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राजस्थान – सरकार की कार्य समीक्षा और मुख्य चुनावी मुद्दे

November 19, 2018
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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018, राजस्थान सरकार की कार्य समीक्षा

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 – सरकार की कार्य समीक्षा और अन्य मुद्दे

राजस्थान में 7 दिसंबर 2018 को राज्य विधानसभा में 200 प्रतिनिधियों के चयन के लिए चुनाव होगें। यहाँ की वसुंधरा राजे की अगुआई वाली वर्तमान भाजपा सरकार, इस बार मजबूत विरोधी सत्ता का सामना कर रही है, जिसने 2013 में बहुत ही अच्छे मतों से जीत हासिल की थी।

यह समय पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा करने और आने वाले चुनावों में इसकी संभावनाओं को देखने का है। इसका मूल्यांकन करने के लिए हम निम्नलिखित मुख्य मानकों को देखते हैं:

राजनीति

विधानसभा सीटें: 200

2013 में, बीजेपी ने 163 सीटें जीतीं थीं, कांग्रेस 21 सीटें, बसपा 3 सीटें, निर्दलीय 7 सीटें, नेशनल पीपुल्स पार्टी 4 सीटें, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी ने 2 सीटें जीतीं थीं। 2013 की जीत ने 2014 के आम चुनावों में आने वाली पार्टी के बारे में एक मजबूत संकेत दिया था, जहां नरेंद्र मोदी ने भाजपा को शानदार जीत दिलाने का नेतृत्व किया है। इस बार भी, विधानसभा चुनाव के नतीजे आम चुनावों के लिए राज्य के लोगों की मनोदशा के भाव देंगे, हालांकि विधानसभा और आम चुनावों के मुद्दे अलग-अलग हैं। उप-चुनावों में हार से, जहां बीजेपी की सीटों ने वसुंधरा राजे की राजनीतिक शान को झटका दिया है और वे पार्टी में ही पराजय और चुनाव के बीच लड़ रही हैं।

इस बार राजस्थान राज्य में राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), अपनी सत्ता लाने की कोशिश में लगी है, क्योंकि यह राज्य के कई मुद्दों पर लोगों की वर्तमान दयनीय स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है। इस बार, कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिस तरह से 2013 में भाजपा ने वसुंधरा राजे को अच्छी सीटों से जीत दिलाई थी।

मुख्य चुनौतियां: इस बार वसुंधरा राजे को चुनाव में मजबूत विरोधी और आपसी मतभेद का सामना करना पड़ेगा। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही बसपा चुनाव की सरदर्दी पैदा कर सकती है।

आर्थिक प्रभाव

राजस्थान राज्य समग्र विकास के रास्ते पर रहा है। यहाँ के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2000 से 11.60 सीएजीआर की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 13-14 में जीएसडीपी 91.08 अरब डॉलर थी और वित्त वर्ष 17-18 में यह 130.37 अरब डॉलर हो गई है, जो 43.13% की वृद्धि को दर्शा रही है।

राजस्थान राज्य में चूना पत्थर का सबसे बड़ा भंडार है और ये सीमेंट का एक प्रमुख उत्पादक है। बाड़मेर में 9 मिलियन टन क्षमता वाले रिफाइनरी-सह-पेट्रोलियम परिसर पर कार्य शुरू हुआ है, जिसके तहत राज्य के राजस्व में योगदान देने के साथ-साथ बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां भी उत्पन्न करने की उम्मीद है।

राजस्थान राज्य ने आईटी, आईटीईएस और दूरसंचार क्षेत्रों में विकास के प्रति तेजी से कदम उठाए हैं, जिससे प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष में कई नई नौकरियां उत्तपन्न की गई हैं।  राजस्थान राज्य में 45.92 मिलियन देश के आगंतुक हैं और 1.61 मिलियन विदेशी पर्यटक के साथ पर्यटन में भी बृद्धि हो रही है।

राजस्थान राज्य, देश में, शांत पूर्वक व्यवसाय करने वाले राज्यों में 6 वें स्थान पर है।

महत्वपूर्ण आर्थिक उन्नति करने के बावजूद भी, वसुंधरा राजे को राज्य में निराशा का सामना करना पड़ रहा है। अनियमित मानसून और ऋण चुकौती के दबाव के कारण घाटे में आए आपदाग्रस्त किसान ऋण छूट के लिए किए गए के प्रति दबाव डाल रहे हैं। राज्य सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिए अधिक धन जुटाने की कोशिश कर रही है।

कृषि ऋण छूट, पंचायत और जिला परिषद कर्मचारियों के लिए डीए में बढ़ोतरी,  पेट्रोल और डीजल पर वैट को कम करने जैसी सभी जनवादी योजनाएं, राज्य सरकार के लिए एक तनावग्रस्त वित्तीय स्थिति को उत्पन्न करने में योगदान दे रही हैं। इस बार चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में आए, राज्य के पास ऋण चुकौती या 2019 के बाद से नई विकास योजनाओं को शुरु करने के लिए बहुत कम संसाधन उपलब्ध होंगे।

 

मुख्य चुनौतियां: आपदाग्रस्त किसानों के बड़े वर्गों द्वारा पार्टी के खिलाफ मतदान किया जा सकता है। एफडीआई में गिरावट, नई नौकरियों के सृजन में की कमी और वैकल्पिक आय के अवसर, चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के लिए बहुत मायने रखते हैं।

बुनियादी ढांचा का प्रभाव  

राज्य ने बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 1,509.79 मिलियन अमरीकी डालर की कुल 132 परियोजनाओं (सड़कों, शहर का बुनियादी ढांचा,  जल, बिजली, आईटी, सामाजिक और अन्य क्षेत्रों की परियोजनाओं) को 2017 तक ही पूरा कर दिया गया था और 1, 077 मिलियन डालर की 49 परियोजनाएं  कार्यान्वयन में हैं। 6,023 मिलियन अमरीकी डालर की 146 परियोजनाओं की योजना बनाई गई है, जो वादे किए गए क्षेत्रों को कवर करती हैं।  

वेदांत समूह राज्य में $ 4.17 बिलियन का निवेश कर रहा है, जिससे तेल अन्वेषण और उत्पादन में काफी हद तक बृद्धि हो रही है। इस साल अप्रैल में। विक्रम सौर ने राज्य में 130 मेगावॉट सौर पीवी संयंत्र शुरू किया।

समस्या कम कौशल वाले क्षेत्रों और एमएसएमई में नई नौकरियों के सृजन की कमी की रही है।

मुख्य चुनौतियाः बड़ी ऋण छूट और अन्य जनसांख्यिकीय योजनाओं की बढ़ रही समस्याओं के कारण राज्य सरकार को ऋण मुक्त करने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो नई परियोजनाओं में होने वाले निवेश में बाधा बन रहा है।

सामाजिक प्रभाव

राजस्थान राज्य ने सामाजिक कल्याण और सामुदायिक विकास के लिए $ 6.82 बिलियन आवंटित किए हैं। ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और बालिकाओं को शिक्षित करने के प्रति बहुत अधिक जोर दिया गया है। महिला सरकारी कर्मचारियों को बाल देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी की मंजूरी दी गई है। हालांकि, जाति विभाजन लगातार सामाजिक एकीकरण में बाधा बन रहे हैं।

मुख्य चुनौतियां: वसुंधरा राजे ग्रामीण महिलाओं के बीच तो लोकप्रिय हैं, लेकिन किसानों की समस्याएं इनकी जीत में बाधा बन सकती और विधानसभा चुनावों में इन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है। जाति राजनीति और पार्टी में मतभेद के कारण इनके बहुत अधिक वाटों से भी हारने की संभावना है।

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राजस्थान

 

राजनीतिक

  • कुल विधानसभा सीटें: 200
  • विधानसभा चुनाव की तिथि: 7 दिसंबर 2018
  • 2018 में मतदान केंद्र: 51,796

2013 का राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम:

कुल मतदाता: 40,829,312

2013 विधानसभा चुनाव परिणाम: भाजपा- 163 सीटें, आईएनसी -21 सीटें, नेशनल पीपुल्स पार्टी- 4, बसपा -3, निर्दलीय- 7 और नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी -2 सीटें।

आर्थिक

जीएसडीपी वित्तीय वर्ष 2013-14: 85.22 बिलियन, जीएसडीपी वित्तीय वर्ष 17-18: 129 .7 9 बिलियन

जीएसडीपी की ग्रोथ रेट (2017): 10.67%

एफडीआई (2014-15): $ 541 मिलियन; एफडीआई (2017-18): $ 96 मिलियन

इनस्टॉल्ड पॉवर कैपेसिटी: 20,954.54 मेगावाट

एयरपोर्ट्स: 6

नेशनल हाइवे नेटवर्क: 7,906 किमी

वायरलेस टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स: 65,808,384

इंटरनेट सब्सक्राइबर्स: 21,680,250

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राजस्थान - सरकार की कार्य समीक्षा और मुख्य चुनावी मुद्दे
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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 दिसंबर में आयोजित होने जा रहा है। यह लेख वसुंधरा राजे और अन्य मुद्दों के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा करता है।
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