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वायु प्रदूषण से स्वयं को कैसे सुरक्षित रखें 10 टिप्स (युक्तियाँ)

November 13, 2017
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वायु प्रदूषण से स्वयं को कैसे सुरक्षित रखें 10 टिप्स (युक्तियाँ)

पिछले सप्ताह दिल्ली और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर में होने वाली खतरनाक वृद्धि काफी सुर्खियों में रही है। देश की राजधानी दिल्ली ने घने कोहरे की चादर सी ओढ़ ली है और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में रहने वाले लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की सुविधाओं का सहारा लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। वायु प्रदूषण के कारण श्वसन और हृदय रोग (अस्थमा), फेफड़ों का कैंसर और दिल का दौरा पड़ना आदि जैसी बीमारियाँ हो जाती है। बच्चों में वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का खतरा बहुत अधिक होता है। इस स्थिति के बारे में निराश होने की बजाय सकारात्मक कदम उठाना उचित माना जाता है। वायु प्रदूषण से अपने और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने और इससे होने वाली क्षति से बचने के लिए यहाँ कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं-

  1. जागरूक और सावधान रहें – आपको अपनी और अपने परिवार की वायु प्रदूषण से रक्षा करने के लिए हमेशा जागरूक और सतर्क रहना चाहिए। प्रत्येक सुबह समाचार रिपोर्टों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) देखें और हर दिन वायु प्रदूषण का अद्यतन करने के लिए एप्लिकेशन डाउनलोड करें। सरकार द्वारा जारी की गई खतरे की सूचना का पालन करें और यदि स्कूल बंद हो, तो बच्चों को घर पर ही रहने का सुझाव दें।
  2. पर्यावरण के अनुकूल बनें – हवा में विषाक्तता के बढ़ते स्तरों का मुकाबला करने के सर्वोत्तम उपायों में से एक यह है कि विभिन्न इनडोर प्लांट्स (घरों के भीतर लगाए जाने वाले पौधे) की स्थापना करें। इन पौधों को प्राय: “ऑक्सीजन बम” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह भारी मात्रा में ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं। पौधों को लगाने और वनों की कटाई का विरोध करने के लिए सभी समुदायों से सलाह-मशविरा करें। वृक्षारोपण जैसे अभियान में आस-पड़ोस के लोगों व स्कूल के बच्चों को भी सम्मिलित करें और बच्चों को पर्यावरण के अनुरूप सामंजस्यता स्थापित करने के लिए बताएं।
  3. एक वायु शोधक (एयर प्यूरीफायर) उपकरण रखें – अपने घर और कार्यालय के लिए बेहतर गुणवत्ता वाला वायु शोधक खरीदना एक मूल्यवान निवेश है। पीएम 2.5 स्तर को कम करने वाले वायु शोधक उपकरण के कई नए मॉडल उचित दामों में उपलब्ध हैं और जो कमरे की धूल को भी सोख लेते हैं। क्या इसमें बेहतर है कि बिक्री की कीमतों में वृद्धि होने पर भी यह उपकरण कम पड़ रहे हैं।
  4. सुबह और शाम को बाहर जाने से बचें –सुबह और शाम की सैर या जॉगिंग की गतिविधियों से बचें, क्योंकि इस समय वायु प्रदूषण से होने वाले रोगों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। जहाँ तक संभव हो सके आप अपने शहर के अत्यधिक वायु प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों में न जाएं। व्यस्ततम यातायात के समय प्रदूषित सड़कों के पर वाहन चलाने से बचें। दिन के मध्य में या फिर दोपहर के बाद के समय में प्रदूषण का स्तर कम होता है और इसलिए यह आपकी बाहरी गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।
  5. उच्च गुणवत्ता वाले मास्क (मुखावरण) मास्क का उपयोग करें –जब भी आप कहीं घर के बाहर जाएं, तो उच्च गुणवत्ता वाले एन 90 या एन 95 प्रमाणन वाले मॉस्क को खरीदें और उसका उपयोग करें। एन 90 और एन 95 प्रमाणन का मतलब यह है कि जब आप ये मॉस्क पहनते हैं, तो ये मास्क वायु में उपस्थित प्रदूषित कणों को 90 से 95 प्रतिशत तक रोकने में सक्षम होते हैं।
  6. धूम्रपान छोड़ें – ऐसे समय में जब हम प्रदूषण के खतरनाक स्तर, हवा में  उपस्थित कणिका तत्व और धुएं के कारण होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के बारे में चिंतित हैं, तो उस समय आपके शरीर के भीतर 4000 से ज्यादा विषाक्त पदार्थों के ले जाने वाली सिगरेट का उपयोग करने का कोई मतलब नहीं बनता है। धूम्रपान छोड़ें- यदि अपने लिए ना सही, तो अपने प्रियजनों की खातिर इसका त्याग करें।
  7. प्रकृति के अनुकूल जीवन-शेैली  अपनाएं – आपको वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्लास्टिक का उपयोग कम करने और पर्यावरण के अनुकूल जीवन-शैली अपनाना होगा। हम अपनी जीवन शैली में कुछ सबसे आसान बदलाव जैसे कार्यस्थल पर पहुँचने के लिए कार पूलिंग को अपनाकर और ऊर्जा के कुशल ईंधन व सौर ऊर्जा का उचित मात्रा में उपयोग कर सकते हैं।
  8. स्वस्थ्य आहार का सेवन – पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार का चयन करें, क्योंकि यह आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बीटा कैरोटीन और विटामिन ए समृद्ध सभी अनाज, मछली, अंडा, मक्खन, गाजर व ताजे फल खनिज और विटामिनों से समृद्ध होते हैं, जो श्वसन तंत्र और फेफड़ों की सुरक्षा करने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट (ऑक्सीकरणरोधी) से समृद्ध खाद्य पदार्थ हमें कैंसर और कई अन्य बीमारियों से निजात दिलाते हैं।
  9. पटाखे, बोनफायर्स(अलाव) और जलने वाले कचरे से बचें – सर्दियों की शुरुआत में उत्तर भारत के किसानों द्वारा जलाया जाने वाला कूड़ा-कचरा वायु प्रदूषण का सबसे प्रमुख कारण है। क्या हम खुद को और अपने परिवार वालों को प्रदूषित वायु में सुरक्षित रख सकते हैं, जो पहले से ही पटाखे और कचरा जलाने से विशुद्ध हो चुकी है। सर्दियों के समय अलाव काफी प्रलोभित करता हैं, लेकिन जहाँ तक हो सके इसका उपयोग न करें। कूड़ा-कचरा को कूड़ेदान (डस्टबिन) में ही डालें।
  10. प्रचार करना- भारत के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण अशिक्षित लोगों और असुरक्षित कार्यों जैसे प्लास्टिक जलाने व खुले में अलाव जलाने के कारण होता है। अपने दोस्तों, सहकर्मियों, पड़ोस के रहने वाले लोगों से इस विषय पर चर्चा करें और वायु प्रदूषण के बारे में सभी को जागरुक करें। अपने स्थानीय प्रतिनिधि से बात करें और पर्यावरण को दूषित करने वाले कार्यों को अनुमति देने वालों खिलाफ खड़े हों। सोशल मीडिया के जरिए जागरुकता अभियान व इसका प्रचार करें।