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छात्रों और शिक्षकों के लिए क्रिसमस पर निबंध

December 24, 2018
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छात्रों और शिक्षकों के लिए क्रिसमस पर निबंध

वर्ष का फिर वही समय आ गया है। जब हम अपने घरों में आनंदोल्लास और उत्साह का स्वागत करते हैं, गाना गाते हैं, अपने बेहतरीन वस्त्रों को पहनते हैं, दावत देते हैं और अपने करीबी दोस्तों और प्रियजनों के साथ मिलकर उत्सव का जश्न मनाते हैं। यह क्रिसमस का समय है और मुझे यकीन है कि आप उपहारों की खरीदारी और पिछले वर्ष की रोशनी और सजावट की सामग्रियों को उपयोग में लाने और उचित क्रिसमस ट्री बनाने की योजना बना रहें होंगे। आपकी माताओं ने फलों को सुखाना शुरू कर दिया होगा, ताकि वह उनका विशेष क्रिसमस केक में उपयोग कर सकें और आपको शायद यह जानकर आश्चर्य हो कि इस वर्ष अपने बारहसिंगा से जुड़ी हुई बिना पहियों की गाड़ीपर सवार होकर सेंटा क्लाज (सांता क्लाज) क्रिसमस उपहार प्रदान करेंगे।

25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इसलिए 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन के रूप में दुनिया भर में एक बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बेथलेहेम शहर में यूसुफ और मरियम के घर में जन्मे मसीह उद्धारकर्ता और ईसाई त्रिएक परमेश्वर के तृतीय स्वरूप माने जाते हैं। पूर्व दिशा के तीन बुद्धिमान मनुष्य मसीह के बारे जान गए थे और वह उनसे मिलने के लिए अपने साथ अनमोल तोहफा लेकर आते थे। हमें यह याद रखने की आवश्यकता है कि क्रिसमस केवल एक उत्सव नहीं है, जिसमें उपहारों का आदान-प्रदान करना और भव्य उत्सवों में भाग लेना होता है, बल्कि यह भगवान के प्रति असीम प्यार और ईसा मसीह द्वारा बताए जाने वाले कई अद्भुत सिद्धान्तों पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है, क्योंकि हम एक और शानदार क्रिसमस की रात का उत्सव मनाने के करीब हैं। मसीह द्वारा हमें सिखाई जाने वाली प्रेम, नेकी और दया की शिक्षाएं, उनके जन्म के 2000 वर्षों के बाद भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। मसीह द्वारा दी जाने वाली कुछ शिक्षाएं निम्न हैं-

  • विनम्रता – ईसा मसीह जो सभी मनुष्यों और उनके दिलों पर राज करते थे, बिलकुल विनम्र-भाव वाले थे। उन्होंने कहा कि केवल मैं ही नहीं, बल्कि हम सभी ईश्वर की संतान हैं। वह बिल्कुल विनम्र-भाव में जीवन व्यतीत करते थे और उनके अंतरंग में कोई भी अभिमान नहीं था और गड़रियों के बीच उनका जन्म हुआ था। विनम्रता मसीह के सिद्धान्त का सबसे बड़ा अध्याय है, जो क्रिसमस हमें सिखाता है।
  • परोपकार – क्रिसमस को निश्चित रूप से उपहारों के आदान-प्रदान करने का समय माना जाता है। हमारे लिए अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों की प्यारी मुस्कुराहट के मुकाबले और क्या अधिक मूल्यवान हो सकता है, क्योंकि उनके लिए हमने जो उपहार खरीदे हैं, उनको पाकर वह काफी प्रफुल्लित हो जाते हैं? हालाँकि क्रिसमस से हमें यह सीख मिलती है कि उदारता या परोपकार का उपहार हमें मित्रों और परिवार के सदस्यों जैसे आंतरिक चक्र की बजाय कम भाग्यशाली लोगों को प्रदान करना चाहिए और इससे केवल हमारे विशेषाधिकारों का साझा होता है, लेकिन हम वास्तव में समृद्ध हो जाते हैं।
  • प्रेम – प्रेम एक ऐसा शब्द है, जिसके बारे में हम सभी जानते हैं। हम अपने मित्रों, अपने परिवार और अपने पालतू जानवरों से प्यार करते हैं। यद्यपि मसीह ने हमें पूरी मानव जाति से समान प्रेम करने के बारे में बताया था। हमारी सबसे बड़ी ताकत प्रेमभाव है और बड़े पैमाने पर प्रेम के माध्यम से हम स्वयं को एक सर्वश्रेष्ठ संस्करण के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
  • दया – सभी के प्रति दया ईसा मसीह द्वारा बताए गए सिद्धान्तों में से एक है। एक बार गरीब व बीमारियाँ सभी उनके पास आईं और उन्होंने सभी को बराबर प्यार दिया और उन सभी को एक जैसे ठीक किया। यह संभवतः सभी सबकों में सबसे सुंदर है, जो क्रिसमस हमें सिखाता है। दयाभाव से दया की उत्पत्ति होती है और दयाभाव इस दुनिया में जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है।
  • त्याग – “जिस तरह से ईसा मसीह ने हमें प्रेम किया और हमारे लिए खुद को कुर्बान कर दिया”। ईसा मसीह ने लोगों के प्रति गहन सर्वव्यापी प्रेम और उनकी भलाई के लिए अपनी जान निछावर कर दी थी। यह वह सबक है, जिसे हमें हर क्रिसमस पर याद रखना चाहिए। हमारे परिवार, देश, प्रतिबद्धता सभी के लिए समय-समय पर त्याग करने की आवश्यकता होगी और हमें ऐसा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
  • दृढ़ता – निरंतर उत्पीड़न के कारण, उन्हें बहुत ही कम उम्र से बुराइयों का सामना करना पड़ा, ईसा मसीह दयालुता और प्रेम के अपने रास्ते पर दृढ़ता से अग्रसर रहे और अपने शिष्यों को उन सिद्धान्तों को सिखाने में दृढ़ रहें, जिन पर उन्होंने विश्वास किया था। बदलती हुई दुनिया में गुजरता हुआ हर दिन और अधिक कठिन होता जा रहा है और क्रिसमस के साथ दृढ़ता के एक बड़े सबक का आगमन होता है।
  • विश्वास – क्रिसमस हमें सिखाता है कि विश्वास को कायम रखना सबसे बड़ा सबक है। हमारा जीवन चुनौतियों और मुश्किल की घड़ी से ग्रसित होता है। जैसे यीशु या ईसा मसीह के अनुयायी ने उन पर और उनके फिर से जिंदा होने पर विश्वास रखा था, वैसे ही हमको भी अच्छे समय और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखना आवश्यक है।

क्रिसमस के उत्सव को चंद सप्ताह ही बचे हैं। जब हम इस समय उज्ज्वल रोशनी और उत्साही उत्सवों में शामिल होने की योजना बना रहे होते हैं, तो साथ ही हमें उपरोक्त दिए हुए मूल्यवान सिद्धान्तों को भी याद रखने की आवश्यकता होती है और हमें अपने आप को एक बेहतर इंसान के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।