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मानसून सत्र 2018 – क्या पास होंगे ट्रिपल तलाक और हलाला संबंधी विधेयक?

July 19, 2018
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मानसून सत्र 2018 – क्या पास होंगे ट्रिपल तलाक और हलाला संबंधी विधेयक?

आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस मानसून सत्र से मोदी सरकार को बहुत सारी उम्मीदें हैं। सरकार इस सत्र में कई सारे विधेयक पास करना चाहती है। लेकिन विपक्ष सरकार को इस सत्र में कई मोर्चों पर घेरना चाहता है। लेकिन ऐसी उम्मीद है कि इस बार संसद में ज्यादा हंगामा नहीं होगा। क्योंकि लोकसभा स्पीकर ने अपनी ओर से इसपर पहल की है। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए सरकार ने महिला आरक्षण, तीन तलाक और निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को संसद से पारित करने में सहयोग करने की मुख्य विपक्षी दल से अपील की है।

इस सत्र में सरकार 43 विधेयकों पर चर्चा और उनको पारित कराने का प्रयास करेगी। जिनमें से छह विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाये जायेंगे। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मंगलवार को बताया कि 24 दिन के इस मानसून सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी।

टीडीपी मोदी सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा करने के पश्चात और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने के बाद अब टीडीपी ने शुरू हो रहे मानसून सत्र में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। बजट सत्र में ये प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया था।

विजयवाड़ा में चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई टीडीपी संसदीय दल की बैठक में ये फैसला लिया गया। टीडीपी नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान जो वादे किए वो पिछले चार साल में पूरे नहीं किए हैं और अब वो मानसून सत्र में दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे।

सरकार ने की कांग्रेस से सहयोग करने की अपील

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि इन विधेयकों को पारित कराने के अलावा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए उनकी पार्टी को भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहिए। राहुल गांधी ने एक पत्र लिखते हुए प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि वह 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराएं। पत्र में उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक को पारित कराने में सरकार का पूरा सहयोग करेगी।

कौन से विधेयक पास होने आवश्यक हैं

सत्र में वर्ष 2018-19 के लिए रेलवे सहित अन्य अनुपूरक मांगों तथा वर्ष 2015-16 की अतिरिक्त अनुदान मांगों की मंजूरी का प्रस्ताव किया जायेगा। तीन विधेयक वापस भी लिये जायेंगे जिनमें लोकसभा में सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक 2015 और राज्यसभा में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (अधिनियम) विधेयक 2012 और नालंदा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2013 शामिल है।

सरकार के इस सत्र में जिन अध्यादेशों के स्थान पर विधेयक लाये जायेंगे उनमें भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश 2018, आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018, उच्च न्यायालयों की कमर्शियल अदालतें, कमर्शियल डिविजन्स और कमर्शियल अपीलीय डिविजन्स (संशोधन) अध्यादेश, 2018, होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, 2018, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018, इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2018 शामिल हैं।

इसके अलावा दोनों सदनों में लंबित पड़े कुछ और महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी चर्चा होगी और उन्हें पारित किया जाएगा। इनमें मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन केन्द्र विधेयक 2018, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण विधेयक, 2016, संविधान का 123वां संशोधन विधेयक 2017, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2017, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2017 और भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक 2013 शामिल हैं।

नये विधेयकों में मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2018, सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2018, बांध सुरक्षा विधेयक 2018 और डीएनए प्रौद्योगिकी उपयोग नियमन 2018 भी शामिल हैं।

 

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