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पर्यावरण के अनुकूल होली – इस वर्ष सावधानी से खेलें होली

February 15, 2018
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पूरे भारत में होली का त्यौहार हर्षोल्लास और पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का त्यौहार “फाल्गुन” माह और ग्रेगोरीयन पंचांग के अनुसार, यह त्यौहार सामान्यतः मार्च के महीने में मनाया जाता है। होली रंगों का त्यौहार है और आप इस त्यौहार के दिन हर्ष और उल्लास के साथ चारों ओर जीवंत रंगो का एक खूबसूरत सम्मिश्रण देख सकते हैं। लेकिन होली के त्यौहार के समय, कई प्रकार से प्रदूषण के कारण भी देखने को मिलते हैं। होली खेलने के शौकीन लोग कृत्रिम रंगों का उपयोग करते हैं जो न केवल पर्यावरण को बल्कि लोगों की त्वचा और आँखों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। होलिका दहन के दौरान जलाई गई लकड़ियों का धुआँ हवा में मिलकर सीधे प्रदूषण उत्पन्न करता है। होली के इस त्यौहार पर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल जैविक रंगों जैसे उत्पादों का उपयोग करके पर्यावरण को अधिक प्रदूषित होने से बचाकर इस त्यौहार का आनंद ले सकते हैं।

यहाँ पर्यावरण के अनुकूल होली मनाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं –

हवा को शुद्ध करने और सकारात्मकता फैलाने के लिए आप होली में जलाए गए ईंधन के ढेर में आवश्यक तेल या कपूर जैसे प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करके पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।

  • प्राकृतिक रंग या हर्बल रंगों का उपयोग कर होली खेलें।
  • प्लास्टिक बैग और गुब्बारे इत्यादि का उपयोग करने से बचें।
  • सूखी होली या फूलों की होली खेलें और पानी को बचाएं।
  • रंगों से खेलते समय जानवरों को नुकसान न पहुंचाएं।
  • तेज आवाज में संगीत बजाने से बचें।

इस होली के त्यौहार को विशेष बनाने के लिए आप घर पर जैविक रंग बना सकते हैं और अपने परिवार एवं अपने दोस्तों के साथ इसे साझा कर सकते हैं।

यहाँ रंगों की सूची दी गई है, जिसे आप आसानी से घर पर तैयार कर सकते हैं:

 पीला: घर पर तैयार करने के लिए सबसे आसान रंग पीला है। आप इसे बनाने के लिए आसानी से घर पर उपलब्ध हल्दी पाउडर का उपयोग कर सकते हैं जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है। पीले रंग को बनाने में सूखे गेंदे की पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

गहरा गुलाबी: आप चुकंदर के कुछ टुकड़ों को पानी में रातभर भिगो सकते हैं। जिससे आपको एक गहरा गुलाबी रंग प्राप्त होगा।

नारंगी: नारंगी रंग बनाने के लिए मेंहदी के सूखे पत्तों को पानी के साथ मिला कर तैयार कर सकते हैं।

काला: काले अंगूर और आँवला को काट लें और एक बैंगनी काला रंग पाने के लिए उबले हुए पानी में डाल दें।

हरा: आप नीम और पालक के सूखे पत्ते का उपयोग कर सकते हैं जिसको मिलाने के बाद चमकदार हरा पाउडर तैयार हो जाता है।

लाल: लाल रंग बनाने के लिए गुड़हल और गुलाब जैसे फूलों की पंखुड़ियों को सुखा कर, उन्हें एक साथ मिलाकर तैयार किया जा सकता है। टमाटर का भी इस्तेमाल लाल रंग को बनाने में किया जा सकता है।

आप इन रंगों में गुलाब जल को मिलाकर सुगंधित होली खेल सकते हैं।

त्यौहार के दौरान त्वचा की देखभाल सबसे बड़ी चिंता का विषय है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

ऐसे कपड़े पहनें जिससे आपका शरीर ढका और सुरक्षित रहे। त्वचा को नुकसान से बचाने के लिए पूरी आस्तीन की टी-शर्ट और पायजामा पहनने की सलाह दी जाती है।

  • नारियल या सरसों के तेल की चिकनाई अपनी त्वचा पर लगा लें, ताकि आपकी त्वचा पर कोई रंग न लगा रहे, जो नुकसान पहुँचा सकता है।
  • रंगों के हानिकारक प्रभाव को रोकने के लिए एक सनस्क्रीन या टेन रिमूवल क्रीम भी लगा सकते हैं।
  • ज्यादा पानी पीकर अपने आप को हाइड्रेटेड रखें ताकि त्वचा को कम से कम नुकसान हो।
  • अन्य उभरे हुए भागों के लिए जैसे होंठ, जिस पर वेसलीन या लिप-ग्लोज का उपयोग कर सकते हैं।
  • यदि आँखें कमजोर हों तो धूप के चश्मे का उपयोग करके उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करें।

अपनी त्वचा से रंग हटाने के लिए इन प्राकृतिक चीजों को अपना सकते है:

आप बेसन, क्रीम और बादाम के तेल को गुलाब जल में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना सकते हैं। इसे कुछ मिनटों के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर अपना चेहरा धो लें सभी रंग आसानी से हट जाएंगे।

आप अपने चेहरे को साफ करने के लिए ग्लिसरीन, नींबू का रस और दही का मिश्रण तैयार कर सकते हैं। चेहरे से रंग हटाने के लिए पके हुए पपीते के टुकड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस रंगो से परिपूर्ण त्यौहार के शुभ अवसर पर, स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों जैसे गुजिया, चिप्स, मिठाई, पापड़, हलवा, पानी पूरी, दही-बड़ा आदि का पूरे दिन आनंद लें। सामुदायिक होली खेलें और पड़ोसियों के साथ प्यार और दोस्ती के बंधन को मजबूत बनाएं। इसके अलावा एक जिम्मेदार नागरिक बनना न भूलें, पर्यावरण की रक्षा के लिए इन छोटी-छोटी शुरुआतों के द्वारा इनके हानिकारक प्रभाव से पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास करें। हर्षोल्लास, प्रसन्नता और रंगो से परिपूर्ण पर्यावरण के अनुकूल होली मनाकर होली का आनंद उठाएं।