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फीफा विश्व कप 2018 में फ्रांस बना विश्व विजेता

July 16, 2018
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फीफा विश्व कप 2018 में फ्रांस बना विश्व विजेता

फ्रांस का पिछले 20 सालों से चला आ रहा लम्बा इंतजार रूस के लुज्निकी स्टेडियम में आखिरकार समाप्त हो ही गया। जी हां, फ्रांस ने फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से मात देकर फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण का विजेता बन गया। फ्रांस 1998 के बाद, अब दूसरी बार विश्वकप जीतने में सफल रहा है। उस समय फ्रांस ब्राजील को हराते हुए यूरोप की महाशक्ति का सिरमौर बनी थी। एंटोनी ग्रीजमैन, पॉल पोग्बा और एमबापे के तेज और आक्रामक खेल की बदौलत फ्रांस एक बार फिर से नया इतिहास रचने में कामयाब रहा। वहीं क्रोएशिया को अपने पहले विश्वकप में हार का सामना करना पड़ा।

फीफा विश्वकप के 21वें संस्करण में 32 टीमों नें शिरकत की थी। तमाम जद्दोजहद को पार करके दो टीमें – फ्रांस और क्रोएशिया फाइनल में पहुंची थीं। जहाँ फ्रांस ने फीफा विश्व कप 2018 में शानदार जीत हासिल की।

दो से अधिक बार विश्व विजेता बनने वाला छठा देश बना फ्रांस

फ्रांस अब उन देशों के ‘‘स्पेशल क्लब’’ में शामिल हो गया है, जिसने एक से अधिक बार विश्व कप का खिताब जीता है। आपको बता दें कि फ्रांस ऐसा छठा देश बन गया है, जो एक से अधिक बार विश्व चैंपियन बना हो। इससे पहले ब्राजील (5), जर्मनी (4), इटली (4), अर्जेंटीना (2) और उरुग्वे (2) यह कमाल कर चुके हैं।

पहले हाफ का रोमांच

क्रोएशिया ने अच्छी शुरुआत की और पहले हाफ में न सिर्फ गेंद पर अधिक कब्जा जमाए रखा, बल्कि इस बीच आक्रामक रणनीति भी अपनाई। क्रोएशिया ने जहां दर्शकों के बीच रोमांच पैदा किया, वही फ्रांस ने अपने खेल से थोडा निराश भी किया। यह अलग बात है कि भाग्य फ्रांस के साथ था और वह बिना किसी खास प्रयास के दो गोल करने में सफल रहा।

फ्रांस को पहला मौका 18वें मिनट में मिला और मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से फ्रांस ने बढ़त हासिल की लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया। फ्रांस को हालांकि जल्द ही पैनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदल दिया। जिसमें फ्रांस हाफ टाइम तक 2-1 से आगे हो गया।

दूसरा हाफ

दूसरे हाफ में क्रोएशियाई टीम वापसी करने के इरादे से उतरी लेकिन फ्रांस ने अपना पक्ष मजबूत बनाए रखा। पॉल पोग्बा ने 59वें मिनट में तीसरा गोल दागकर क्रोएशिया के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। कुछ देर बाद ही किलियान एमबापे ने 65वें मिनट में फ्रांस को  4-1 की बढ़त दिलाई और क्रोएशिया के लिए जीत के सारे दरवाजे बंद कर दिए हालांकि 69वें मिनट में फ्रांस के कप्तान और गोलकीपर लॉरिस की एक गलती से क्रोएशियाई खिलाड़ी डजुकिच ने दूसरा गोल दागा। इसके बाद भी क्रोएशिया ने हार नहीं मानी। उसने कुछ अच्छे प्रयास किये लेकिन उसके शॉट बाहर चले गये। इस बीच इंजुरी टाइम में पोग्बा को अपना दूसरा गोल करने का मौका मिला लेकिन वह चूक गये। रेफरी की अंतिम सीटी बजते ही फ्रांस दूसरी बार विजेता बनकर जश्न में डूब गया।

मैच की खास बातें

  • 1974 के बाद विश्व कप में यह पहला अवसर है जब फाइनल में मध्यांतर से पहले तीन गोल हुए।
  • विश्व कप के फाइनल में एमबापे (19 साल) गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने।

कुल मिलाकर फ्रांस की योग्यता और आक्रामकता पहली बार विश्वकप का फाइनल खेल रही क्रोएशिया पर भारी पड़ी। पूरे टूर्नामेंट में हार न मानने वाले क्रोएशियाई खिलाड़ी सबसे बड़े मौके के दबाव के आगे टूट गए और फ्रांस ने साल 1998 के बाद से फिर से विश्व कप का खिताब अपनी झोली में डाल लिया।

गोल्डन बूट, गोल्डन बॉल और गोल्डन ग्लव्स का अवार्ड

पूरे विश्व कप के दौरान जहां सबकी नजर विश्व विजेता बनने वाली टीम पर थी तो वहीं गोल्डन बूट, गोल्डन बॉल और गोल्डन ग्लव्स किसे मिलेगा इस पर भी फुटबॉल फैंस की नजरें टिकी थीं।

क्रोएशिया के लुका मॉड्रिक को मिला गोल्डन बॉल- फाइनल में क्रोएशिया की टीम को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस हार के बावजूद भी क्रोएशिया के कप्तान लुका मॉड्रिक को विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए गोल्डन बॉल के अवॉर्ड से नवाजा गया। गोल्डन बॉल का खिताब टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मिलता है।

इंग्लैंड के हैरी केन को मिला गोल्डन बूट- गोल्डन बूट का खिताब टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है। इस दौड़ में इंग्लैंड के कप्तान और स्टार फॉरवर्ड हैरी केन और बेल्जियम के फॉरवर्ड खिलाड़ी रोमेलू लुकाकू सबसे आगे थे लेकिन जीत हैरी केन को मिली।

बेल्जियम के थिबॉट कोरटूइस ने जीता गोल्डन ग्लव्स- विश्व कप में गोलकीपरों को शानदार प्रदर्शन के लिए गोल्डन ग्लव्स का अवॉर्ड दिया जाता है। इस बार गोल्डन ग्लव्स की रेस में बेल्जियम के थिबॉट कोरटूइस, इंग्लैंड के जॉर्डन पिकफोर्ड, मैक्सिको के गुलेरमो ओछुआ, क्रोएशिया के डेनेजिल सुबासिच और फ्रांस के ह्यूगो लॉरिस शामिल थे। बेल्जियम के थिबॉट कोरटूइस ने इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया।