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भारत में विदेशी भाषाओं के पाठ्यक्रम

May 5, 2018
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भारत में विदेशी भाषाओं के पाठ्यक्रम

जैसा कि हम जानते हैं भाषाएं संचार का साधन हैं। अभी तक क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान होना पर्याप्त होता था, लेकिन लगातार हो रहे वैश्वीकरण और तेजी से घट रही अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के बीच की दूरी के कारण, अंग्रेजी भाषा को छोड़कर अन्य विदेशी भाषाएं सीखना बहुत ही अनिवार्य होता जा रहा है। आज आउटसोर्सिंग के प्रौद्योगिकी और व्यापार उद्यम विदेशी ग्राहकों के बाजार की तरफ देख रहे हैं। इस प्रकार, इस क्षेत्र में एक पेशेवर होने के अलावा, एक अतिरिक्त विदेशी भाषा के बारे में जानना एक अतिरिक्त लाभ होगा। जो लोग मानते हैं कि अंग्रेजी भाषा का ज्ञान पर्याप्त है, उनके लिए यहांँ एक दिलचस्प जानकारी है, दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा मंदारिन चीनी है, इसके बाद स्पैनिश, जबकि अंग्रेजी तीसरे स्थान पर है। हिन्दी चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

आपको विदेशी भाषा क्यों सीखनी चाहिए?

वैश्वीकरण के अलावा, एक विदेशी भाषा का ज्ञान निम्नलिखित तरीकों से उपयोगी है:

  • आप अपने मस्तिष्क को विस्तारित करेंगे और दुनिया के उस हिस्से की संस्कृति और विरासत में एक नई जानकारी प्राप्त करेंगे जहांँ की वह भाषा होगी।
  • वैश्वीकृत दुनिया में, आप एक व्यापक दिमाग के साथ अधिक अनुकूलनीय हो जाएंगे।
  • बच्चों के लिए, एक विदेशी भाषा सीखना मस्तिष्क की बढ़ती कार्य प्रणाली में मदद करता है, इस प्रकार उन्हें हर चीज में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।
  • इतना ही नहीं बल्कि, इस युग में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा की अवस्था में, एक विदेशी भाषा का ज्ञान आपको अतिरिक्त रोजगार दिलाने में मदद करेगा।

विदेशी भाषाएं जो आपकी मदद करेंगी:

आप जो भी काम कर रहे हैं, उसके आधार पर विदेशी भाषाओं की एक विस्तृत सूची है जो आपकी मदद करेगी:

  • जर्मन: अमेरिका के ठीक बाद जर्मनी है, जो भारत से लोगों को आकर्षित करता है जो शैक्षणिक दृष्टि से उन्मुख हैं। हालांकि, जर्मन भाषा को जानना बहुत ही अनिवार्य है क्योंकि बहुत कम लोग ही वहां अंग्रेजी भाषा बोलते है। जर्मन भाषा को वाक्यविन्यास के रूप में सीखना मुश्किल है, यानी वाक्य में शब्दों की व्यवस्था, अंग्रेजी से पूरी तरह अलग है। जर्मन भाषा सीखना आपको सरकार के साथ दुभाषिया (व्याख्याता) बनने में भी मदद करेगा।
  • फ्रेंच: शायद भारत में विदेशी भाषाओं में से सबसे लोकप्रिय पसंद, अंग्रेजी के साथ वाक्यविन्यास में समानता के कारण यह भाषा सीखना आसान है, हालांकि उच्चारण थोड़ा मुश्किल हो सकता है। फ्रेंच बहुत लोकप्रिय भाषा है और इसका ज्ञान भाषा अवरोध के बिना, एक छात्र के रूप में, एक कर्मचारी के रूप में, या एक व्यापारिक व्यक्ति के रूप में प्रवेश करने में आपकी सहायता करेगा। फ्रेंच भाषा आपको दूतावास में या दुभाषिया (व्याख्याता) के रूप में नौकरी देने में मदद कर सकती है।
  • स्पेनिश: इसकी सरलता के कारण स्पेनिश एक दूसरी और बहुत लोकप्रिय भाषा है और फ्रेंच से भी अधिक लोकप्रिय, स्पेनिश में भी अंग्रेजी के समान वाक्यविन्यास है। जो लोग यह सोच रहे हैं कि स्पैनिश ही क्यों, तो उनकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में 400 मिलियन लोग स्पेनिश भाषा बोलते हैं। यदि इतना पर्याप्त नहीं है, तो कई स्पेनिश कंपनियां भारत में अपनी शाखाएं खोल रही हैं।
  • चीनी: यह एशियाई भाषा वास्तव में बहुत मुश्किल है, न केवल अंग्रेजी की तुलना में एक अलग वाक्यविन्यास, बल्कि व्याकरण की एक पूरी तरह से अलग पैटर्न और शैली भी है। हालांकि, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, मंदारिन चीनी दुनिया में सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली भाषा है। चीन तेजी से सबसे बड़े बाजारों में से एक के रूप में उभर रहा है और नियोक्ता उन लोगों की तलाश में हैं जो चीनी भाषा बोल सकते हैं और चीनी सांस्कृतिक में सफलतापूर्वक काम कर सकते हैं। इसके अलावा, चीन के पास चीनी भाषा के रोजगार और ज्ञान के लिए भी एक बड़ा पैमाना है जो आपको अपने सहकर्मी समूह पर अतिरिक्त मदद देगा।
  • जापान: यह भाषा भी अंग्रेजी से वाक्यविन्यास और व्याकरण में बहुत अलग है। लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इस भाषा का ज्ञान एक अतिरिक्त लाभ होगा। रोजगार के अवसरों के साथ दुनिया की कुछ अग्रणी कंपनियों के आवास के अलावा, जापान भी महान व्यावसायिक अवसर लाता है।

भारत में संस्थान निम्नलिखित विदेशी भाषा पाठ्यक्रम पेश करते हैं

  • जर्मन: गोएथे इंस्टीट्यूट (मैक्स मुलर भवन के रूप में जाना जाता है), भारतीय विदेशी भाषा संस्थान, और इंडो-जर्मन प्रशिक्षण केंद्र (आईजीटीसी), जर्मन सीखने के लिए प्रमुख संस्थान हैं।
  • फ्रेच: एलायंस फ्रैंसेज, फ्रांसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ पांडिचेरी, इंस्टिट्यूट फ्रांसिस एन इंडे, और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन लैंग्वेज फ्रेंच क्लासेस का संचालन करते हैं।
  • स्पेनिश: स्पैनिश स्टडीज संस्थान, नई दिल्ली में इंस्टिट्यूट सर्वेंट्स और मुंबई में अकादमी डी स्पेनिश भाषा सीखने के लिए कुछ प्रसिद्ध संस्थान हैं।
  • चीनी: चीनी अध्ययन संस्थान (आईसीएस), दिल्ली में चीनी भाषा संस्थान, चीनी भाषा स्कूल, और चीनी दूतावास कुछ जगहें चीनी में पाठ्यक्रम पेश करते हैं।
  • जापानी: जापानी लैंग्वेज स्कूल, भारत, नई दिल्ली में जापान फाउंडेशन और मोसाई इंस्टीट्यूट ऑफ जपानी लैंग्वेज आदि जापानी भाषा का पाठ्यक्रम सिखाते हैं।

निष्कर्ष

यह वास्तव में कहा गया है कि सीखने की कोई उम्र नहीं है। तो किसी भी विदेशी भाषा सीखने के लिए खुद को पंजीकृत कराके अपने मस्तिष्क के ज्ञान व्यापक करें। यदि आप किसी व्यवसाय में नहीं है, तो आप इसे और अधिक दोस्त बना लेगें।