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सर्दियों के मौसम में होने वाली 5 सबसे आम बीमारियों से रहें सचेत

November 25, 2017
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सर्दियों के समय में होने वाली सबसे आम बीमारियों

सर्दियों के साथ कई प्रकार की खुशियों का भी आगमन होता है। चाहे वह आपके लिए आरामदायक कंबल की गर्मी में रहने की खुशी हो या जब आप अपने पसंदीदा गर्म सूप को पीते हैं या जब आपको अपने बेहतरीन साज-सज्जा वाले शीतकालीन कपड़ों को दिखाने का मौका मिलता हैं, तो आप आनंदित हो उठते हैं, इसलिए सभी के लिए सर्दियों का आगमन पर्याप्त उत्तेजना की गठरी के साथ होता है। बहरहाल, सर्दियों का एक बदसूरत पक्ष भी है, जो रोगों के रूप में स्वयं को प्रकट करता है। नीचे दी हुई सर्दियों के दौरान होने वाली 5 सबसे आम बीमारियों से आपको सचेत रहने की आवश्यकता है, जो अनिवार्य रूप से सर्दियों का एक हिस्सा हैं।

1. जुकाम या सामान्य जुकाम (जुखाम)

इसके नाम से ही बहुत कुछ पता चलता है। आप इसका सही अनुमान लगा सकते हैं, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि सर्दियों के दौरान जुकाम एक बहुत ही सामान्य बीमारी है। यह बीमारी बच्चों और वयस्कों में समान रूप से देखने को मिलती है। इसके लक्षणों में नाक निकलना, छींकना, खाँसी, गले में खराश, नाक का बंद होना (सांस लेने में तकलीफ) और यहाँ तक ​​कि सिर दर्द भी शामिल हैं। आमतौर पर, यह कुछ दिनों के भीतर कम हो जाता है और किसी भी गंभीर चिकित्सा पद्धति को अपनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आप कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर भी इस शीतकालीन अभिशाप से निजात पा सकते हैं।

2. इंफ्लुएंजा (श्लैष्मिक ज्वर)

हालाँकि यह बहुत गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इन्फ्लुएंजा को ज्यादा हल्के में भी लेना उचित नहीं होता है। इन्फ्लुएंजा को फ्लू के रूप में भी जाना जाता है और यह बेहद संक्रामक बीमारी वायरस (विषाणु) के कारण होती है। गले में खराश, तेज बुखार, बहुत तेज सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण, सुखद शीतकालीन मनोभाव को तबाह करने के लिए पर्याप्त हैं। हालाँकि, आप फ्लू का टीका लगवाकर, इस बीमारी को होने से रोक सकते हैं। इसके उपचार में  एंटीवायरल दवाएं बेशक सबसे अच्छी तरह से काम करती हैं और राहत भी प्रदान करती हैं।

3. स्ट्रेप थ्रोट (गला खराब होना)

हम सभी जानते हैं कि गले में खराश होने पर कितनी दर्द और असहजता महसूस होती है, लेकिन स्ट्रेप थ्रोट कीपीड़ा, गले में होने वाली खराश की पीड़ा से दस गुना कष्टदाई होती है। स्ट्रेप थ्रोट मुख्य रूप से जीवाणु (बैक्टीरियल) संक्रमण के कारण होता है और स्कूल के बच्चों में यह बीमारी अक्सर देखने को मिलती है। इसके आम लक्षणों में आपको बुखार, सिरदर्द, निगलने में परेशानी और लिम्फ नोडों (लसीकापर्व) में सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एंटीबायोटिकस्ट्रेप थ्रोट जैसी बीमारी से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि गर्म पानी का सेवन करके, इससे निजात पाने में काफी दर्द का सामना करना पड़ता है।

4. ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ)

यह बीमारी मुख्य रूप से दो वर्ष से कम उम्र के छोटे बच्चों में अधिकांश देखने को मिलती है। यह श्वसन संक्रमण मुख्यतः रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (आरएसवी) के कारण होता है। इस बीमारी में सांस लेने में कठिनाई होती है, क्योंकि जब ब्रोंकाइटिस के कारण फेफड़ों के वायुमार्ग के भागों में सूजन आ जाती हैं। खाँसी, सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना, नाक का बंद होना और मध्यम बुखार इसके आम लक्षण हैं। पर्याप्त आराम और पानी का सेवन करके, आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

5. निमोनिया(फुफ्फुसशोथ या फुफ्फुस प्रदाह)

फेफड़ों में आम संक्रमण के कारण निमोनिया होती है और यह बीमारी आप में खाँसी, छींक और सांस लेने की समस्याएं पैदा कर सकती है। बैक्टीरिया के कारण होने वाली यह बीमारी गंभीर होती है। इस बीमारी का घर पर इलाज किया जा सकता है, लेकिन बीमारी गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती होने की भी आवश्यकता पड़ती है। कैंसर, अस्थमा या दिल की समस्याओं जैसे रोगों से पीड़ित लोगों में, इस बीमारी के होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। शुरुआत में निमोनिया का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। यदि आपको श्वास लेने में समस्याएं आ रही हैं या काफी समय से ठंड और तेज बुखार आ रहा है, तो आप इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। सामान्य समय से पूर्व स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की मदद लेना बेहतर होता है।

इसका असली सार यह है कि कोई भी फिट और स्वस्थ व्यक्ति सर्दियों का बखूबी आनंद ले सकता है। इसलिए इन घातक शीतकालीन बीमारियों से अपने आप को दूर रखने के लिए उचित सावधानी बरतें और इस मौसम की पूर्ण महिमा का आनंद लें।