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सर्दियों में गुड़ खाने के क्या फायदे हैं?

December 28, 2017
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सर्दियों में गुड़ खाने के क्या फायदे हैं?

जग्गेरी, जिसे आमतौर पर हिन्दी में गुड़ के नाम से जाना जाता है, यह बाजार में आसानी से पाई जाने वाली सर्वोत्तम कच्ची मिठाइयों में से एक है। जिस प्रकार पोपई सैलोरमैन के लिए स्पिनेच और भीम के लिए लड्डू पावर बूस्टर हैं, उसी प्रकार सर्दियों में आपके लिए गुड़ है। गुड़ गर्म शक्तिवर्धक है, इसलिए सर्दियों में गुड़ इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। यह शरीर के तापमान को नियत रखने में मदद करती है और शरीर में उपस्थित हानिकारक तत्वों का भी सफाया करती है। गुड़ में मूल रूप से 30-40 प्रतिशत पानी, 40-60 प्रतिशत सुक्रोज, 15-25 प्रतिशत इनवर्ट शुगर, 0.30 प्रतिशत कैल्शियम, 8.5-10 मिलीग्राम लोहा, 05/100 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 0.10/100 मिलीग्राम प्रोटीन और 14/100 मिलीग्राम विटामिन बी उपस्थित होती है।

गुड़ को कई तरह के स्रोतों जैसे खजूर और नारियल के रस आदि का उपयोग करके बना सकते हैं, लेकिन गन्ने के रस से बनी हुई गुड़ मुख्यता लोगों द्वारा पसंद की जाती है। इसे उबलते हुए गन्ने के रस से बनाया जाता है, जब तक कि यह गाढ़ा नहीं हो जाता है और बाद में इसे हल्का ठंडा होने के पश्चात् पसंदीदा आकार विभाजित कर दिया जाता है। यह मिठाई खनिज और विटामिन से भरपूर है और मधुमेह रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं। यद्यपि यह चीनी की तरह ही ऊष्माजनक है, लेकिन यह सफेद परिष्कृत चीनी से बेहतर विकल्प है। गुड़ का विभिन्न भारतीय व्यंजनों को तैयार करने में उपयोग किया जाता है और व्यंजनों में इसका उपयोग करने से, हमें एक निराले स्वाद की प्राप्ति होती है।

यहाँ सर्दियों में गुड़ खाने के 9 फायदे प्रस्तुत हैं:

शरीर के अंदर गर्मी उत्पन्न करती है-

आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ एक गर्म शक्तिवर्धक (तासीर) है, जो वास्तव में यह दर्शाती है कि इसके संपूर्ण उपापचय के दौरान शरीर के अंदर या शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। प्रत्येक ग्राम गुड़ में चार कैलोरी मौजूद होती है, जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है। सर्दियों के दौरान, मौसम की स्थिति के कारण रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती है और गुड़ रक्त वाहिकाएं को फैलाने में और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में काफी सहायक होती है। इस मौसमी मिठाई में खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम और जिंक आदि जैसे कई तत्व शामिल होते हैं, जो इसको और अधिक पौष्टिक बनाते हैं।

शरीर के भीतर प्रतिरक्षा में वृद्धि करती है-

गुड़ कुछ संक्रमणों के खिलाफ शरीर के भीतर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है, क्योंकि गुड़ विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और विटामिन से परिपूर्ण होती है। गुड़ प्रतिरक्षा में वृद्धि करने के साथ-साथ हानिकारक रोगाणुओं के खिलाफ शरीर की रक्षा करती है। यह स्वाभाविक रूप से खाँसी और सर्दियों के मौसम में भी लाभदायक सिद्ध होती है। इसमें फेफड़ों को विषाक्त प्रदूषण से बचाने की भी क्षमता होती है, इसलिए इसे सर्दियों के महीनों के दौरान अपने संतुलित आहार में शामिल करना चाहिए।

कब्ज से बचाती है और पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाती है-

यह शरीर के भीतर आंत की गति को उत्तेजित करती है, इसलिए कब्ज में आराम मिलता है। यह आंत के कीड़ों आदि का भी उपचार कर सकती है। यह शरीर के भीतर होने वाली प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करके, पेट को ठंडा करती है और पाचन एंजाइमों के उत्पादन में वृद्धि करने के पश्चात् एसिटिक एसिड में परिवर्तित हो जाती है। इससे प्रमुख रूप से पाचन तंत्र पर भार कम हो जाता है, जिससे पाचन क्रिया में सुगमता होती है।

जोड़ों के दर्द को कम करती है-

क्या आपने कभी अपने दादा दादी को खाना खाने के बाद ‘गुड़ की रोटी’ या गुड़ का एक टुकड़ा माँगते देखा है? पुरानी पीढ़ी पहले से ही इस अद्भुत मिठाई के फायदों से अवगत है, इसलिए वे रोजाना भोजन के बाद गुड़ का सेवन करते हैं। जैसा कि बुजुर्ग लोगों को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें दूध के साथ गुड़ का सेवन करने या अदरक के रस के साथ गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत करने में मदद करती है और जोड़ों के दर्द से भी निजात दिलाती है।

शरीर से विषाक्त तत्वों का निराकरण करती है-

गुड़ शरीर के भीतर मौजूद विषाक्त तत्वों को निकाल देती है। इसमें एलर्जी विरोधी गुण मौजूद होते हैं, जो सर्दी के दौरान ठंड और खाँसी के कारण होने वाली एलर्जी को रोकने में मदद करती है। यह रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करती है, जिसके कारण विषाक्त तत्वों का निराकरण होने के बाद, रक्त प्रवाह में सुधार होता है। इसके अलावा, गुड़ श्वसन तंत्रको भी स्वच्छ करती है, इसलिए आमतौर पर सर्दियों के मौसम में होने वाले संक्रमणों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता में भी इजाफा होता है।

मासिक धर्म में ऐंठन वाली दर्द को कम करती है-

गुड़ में विभिन्न खनिज और विटामिन मौजूद होते हैं। अल्प मात्रा में गुड़ का उपयोग करके, माहवारी के दौरान खो जाने वाली ऊर्जा की रोक-थाम की जा सकती है। गुड़ शरीर के भीतर एंडोर्फिन और हैप्पी हार्मोन को मुक्त करती है, जो आपको अच्छा महसूस करने में अहम भूमिका निभाते हैं और माहवारी के दौरान आराम प्रदान करते हैं। यदि आप खाने के बाद अल्प मात्रा में गुड़ का सेवन करते हैं, तो अचानक मिजाज बदलना, हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव, पेट की ऐंठन की समस्या से निजात पा सकते हैं।

लौह तत्व में प्रचुर, एनीमिया से बचाती है-

गुड़ मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के सामान्य स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। इसमें लोहा और फोलेट तत्व की बड़ी मात्रा मौजूद होती है। चूँकि गुड़ लौह तत्व का प्रचुर स्रोत है, इसलिए यह आसानी से एनीमिया की रोकथाम करने में मदद करती है। गर्भवती महिलाओं के लिए गुड़ का सेवन बेहद लाभदायक है। गुड़बड़ी संख्या में खनिजों और विटामिन की उपस्थिति के कारण, व्यक्ति को खोई हुई ऊर्जा को वापस प्राप्त करने में मदद करती है।

श्वसन समस्याओं से बचाती है-

आयुर्वेद के अनुसार, तिल के बीज के साथ सेवन की जाने वाली गुड़ एक वरदान से कम नहीं है। अगर गुड़ का नियमित आधार पर तिल के बीज के साथ सेवन किया जाता है, तो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि जैसी श्वसन समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है। जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि गुड़ से श्वसन तंत्र स्वच्छ होता है और इसका उपयोग करने से गुर्दे और फेफड़े भी उचित ढंग से कार्य करते हैं।

शरीर के उपापचय में वृद्धि और वजन घटाने में मदद करती है-

गुड़ में उच्च मात्रा में पोटेशियम उपस्थित होता है, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। यह शरीर को बलशाली बनाने और उपापचय को बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार है। पोटेशियम शरीर में मौजूद जल प्रतिधारण को कम करके, वजन घटाने में मदद करता है।

तो आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं? अपने दैनिक आहार में गुड़ को शामिल करें और इस सर्दी के मौसम में स्वस्थ रहें।

 

 

 

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