भारत के बायोस्फीयर रिजर्व
बायोस्फीयर रिजर्व (संरक्षित जैवमंडल) क्या है?
बायोस्फीयर रिजर्व एक विशेष पारिस्थितिकी तंत्र या वनस्पति और जीवों का एक विशेष वातावरण होता है, जिसे सुरक्षा और पोषण की आवश्यकता होती है। ये रिजर्व पूरी तरह से व्यवस्थित होते हैं और दुनियाभर में पाए जाने वाले विभिन्न जीवों के संरक्षण के लिए इन रिजर्वों की स्थापना की जाती है। यह रिजर्व वैज्ञानिक और प्राकृतिक रूचि विषयों पर आधारित होते हैं।
यूनेस्को के अनुसार, “बायोस्फीयर रिजर्व स्थलीय और तटीय पारिस्थितिक तंत्र के क्षेत्र हैं, जो अपने सतत उपयोग के साथ जैव विविधता के संरक्षण के समाधान को बढ़ावा देते हैं। राज्यों के सर्वश्रेष्ठ अधिकार वाले क्षेत्र में स्थित बायोस्फीयर रिजर्व, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और राष्ट्रीय (केन्द्र) सरकार द्वारा मनोनीत होते हैं।”
1971 में, यूनेस्को ने मानव और उसके प्राकृतिक पर्यावरण के बीच वैज्ञानिक संबंध को औपचारिक रूप देने के लिए एक वैश्विक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम को मैन और बायोस्फीयर प्रोग्राम (एमएबी) भी कहा जाता है। वर्ल्ड नेटवर्क बायोस्फीयर रिजर्व द्वारा 16 रिजर्वों की सीमाओं को जोड़ने के फलस्वरूप, 120 देशों में 669 बायोस्फीयर रिजर्व स्थापित हो गए हैं। पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से एमएबी एक उपयुक्त पहल है, जो वनस्पतियों और कई दुर्लभ जीवों और संकटग्रस्त प्रजातियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। भारत अपने जैव विविधता रूपी समृद्ध खजाने के साथ भौगोलिक रूप से विभिन्न बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना व उसके विकास और बायोस्फीयर रिजर्व का संरक्षण करने में पूर्ण रूप से सक्षम है।
भारत के बायोस्फीयर रिजर्व
पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और भारत सरकार ने बायोस्फीयर रिजर्व को इस प्रकार परिभाषित किया है कि “बायोस्फीयर रिजर्व (बीआरएस) प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से प्रकृति छवि के मुख्य भाग हैं, जो बड़े पैमाने पर स्थलीय, तटीय और समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों के बड़े क्षेत्र या इसके संयोजन और जैव-भौगोलिक क्षेत्रों या प्रांत के प्रतिनिधि उदाहरणों का समाकलन करते हैं।” भारत सरकार ने देश में लगभग 18 अलग-अलग बायोस्फीयर रिजर्व स्थापित किए हैं। इनमें से 10, यूनेस्को मैन और बायोस्फीयर (एमएबी) प्रोग्राम के तत्वावधान में स्थापित वर्ल्ड नेटवर्क बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा हैं। हमारे देश में बायोस्फीयर रिजर्व के जरिए न केवल जानवरों का संरक्षण किया जाता है, बल्कि स्वदेशी लोगों की प्राकृतिक जीवनशैली को भी बढ़ावा दिया जाता है। इन क्षेत्रों के समुदायों को अपनी कृषि जीवन शैली को बनाए रखने और पौधों और जानवरों के साथ सामंजस्य विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भारत के बायोस्फीयर रिजर्व आईयूसीएन श्रेणी की ‘वी’ संरक्षित क्षेत्रों की सूची से मेल खाते हैं और यह अक्सर एक या एक से अधिक राष्ट्रीय उद्यानों और राष्ट्रीय अभयारण्यों को शामिल करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। बायोस्फीयर रिजर्व के बफर जोन आर्थिक कार्यकलाप की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
यहाँ भारत में बायोस्फीयर रिजर्व की सूची प्रस्तुत है:
नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व (एमएबी से संबद्धित)
यह देश में स्थापित पहला बायोस्फीयर रिजर्व है।
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
1 अगस्त 1986 | तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल | वायनाड, नागरहोल, बांदीपुर और मुदुमलै, नीलांबुर, साइलेंट वैली और सिरुवानी पहाड़ियों के कुछ हिस्से | पश्चिमी घाट | 5,520 | नीलगिरि तहर और शेर-पूंछ मकाक |
मन्नार की खाड़ी (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
18 फरवरी 1989 | तमिलनाडु | दक्षिण कन्याकुमारी व उत्तर रामेश्वरम के हिस्से | तटीय | 10,500 | डूगोंग या समुद्री गाय |
सुंदरवन (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
29 मार्च 1989 | पश्चिम बंगाल | गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के डेल्टा के कुछ हिस्से | गंगा के डेल्टा | 9,630 | रॉयल बंगाल टाइगर |
नंदा देवी नेशनल पार्क और बायोस्फीयर रिजर्व (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
18 जनवरी
1988 |
उत्तराखण्ड | उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले के कुछ हिस्से | पश्चिमी हिमालय | 5,860 | हिमालयी या हिम तेंदुआ |
नोकरेक (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
1 सितम्बर 1988 | मेघालय | पूर्व, पश्चिम और दक्षिण गारो पहाड़ी के जिले | पूर्वी हिमालय | 820 | लाल पांडा |
पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
30 मार्च 1999 | मध्य प्रदेश | बेतुल, होशंगाबाद और छिंदवाड़ा का कुछ हिस्सा | अर्द्ध-शुष्क | 4,981 | बड़ी गिलहरी और उड़ने वाली गिलहरी |
सिमलीपाल (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
21 जून 1994 | उड़ीसा | मयूरभंज जिले के कुछ हिस्से | डेक्कन प्रायद्वीप | 4,374 | गौर, रॉयल बंगाल टाइगर और जंगली हाथी |
अचानकमार- अमरकंटक (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
30 मार्च 2005 | मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ | अनूपपुर, दिंडोरी और बिलासपुर जिले के कुछ हिस्से | माइकल हिल्स | 3,835 | तेंदुए, गौर और चीतल |
ग्रेट निकोबार द्वीप बायोस्फीयर रिजर्व (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
06 जनवरी 1989 | अंडमान व निकोबार द्वीप समूह | अंडमान एवं निकोबार का दक्षिण द्वीप समूह | द्वीप समूह | 885 | समुद्री मगरमच्छ |
अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व (एमएबी से संबद्धित)
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
12 नवम्बर 2001 | तमिलनाडु, केरल | तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और पथानामथिट्टा जिले के हिस्से | पश्चिमी घाट | 3,500 | नीलगिरि तहर और हाथी |
मानस
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
14 मार्च 1989 | असम | कोकराझार, बोंगाईगाँव, बारपेटा, नलबारी,कामरूप और दारांग जिलों के हिस्से | पूर्वी हिमालय | 2,837 | सुनहरा लंगूर और लाल पांडा |
डिब्रू-सैखोवा
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
28 जुलाई 1997 | असम | डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों के हिस्से | पूर्वी हिमालय | 765 | सुनहरा लंगूर |
दिहांग-दिबांग
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
02 सितम्बर 1998 | अरुणाचल प्रदेश | ऊपरी सियांग, पश्चिम सियांग और दिबांग घाटी के हिस्से | पूर्वी हिमालय | 5,111 | अनुपलब्ध |
कंचनजंघा
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
7 फरवरी 2000 | सिक्किम | उत्तर और पश्चिम सिक्किम जिलों के हिस्से | पूर्वी हिमालय | 2,931 | हिम तेंदुए, लाल पांडा |
कच्छ का रण
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
29 जनवरी 2008 | गुजरात | कच्छ, राजकोट, सुरेंद्रनगर और पाटन जिलों के हिस्से | रेगिस्तान | 12,454 | भारतीय जंगली गधा |
कोल्ड डेजर्ट
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
28 अगस्त 2009 | हिमाचल प्रदेश | पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान और इसके आसपास चंद्रतल, सरचू और किब्बर का वन्यजीव अभयारण्य | पश्चिमी हिमालय | 7,770 | हिम तेंदुआ |
शेषचलम पहाड़ियाँ
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
20 सितम्बर 2010 | आन्ध्र प्रदेश | पूर्वी घाट में शेषचलम की पर्वत श्रृंखला, चित्तूर और कडपा जिलों के हिस्से | पूर्वी घाटी | 4,755 | अनुपलब्ध |
पन्ना
स्थापना वर्ष | राज्य | आवृत्त क्षेत्र | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर) | प्रमुख जीव |
25 अगस्त 2011 | मध्य प्रदेश | पन्ना और छतरपुर जिले के हिस्से | नदी घाटी | 2,998 | चीता, चीतल, चिंकारा, सांभर और सुस्त भालू |