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भारतीय शहरों में अब उद्यानों की जगह होगी पार्किंग

July 3, 2018
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भारतीय नगरीय शहरों में अब पार्क की जगह होगी पार्किंग

पार्क लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों से एक साथ लाने और समाज में सामंजस्य पैदा करने के महत्वपूर्ण उद्देश्य प्रदान करते हैं। बच्चे अपने दोस्तों या परिवार के साथ पार्क में जाने का आनंद उठाते हैं। पार्क में बच्चे चिंता से मुक्त होकर इधर-उधर खेल व टहल सकते हैं। पार्क और मनोरंजक गंतव्य किसी विशेष क्षेत्र के वातावरण को पुनर्जीवित करने में सहायता प्रदान करते हैं। लेकिन, बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप शहरीकरण तेजी से हो रहा है और महानगरीय परिदृश्य में बदल रहा है। विकास में तेजी के कारण, नगरीय शहरों की गतिशीलता में बाधा आ रही है। सार्वजनिक स्थलों पर वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण भारतीय शहरों में घातीय दर में वृद्धि हो रही है। वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण सरकार द्वारा पार्किंग के लिए, पार्कों और मनोरंजक गंतव्यों को अतिक्रमित किया जा रहा है। पार्कों और मनोरंजक गंतव्यों की अधिक संख्या में पार्किंग में परिवर्तन से शहरी परिदृश्य चुनौतीपूर्ण बन गया है।

पार्क के बिना जीवन?

पार्क और हरे-भरे सार्वजनिक स्थल, समाज को आनंदित करने और स्वस्थ रखने का एक अच्छा विकल्प हैं। ये क्षेत्र के तापमान को भी नियंत्रित रखते हैं। अक्सर देखा जाता है कि पार्क और हरे-भरे सार्वजनिक स्थल – पानी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवाही स्तर को बेहतर बनाकर भूजल की रक्षा करते हैं। लगातार होने वाली बारिश के कारण आने वाली बाढ़ को नियंत्रित करते हैं, सांस लेने के लिए हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। बच्चों और परिवारों को प्रकृति से जोड़ने के लिए ये एक सामान्य स्थान के रूप में कार्य करते हैं। सामाजिक या आर्थिक परिस्थिति के बावजूद भी एक समुदाय के लोग एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पार्क या हरे-भरे किसी साधारण गंतव्य पर बिताया गया समय, प्रत्यक्ष रूप से एक व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित है।

तात्कालिक विकास भारी प्रतिप्रभाव के साथ आया है

1990 के दशक के प्रारंभ में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार द्वारा शुरू की गई नई आर्थिक नीतियों की शुरूआत ने भारत को विकास की तीव्र राह पर पहुँचाया है। इन नीतियों ने देश की कमजोर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर अर्थव्यवस्था के उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में आर्थिक सुधार किए हैं। शहरी समुदाय एक नई विकास की कहानी का उपरिकेंद्र बन गया है। कस्बों और गांवों से बड़ी संख्या में लोग नए आर्थिक अवसरों की तलाश और रहने का बेहतर स्तर हासिल करने के लिए नयी जगहों पर बस रहे हैं। जीवन स्तर में सुधार के साथ, निजी वाहन एक आवश्यक सम्पत्ति बन गए हैं| सड़कें और सार्वजनिक स्थल वाहनों से घिरने लगे हैं। जल्द ही, सरकार निजी परिवहन की बढ़ती संख्या और पार्किंग स्थल की कमी का सामना करने में असमर्थ हो गई जिससे उन्हें पार्क और मनोरंजक क्षेत्रों को पार्किंग क्षेत्र में बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा और जनता से उनके घूमने और टहलने वाले सुलभ स्थानों को छीन लिया।

पार्क खोने का प्रभाव और इनके संरक्षण में सरकार की भूमिका

पिछले कुछ दशकों में, शहरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन एक प्रत्यक्ष घटना बन गई है, क्योंकि जनसंख्या घनत्व, हरे भरे क्षेत्र की कमी और घनी इमारतें, मौसम और शहर के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं। वाहनों की बढ़ती संख्या केवल सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण ही नहीं करती, बल्कि शहरों के कार्बन उत्सर्जन के स्तर को भी बढ़ाती है और शहरी क्षेत्र में प्रदूषण स्तर को बढ़ाने में योगदान करती है। यदि सरकार निजी वाहनों की संख्या पर एक अधिकतम सीमा निश्चित करने में  सक्षम नहीं हो पायी, तो संभावना है कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और ऐसे कई शहरों में भविष्य की पीढ़ी कभी भी पार्क की यात्रा और खेलने की खुशी का आनंद नहीं ले पाएंगी। सरकार को नागरिकों के लिए इन विलुप्त होने वाले परिणामों, जो निजी वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण पर्यावरण और उसके जीवन के समाप्त होने की आशंका है, के बारे में जागरुक होने की आवश्यकता है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग आने जाने में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और शहरों में बढ़ते यातायात को कम करने में मदद कर सकें। इसलिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण वाले नागरिकों को सभ्य जीवन प्रदान करने के लिए, सरकार को पार्किंग वाले स्थानों को बदलने के बजाय पार्कों और सार्वजनिक हरियाली वाले स्थानों की रक्षा करने की आवश्यकता है।

 

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भारतीय नगरीय शहरों में अब पार्क की जगह होगी पार्किंग
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देश के शहरी क्षेत्रों में अधिक आबादी और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण पार्क और मनोरंजन क्षेत्र तेजी से अपना अस्तित्व खो रहे हैं, क्योंकि उनमें से कुछ क्षेत्र अब पार्किंग स्थान में बदल गये हैं।
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