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हिमाचल प्रदेश चुनाव

October 23, 2017
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हिमाचल प्रदेश चुनाव

नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को मतदान आयोजित किए जाएगें। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वर्तमान 68 सभासदों की अवधि 7 जनवरी 2017 को समाप्त हो गई है। चुनाव के परिणाम एक ही चरण में आयोजित किए जाएगें और परिणामों की घोषणा 18 दिसंबर को की जायेगी। चुनाव की घोषणा के साथ, आदर्श आचार संहिता को लागू करने पर भी जोर दिया गया है। राज्य में नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर निर्धारित की गई है। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब 136 व्यवस्थित महिला मतदान केंद्र की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में दो मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। गोवा के बाद, हिमाचल प्रदेश ऐसा दूसरा राज्य है, जहाँ 100 प्रतिशत वीवीपीएटी (मतदाता सत्यापनपत्र पेपर ऑडिट ट्रॉयल) कवरेज के साथ मतदान होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पुष्पेंदर राजपूत के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 49,13,888 है।

पूर्व चुनाव –

वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष वीरभद्र सिंह का शासन है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक जटिल लड़ाई का साक्षी बनेगा। वर्ष 1985 के बाद से, राज्य ने कई बार वर्तमान सरकार को सत्ताविहीन होते हुए और मतदाता शक्ति द्वारा विपक्षी पार्टी को प्रतिस्थापित होते देखा है। वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की अगुवाई वाले प्रेम कुमार धूमल को हराया था। वर्ष 2012 में कांग्रेस पार्टी राज्य की 68 सीटों में से 36 सीटों पर विजय प्राप्त करने में सफल हुई थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केवल 26 सीटें ही प्राप्त हुई थी। राज्य में सुव्यवस्थित प्रशासन की अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार के कारण लोगों के बीच उत्पन्न होने वाले असंतोष का भाव, भाजपा सरकार के पतन का कारण बना। वर्ष 2007 के चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 68 सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

उम्मीदवार-

राज्य के इतिहास में सत्तारूढ़ पार्टी को सत्ता वापस न देने की स्थिति के इतिहास को देखते हुए क्या विरोधी-प्रतिनिधि एक बार फिर से चुनाव लड़ेगें? हालाँकि, बीजेपी ने 50 से ज्यादा सीटों का लक्ष्य तय किया है और सभी यह देखना चाहेगें कि रुझान किस तरफ ज्यादा है। बीजेपी ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का नाम नहीं दिया है। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक, अगर बीजेपी को जीत हासिल होती है, तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस पद के प्रबल दावेदारों में शीर्ष पर हैं। अन्य संभावित उम्मीदवार में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।

यदि, कांग्रेस राज्य में अपनी सत्ता बनाए रखती है, तो 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह फिर से मुख्यमंत्री के पदपर आसीन होने में सफल होगें। नेता जी, जिनपर प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उनकी उम्र को लेकर और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। 7 अक्टूबर को एक रैली के दौरान कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित किया था। संभावना है कि वीरभद्र सिंह सोलन जिले में अर्की सीट से और उनके पुत्र विक्रमादित्य शिमला (ग्रामीण) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगें।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य की 68 विधानसभा सीटों में से 30 पर उम्मीदवार को दाखिल करेगी।