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भारतीय सीमा के निकट चीन ने बनाया मानवरहित मौसम केंद्र

July 18, 2018
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भारतीय सीमा के निकट चीन ने बनाया मानवरहित मौसम केंद्र

चीन ने अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट तिब्बत में मानवरहित स्वचालित मौसम निगरानी केंद्र की स्थापना की है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ‘क्षेत्रीय संघर्ष’ की स्थिति में देश की सेना, विमानों और मिसाइलों के संचालन में मौसम संबंधी मदद के लिए चीन द्वारा इस स्टेशन की स्थापना की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा प्रोजेक्ट

तिब्बत मौसम ब्यूरो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह केंद्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से मौसम संबंधी अहम मदद उपलब्ध कराएगा। उसमें कहा गया है कि इसके अलावा वह सीमा के विकास, सैनिकों और नागरिकों में सामंजस्य स्थापित करने में मददगार साबित होगा। नौ घरों एवं 32 नागरिकों की रिहाइश वाला युमई जनसंख्या के लिहाज से चीन की सबसे छोटी टाउनशिप है। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की खबर के मुताबिक तिब्बत के शाननान परिक्षेत्र के अंतर्गत ल्हुंजे के युमई में इस केंद्र की स्थापना की गई है।

तकनीशियन के अनुसार

केंद्र में काम करने वाले एक तकनीशियन के अनुसार यह स्टेशन एयर टेंपरेचर, एयर प्रेशर, हवा की गति, दिशा, उमस और बारिश जैसी चीजों के बारे में जानकारी देने में सक्षम होगा। तकनीशियन ने बताया कि सीमा पर स्थित होने के कारण यह स्टेशन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यातायात और संचार से जुड़े डेटा उपलब्ध कराने में भी सक्षम होगा।

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने 2018 में ही इस मौसम केंद्र के निर्माण की शुरुआत की थी और यह केन्द्र जून के महीने में पूरी तरह से बनकर तैयार भी हो गया है लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि चीन और भारत के सबंधो के चलते यह केन्द्र आने वाले समय में किसी बड़ी परेशानी का कारण न बन जाए।

डोकलाम पर लंबा विवाद

भारत के साथ चीन की बगावत तो जगजाहिर है। पिछले साल डोकलाम पर दोनों देशों के बीच अधिक दिनों तक विवाद चला था। इसके बाद दोनों देशो ने लंबी बातचीत के बाद डोकलाम के मामले को सुलझाया था। करीब दो महीने तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी थीं और कोई भी झुकने को तैयार नहीं थी। चीन की तरफ से भारत को बर्बाद कर देने तक की धमकी आई लेकिन भारत ने हार नही मानी और डटा रहा।

लेकिन हाल ही में दोनों देशों के बीच नरमी का वातावरण बना है। पीएम नरेंद्र मोदी पिछले महीने ही चीन की यात्रा पर गए थे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी द्विपक्षीय बातचीत भी हुई थी। इसने दोनों देशों के बीच रिश्तों में गर्मी पैदा की।

बता दें कि बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए यमुई में पहली सड़क का निर्माण कार्य 2017 से चल रहा है। दावे के मुताबिक जब यह सड़क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी तो यहां और भी मौसम केंद्रों की स्थापना की जाएगी।