Home / India / भारत में भुखमरी की समस्या: भारत 100वें पायदान पर

भारत में भुखमरी की समस्या: भारत 100वें पायदान पर

July 25, 2018
by


भारत में भुखमरी की समस्या: भारत 100वें पायदान पर

भारत काफी समय से भुखमरी जैसी गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। 2017 की वैश्विक भूख सूचकांक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 119 देशों के बीच 100वें स्थान पर आ गया, जो वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा जारी किया गया था। वैश्विक भूख सूचकांक के अनुसार, भारत 2014 से 45 अंक नीचे खिसककर अब तक की सबसे भयानक स्थिति में चला गया है। किसी देश में ‘भूख की स्थिति’ का वर्णन करने के लिए वैश्विक भूख सूचकांक जैसे बहुआयामी यंत्रों (साधन) का उपयोग किया जाता है। 2006 में, पहला वैश्विक भूख सूचकांक प्रकाशित किया गया था। जिसका नाम वेल्थहंगरलाइफ रखा गया। वैश्विक भूख सूचकांक के 12वें संस्करण में दुनिया भर के विकासशील देशों को शामिल किया है। बाल मृत्यु दर, अल्पपोषण, लंबाई के अनुपात में कम वजन और आयु के अनुपात में कम लंबाई जैसे चार संकेतक हैं, जिसके द्वारा वैश्विक भूख सूचकांक देशों के स्थान का पता लगाता है।

वर्तमान भूख सूचकांक –

2017 के वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के हालिया जारी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में भुखमरी जैसी समस्या को कम करने के मामले में दीर्घकालिक प्रगति देखी गई है। अफसोस की बात है कि भारत इराक से नीचे (78वें), बांग्लादेश (88वें) और उत्तर कोरिया (93वें) से भी बुरी स्थिति में है। इसमें शामिल 119 देशों में, जो देश भूख स्थिति में आधे अंक पर हैं, वो “बेहद चिंताजनक, उसके बाद की श्रेणी “चिंताजनक” और फिर “गंभीर” श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। भारत को 31.4 की खराब अंक की उच्च समाप्ति के साथ “गंभीर” श्रेणी में रखा गया था। 119 देशों में से एक देश ऐसा है जो “बेहद चिंताजनक क्षेत्र” में आता है,  सात देश “खतरनाक श्रेणी” में, चौवालीस देश “गंभीर श्रेणी” में, चौबीस देश “मध्यम श्रेणी में और जबकि केवल 43 देश “निचली श्रेणी” में आते हैं।

भारत की स्थिति –

भूख से संबंधित, भारत को वैश्विक भूख सूचकांक ने 119 देशों में से 100वें स्थान की न्यूनतम श्रेणी पर रखा है। भारत का प्रदर्शन एशिया में केवल दो देशों अफगानिस्तान और पाकिस्तान से बेहतर था। वर्तमान समय में पहले से ही भूख संकट स्थिति के कारण मायूसी है, यह देखा गया था कि (ऊँचाई के लिए कम वजन) लंबाई के अनुपात में कम वजन की दर भी 2005-06 में 20% से बढ़कर 2015-2016 तक 21% हो गई है।

भारत में भुखमरी के आँकड़े और तथ्य-

आंकड़ों और तथ्यात्मक विवरणों के अनुसार, भारत में 20 प्रतिशत से अधिक मामलों में पांच साल की उम्र वाले बच्चों में उनकी लंबाई के मुकाबले कम वजन है। इसके अलावा, 33 प्रतिशत बच्चों का कद उनकी उम्र के अनुसार बहुत कम है। भारत में वैश्विक भूख सूचकांक ने आगे यह स्पष्ट किया है कि भारत में कुपोषित सबसे कम उम्र के युवा हैं- भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक कुपोषित आबादी वाला देश है।

भारत में भुखमरी के कारण-

दुनिया में, भारत की बढ़ती तेज अर्थव्यवस्था को कृषि के निवेश में नाकामयाबी, छोटे व्यवसाय का समर्थन जैसे कुछ नाम हैं जिन्होंने इसका मार्ग अवरूद्ध कर दिया है। भारत में कुपोषण की दर और भी बुरी है। खाद्य योजनाओं में नाकामयाबी और नागरिकों के बेहतर कल्याण के लिए योजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन के बीच असमानता भी एक कारण है।

भारत में भुखमरी की समस्या का समाधान-

अपने नागरिकों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करना किसी भी सरकार की आर्थिक जिम्मेदारी है। मुफ्त खाद्य योजना के सफल क्रियान्वयन की दिशा में माताओं और गर्भवती महिलाओं से संबंधित एक लाभार्थी कदम उठाया जाएगा। भोजन को बर्बाद नहीं करना चाहिए और अन्न का अपमान करने वाले अपराधियों पर जुर्माना लगाना चाहिए। साथ ही साथ भारत में भुखमरी की वास्तविक समस्या अव्यवस्था है लेकिन राज्य और केन्द्र सरकारों द्वारा इसकी समस्या के समाधान के लिए अनगिनत योजनाएं शुरू की गई हैं। कानून को इसके क्रियान्वयन को पारित करने के लिए कई साल लग जाते हैं। खाद्य सुरक्षा बिल का वादा तो किया गया है, मगर उसकी प्रगति बहुत धीमे होती हैं। जो भोजन को वहन करने में असमर्थ है उसके लिए भोजन एक सुख का साधन है। भोजन को बर्बाद करना उचित नहीं है। मानवीययता को बनायें रखे और जरूरत पड़ने पर भूखे लोगो की मदद करें।