हैं, जो मिट्टी के टीलों से ढके हुए हैं और इस कारण वे पहाड़ियों की तरह दिखाई देते हैं। प्रत्येक पहाड़ी की चोटी पर ईंटों और पत्थरों से बने छोटे से खुले मंडप हैं, जिन्हें ‘चो-चाली’ कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि राजा और रानियों के अलावा सेवक, पालतू जानवर और यहाँ तक कि कीमती सामानों को भी दफनाया गया था। जिसके कारण, इस स्थान पर कब्जा करके इन्हें लूट लिया गया और इस तरह यह क्षतिग्रस्त हो गया।

यहाँ पास में ही प्रोबा द्वारा स्थापित, सु-का-फा पार्क नामक एक प्रसिद्ध गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) स्थित है, जो बच्चों के लिए मनोरंजन के कई विकल्प प्रदान करता है।

 

 

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