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आईपीएल से संबंधित शीर्ष छह विवाद

April 2, 2018
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आईपीएल विवाद

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण के शुभारंभ में कुछ दिन ही शेष बचे है और  निश्चित रूप से यह उत्साह और रोमांच से  परिपूर्ण खेल है। वर्ष 2008 में स्वीकृत आईपीएल, युवा खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर उभारने के मामले में सबसे सफल टी-20 टूर्नामेंटों में से एक रहा है। हालांकि, आईपीएल भी कई विवादों से घिरा हुआ है और उन विवादों ने केवल इसकी लोकप्रियता को प्रभावित किया है। यह कोई गर्व की बात नही है कि क्रिकेट लीग के हर सीजन में तीन या चार विवाद देखने को मिलते हैं, जो गहनतम विचार करने योग्य हैं और सभी के लिए यह एक आश्चर्य बना हुआ है।

आईपील के खिलाड़ी हो या अधिकारी लगभग सभी को विवादों का सामना करना पड़ा है। यहाँ तक कि इन मामलों में टीम के मालिक भी जूझते नजर आए है। विभिन्न विवादों के बाद, आमतौर पर एक खेल की लोकप्रियता कम हो जाती है, लेकिन यह आईपीएल के मामले में कहना ठीक नहीं होगा, क्योंकि यह अभी भी बड़ी संख्या में दर्शकों और दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

8 अप्रैल को जब आईपीएल-8 समाप्त होने वाला था, तभी कोलकाता नाइट राइडर्स ने कहा कि यदि बीसीसीआई, स्पिनर सुनील नारायण के नाम को स्पष्ट नहीं करेगा, तो हम टूर्नामेंट से बाहर निकल जाएंगे। नारायण के निलंबित होने पर, उनके बचाव के समर्थक क्रिकेट बोर्ड को कोर्ट में पेश करने के लिए तत्पर थे। इसलिए आईसीसी द्वारा नारायण का नाम हटा देने के बावजूद भी, बीसीसीआई ने उन्हें वर्ष 2015 के आईपीएल में भाग लेने और अन्य टेस्ट मेैचों में एक बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया था।

आइए अब आईपीएल के शीर्ष विवादों पर एक नजर डालते हैं-

मैच-फिक्सिंग और सट्टेबाजी से ग्रस्त आईपीएल-6

आईपीएल के लिए वर्ष 2013 का सीजन सबसे विवादास्पद रहा था। आईपीएल के छठे संस्करण के स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स टीम के श्रीसंत,  अंकित चव्हाण और अजित चंडेला आदि खिलाड़ी शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने इन तीन खिलाड़ियों के साथ 11 सट्टेबाजों को भी गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें राजस्थान रॉयल्स के एक पूर्व खिलाड़ी अमित सिंह भी शामिल थे। भारतीय क्रिकेट की शासक समिति बीसीसीआई ने स्पॉट-फिक्सिंग मामले में शामिल सभी खिलाड़ियों पर आजीवन मैच न खेलने का प्रतिबंध लगा दिया था। सट्टेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा राजस्थान रॉयल्स के मालिक, राज कुंद्रा पर भी एक विस्तृत जाँच की गई थी, जिसके बाद उन्होंने टीम सहित अपनी भी भागीदारी को कबूल कर लिया था।

इस घटना ने इस तथ्य को उजागर किया कि खिलाड़ियों के अलवा अन्य सेलिब्रिटी भी सट्टेबाजी और मैच-फिक्सिंग में शामिल हैं, क्योंकि विंदू दारा सिंह का भी नाम सट्टेबाजी में शामिल था। सबसे बड़ी बात यह थी कि चेन्नई सुपर किंग्स के सह मालिक और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद, गुरुनाथ मयप्पन की सट्टेबाजी में भागीदारी पाई गई थी। सीएसके टीम इस मुद्दे से दूर रहने का प्रयास कर रही थी और इसलिए अंत में उचित न्याय के लिए श्रीनिवासन को निष्पक्ष जाँच हेतु बाध्य किया गया और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई।

जाँच के बाद, सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक भारतीय कप्तान पर मैच फिक्सिंग में शामिल होने के आरोप लगाने के लिए मीडिया हाउस, जी मीडिया कॉरपोरेशन और न्यूज नेशन नेटवर्क के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया था, क्योंकि वह निर्दोष पाए गए थे।

ललित मोदी का निलंबन

धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराए गए आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी  को बीसीसीआई ने वर्ष 2010 में बर्खास्त कर दिया था। आईपीएल के दूसरे संस्करण में आईपीएल के वित्त प्रबन्धन के कुशासन का भी पता चला था। ललित मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों व गोपनीय समझौते के उल्लंघन के साथ-साथ उनके ट्वीट्स ने आईपीएल की कोच्चि-केरल टस्कर्स के विशेषाधिकार से बाहर निकालने का रास्ता बिलकुल साफ कर दिया था।

स्लैपगेट घटना में शामिल श्रीसंत और हरभजन

मुंबई इंडियंस के पूर्व कप्तान हरभजन सिंह और किंग्स इलेवन के खिलाड़ी श्रीसंत के बीच यह घटना, आईपीएल 2008 के शुरुआती दौर में हुई थी, जब हरभजन ने एक मैच के अंत में किंग्स इलेवन टीम के तेज गेंदबाज को थप्पड़ मार दिया था। बीसीसीआई की जाँच के बाद हरभजन पर 11- मैचों का प्रतिबंध लगाया गया था। इसका वीडियों भी रिलीज नहीं किया गया था और मैदान पर रोते हुए श्रीसंत ने बताया कि हरभजन ने उन्हें थप्पड़ नहीं मारा था, बल्कि कोहनी मारी थी।

रेव पार्टी स्कैंडल

आईपीएल 2012 भी काफी विवादाग्रस्त रहा था। पुणे आईपीएल टीम के खिलाड़ी- राहुल शर्मा और वेन पार्नेल को अन्य सेलिब्रिटीयों के साथ मुंबई की एक रेव पार्टी में पकड़े जाने के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया था। कहा जाता है कि वह लोग ड्रग्स का सेवन किए हुए थे। हालांकि उन खिलाड़ियों ने इसके लिए अपना सकारात्मक परीक्षण दिया और उन्हें छोड़ दिया गया।

इसी सीजन में आरसीबी टीम के खिलाड़ी ल्यूक पोमेरबैच को एक महिला के खिलाफ छेड़-छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इस मामले को बाद में कोर्ट के बाहर ही सुलझा दिया गया था।

शाहरुख खान का वानखेड़े स्टेडियम में विवाद

बॉलीवुड स्टार और केकेआर के सह-मालिक शाहरुख खान आईपीएल 2012 में एक विवाद से ग्रस्त नजर आए। कहा जाता है कि शाहरुख नशे की हालत में वानखेड़े स्टेडियम में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के साथ-साथ स्टेडियम के सुरक्षा स्टाफ के साथ लड़ाई भी की थी। इस घटना के बाद, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने शाहरुख खान को अगले पाँच वर्षों तक स्टेडियम में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि बहुत से व्यक्तित्वों ने इस प्रतिबंध को हटाने की अपील की है, परन्तु अभी वह प्रतिबंध के दायरे में है।

केकेआर से सौरव गांगुली के बाहर जाने पर उनके प्रशंसकों द्वारा शाहरुख खान को ही उसका जिम्मेदार ठहराया गया था। बाद में शाहरुख ने स्पष्ट कर दिया था कि यह उनका फैसला नहीं था। आईपीएल के पहले तीनों सत्रों में केकेआर टीम के कप्तान सौरव गांगुली को इस टीम से निलंबित कर दिया गया था, जो वास्तव में सबसे विवादास्पद था और यह एक काफी भावनात्मक मुद्दा साबित हुआ था। आईपीएल के चौथे सत्र में दादा ने पुणे वारियर्स की ओर से आईपीएल में पुनः वापसी की थी।

चेन्नई में श्रीलंका के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध

बहुमुखी प्रतिभा संपन्न और श्रीलंका के पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने 9 अप्रैल को दो बार चैंपियन रही चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के खिलाफ दिल्ली डेयरडेविल्स के सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलने का अवसर गंवा दिया था, क्योंकि तमिलनाडु की सरकार ने किन्हीं राजनीतिक मामलों के कारण श्रीलंका के सभी खिलाड़ियों पर चेन्नई में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आईपीएल की शासी परिषद भी इस प्रतिबंध को पिछले दो सत्रों से अस्वीकार करने का प्रयास कर रही थी, परन्तु ऐसा कर नहीं सकी। अतः इस निर्णय के कारण दिल्ली डेयरडेविल्स को मात खानी पड़ी थी।