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खुशवंत सिंह की 5 सबसे प्रसिद्ध किताबें

March 8, 2018
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खुशवंत सिंह की 5 सबसे प्रसिद्ध किताबें

20 मार्च 2014 को ह्रदय गति रुकने के कारण एक प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार खुशवंत सिंह का निधन हो गया था, जो साहित्यिक कट्टरपंथियों के लिए अद्भुत किताबों की एक विरासत को पीछे छोड़ गए। भारतीय लेखक, वकील, राजनायिक और पत्रकार होने के अलावा, खुशवंत राज्यसभा और भारतीय संसद के उच्च सदन में सदस्य भी थे। हदाली, पंजाब में पैदा हुए खुशवंत सिंह ने कई साहित्यिक और समाचार पत्रिकाओं के संपादक के रूप में काम किया तथा भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखने में योगदान दिया। वर्ष 1974 में खुशवंत सिंह को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था लेकिन वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध खुशवंत सिंह ने इसको वापस कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2007 में, खुशवंत सिंह को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो कि भारत में दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है।

यह विपुल लेखक अपनी कटु धर्मनिरपेक्षता, व्यंग्य और हास्य के लिए जाने जाते थे। कविताओं के एक उत्साही प्रेमी होने के नाते, खुशवंत सिंह ने अपनी मृत्यु से पहले खुद के लिए स्मृति लेख लिखे थे।

यहाँ एक ऐसा मनुष्य लेटा है, जिसने न तो मनुष्य को और न ही भगवान को बख्शा,
उसके लिए अपने आँसू व्यर्थ न करो, वह एक समस्यामूलक व्यक्ति था।
शरारती लेखन को वह बड़ा मजेदार मानता था,
भगवान का शुक्रिया कि वह मर गया।

खुशवंत सिंह के अंतिम अवशेष हदाली स्कूल (अब पाकिस्तान में) में दफन हैं। वहाँ एक संगमरमर की पट्टिका स्थापित है जिस पर निम्नलिखित शब्द अंकित किए गए हैं –

यह वह जगह है जहाँ मेरी जड़ें स्थापित हैं। मैंने इन्हें उदासीनता के आँसुओं के साथ सींचा है।

खुशवंत सिंह एक उदार लेखक थे और अपने जीवनकाल में उन्होने कई किताबें लिखीं, जो उनके समय के दौरान, आमतौर पर शहर में चर्चा का विषय बन जाती थी। खुशवंत सिंह की कुछ किताबें सदाबहार हैं जो दृढता और मंत्रमुग्धता से पाठकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

आइए इस महान लेखक की 5 सबसे प्रसिद्ध रचनाओं पर नजर डालें-

ट्रेन टू पाकिस्तान

इस किताब को इस जादुई लेखक की महान रचना के रूप में माना जाता है। इस किताब में, खुशवंत सिंह ने एक मानवतावादी आयाम में विभाजन का वर्णन शब्दों में करने की कोशिश की है। खुशवंत सिंह ने इसमें भावनाओं को चित्रित करने की कोशिश की है और इस उपन्यास के माध्यम से इन्होंने भय और आतंक पर जोर देने की भी कोशिश की है। खुशवंत सिंह ने इसके आस-पास की राजनीतिक अराजकता को एक तरफ रखते हुए, उपन्यास को एक अलग दृष्टिकोण के साथ लिखा है।

इस उपन्यास की भाषा सरल और आकर्षक है। यह उपन्यास भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बसे एक गाँव मानो माजरा पर आधारित (संग्रहित) है जहाँ सिख और मुसलमान बँटवारे को लेकर उदास हैं। बाद में, कहानी में आगे के विकास के साथ, हम देखते हैं कि गाँव युद्ध के मैदान में परिवर्तित हो जाते हैं और हिंसा की बढ़ती लहर, गाँव के प्यार और शांति को निगल जाती है। जब  गाँव में मृत सिखों के शरीर को लेकर, एक गाड़ी गुजरती है, तो पूरे गाँव कोलाहल दिखाई देता है और ऐसा प्रतीत होता है कि ग्रामीण एक निराशाजनक, रक्तपात और इतिहास के अंतहीन चक्र का एक हिस्सा बन गए हैं। खुशवंत सिंह खूबसूरती से प्यार, धर्म और निष्ठा के विषय की खोज करते हैं जो मानव जाति को अकल्पनीय चीजों के लिए प्रेरित करता है, इस उपन्यास में ह्रदय विदारक और जीवन-पुष्टि करने वाले लोग, दोनों को शामिल किया गया है।

आई शेल नेवर हिअर ए नाइटिंगेल

यह खुशवंत सिंह द्वारा लिखा गया दूसरा उपन्यास है जिसमें उन्होंने प्रेम, अभिमान, जुनून, धर्म, संस्कृति और भारतीयता की थीम (विषय वस्तु) का पता लगाने की कोशिश की है। यह उपन्यास ब्रिटिश इंडिया में स्थापित (संग्रहित) किया गया है और अंग्रेजों के प्रति वफादार मजिस्ट्रेट और उनके राष्ट्रवादी और देशभक्त पुत्र के बारे में है जो अंग्रेजों को भगाने के लिए बंदूक का उपयोग करने में विश्वास करता है। बूटा सिंह, जो अंग्रेजों के साथ काम करने वाला एक चतुर और बुद्धिमान अधिकारी है, कहानी का विरोधी है। उनका महत्वाकांक्षी बेटा एक विद्रोही है और विदेशी मालिक के खिलाफ है। इस रचना के माध्यम से, खुशवंत सिंह ने घरेलू संबंधों में विकार (रोगों की संख्या) का पता लगाया है। उपनिवेश के समय के दौरान, यह उपन्यास भारत में धार्मिक तनाव और भाईचारे के विवाद पर लिखा गया है। जहाँ पर एक क्रूर हत्या होती है, जो बाद में परिवार में पिता और पुत्र, पति और पत्नी के रिश्तों के बीच भय उत्पन्न कर देती है।

द पोर्ट्रेट ऑफ ए लेडी: संगृहित कहानी

खुशवंत सिंह द्वारा यह संग्रह उत्तेजक (अफसोसजनक) माना जाता है। सिंह के इस संग्रह में “दि पोट्रेट ऑफ ए लेडी” सबसे प्रसिद्ध लघु कहानी है। खुशवंत सिंह ने इस लघु कथा के माध्यम से लन्दन पत्रिका में एक लेखक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की। कहानी अतिरंजित नहीं है, लेकिन विनम्र, संयम और अच्छी तरह से तैयार की गई है। शायद, यह उनकी प्यारी दादी को उनकी ओर से एक श्रद्धांजलि है।

व्हाई आई सपोर्टेड दि इमरजेंसी

यह पुस्तक अतीत का एक संस्मरण है, लेकिन एक समकालीन साहित्य लेखन के रूप में इसकी कल्पना की जाती है। यह गैर काल्पनिक (नॉन-फिक्शन) रचना है जिसमें निबंध शामिल हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, कि यह किताब इस बात पर है कि उसने इस स्थान-परिवर्तन का समर्थन क्यों किया। लेखक ने नम्रता के साथ समय की घटनाओं का अवलोकन और विश्लेषण किया है। शीला रेड्डी द्वारा संपादित, यह पुस्तक गैर-काल्पनिक है और इंदिरा गाँधी, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, जिन्ना और उन लोगों के रूप में, जैसे जे. आर. डी. टाटा, जी.डी. बिड़ला और सर सी.पी. रामास्वामी, जो भारत के आर्थिक विकास के लिए संघर्ष करते हैं, ऐसे ऐतिहासिक आँकड़ों की प्रोफाइल (रूपरेखा) का पता लगाया है। यह कवियों, लेखकों और यहाँ तक कि बैंडिट क्वीन फूलन देवी के बारे में भी है।

डेल्ही: ए नॉवेल

खुशवंत सिंह के मुताबिक, इस उपन्यास को पूरा करने के लिए उन्हें लगभग 25 साल लग गए। डेल्ही: ए नॉवेल दिल्ली में स्थापित है और संभवत: सिंह की आत्मकथात्मक रचनाओं का एक अंश है। यह पुस्तक ऐतिहासिक घटनाओं जैसे महात्मा गाँधी और इंदिरा गाँधी की हत्या का स्मरण कराती है। उपन्यास में लेखक की आवाज कथनात्मक है, जहाँ उन्होंने उनके और एक हिजड़े (क्लीव) जिसका नाम भगमती था, के बीच गैर-पारंपरिक संबंधों की खोज की है। उपन्यास समय में आगे-पीछे चलता है।

यह इंग्लैंड से दिल्ली लौटने के वर्णनात्मक शब्दों से शुरू होता है और अपने साथ एक हिजड़े भगमती को गर्मियों में दोपहर के समय दिल्ली की सुनसान सड़कों पर लेकर जाता है। उनके बीच प्रेम संबंधी रोमांस शुरू होता है। अनुचर (हिजड़ा) मुख्य रूप से अपने जीवन को प्रभावित कर लेता है और बाद में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पागल लोगों से उसे बचाने के लिए चला जाता है।

इस उपन्यास के माध्यम से, खुशवंत सिंह ने एक लेखक के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया है। खुशवंत सिंह के इस उपन्यास में हास्य और नियंत्रित कथानक इसे एक उत्कृष्ट रचना बनाते हैं। ऐसा लगता है जैसे एक पेशेवर इतिहासकार अपने स्वयं के दुर्वव्यावहारियों के साथ समायोजित होकर शहर के इतिहास का पता लगा रहा है।

 

सारांश
 

लेख का नाम – खुशवंत सिंह की पढ़ने योग्य पुस्तकें

 

 लेखिका का नाम – आयुषी नामदेव

 

 विवरण – इस लेख में खुशवंत सिंह के जीवन का सारांश है, वह प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार थे। 2007 में, उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो कि भारत में दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।