Home / India / महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन

महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन

October 23, 2017
by


महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन

महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक अत्याधिक प्रभावशाली नेता थे। ब्रिटिश शासन काल में, भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए, उन्होंने देश को सक्षम बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक समय ऐसा था, जब अन्य राष्ट्रों ने विदेशी शासन से खुद को मुक्त करने के लिए हिंसात्मक संघर्ष का मार्ग चुना था, वही महात्मा गांधी एक ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करते हुए, बिना रक्त की एक बूंद बहाए, आखिरकार अपने राष्ट्र को स्वतंत्रत करवाया। इसके पश्चात महात्मा गांधी, पूरे विश्व में होने वाले स्वतंत्रता संग्रामों और नागरिक अधिकार आंदोलनों के लिए एक स्रोत बन गए। महात्मा गांधी, जिन्होंने अपनी वकालत बीच में ही छोड़ दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए, उन्हें दुनिया भर में राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है।

एक सफल लेखक के रूप में, महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखी। अपनी आत्मकथा, द स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ आदि के लिए उनकी न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अत्यधिक सराहना की गई। उन्होंने कई अखबारों और पत्रिकाओं जैसे कि हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया और नवजीवन का संपादन भी किया। महात्मा गांधी के वचन ज्ञान से परिपूर्ण थे और जो दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करते थे। यहाँ हम आप के लिए इस महान नेता के कुछ प्रसिद्ध वचन प्रस्तुत कर रहे हैं।

” खुद में वो बदलाव लाइए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं ।”  

ऐसे जियो की तुम कल मरने वाले हो, और ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।

स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।

तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा। लेकिन यह जरूरी है कि तुम वो करो।

पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे।

“मनुष्य के रूप में, हमारी महानता इतनी अधिक नही है कि हम दुनिया का पुननिर्माण करने में सक्षम हो सके – यह परमाणु युग की कल्पना मात्र है- जिसके अनुसार हम खुद का पुननिर्माण करने में सक्षम हैं।”

“कमजोर कभी क्षमा नहीं कर सकता। क्षमा ताकतवर की विशेषता है।”

एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहाँ जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।

“हम बनेंगे जो हम बनना चाहते हैं।”

स्वास्थ्य ही वास्तविक संपत्ति है, सोने और चांदी के टुकड़े नहीं।”

Like us on Facebook

Recent Comments

Archives
Select from the Drop Down to view archives