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अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस – स्थायी दुनिया के लिए एक कदम और

March 14, 2018
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अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को, पूरे विश्व में वन आवरण की कमी और वन संरक्षण की बढ़ती आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से  मनाया जाता है, क्योंकि यह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की जीवन रेखा है। 28 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के पीछे का उद्देश्य लोगों द्वारा वन आवरण में कमी, वनों के पतन के प्रभाव और वन जो पारिस्थितिकी तंत्र के अंतिम  लेकिन आखिरी नहीं आधार हैं, के बारे में जागरूक करना है। 2012 के बाद से, हर साल वार्षिक आयोजन में वृक्षारोपण अभियान के रूप में वनों की कमी को रोकने व जागरूकता पैदा करने या लोगों को इसके प्रति सुदृढ़ बनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है।

यह दिन मीडिया अनुभाग में होने वाली चर्चा के साथ मनाया जाता है, जिसमें अलग-अलग संगठन, सिविल सोसायटी, राजनीतिक नेता, पर्यावरण कार्यकर्ता, वैज्ञानिक और कई अन्य हितधारक दुनिया के कुल वन आवरण की वर्तमान स्थिति पर चर्चा और बहस करने के लिए एक ही मंच पर इकट्ठा होते हैं।

वे उन तरीकों पर भी विचार-विमर्श करते हैं, जिसके माध्यम से हम अपने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए वनों को बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति द्वारा न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हमारे वनों की रक्षा के लिए, बल्कि हमारे पर्यावरण में परिवर्तन कैसे हो सकता है, इस बात पर भी विचार-विमर्श किया जाता है।

इतिहास

नवंबर 1971 में खाद्य और कृषि संगठन के 16वें सम्मेलन में, सदस्यों ने हर साल 21 मार्च को “विश्व वानिकी दिवस” के रूप में चिह्नित करने के पक्ष में अपना वोट दिेेया।

वर्ष 2007 से 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय वन अनुसंधान (सीआईएफआर) के लिए केंद्र ने छह वन दिवसों का आयोजन किया, जिसमें बाली, पॉज्नान, कोपेनहैगन, कैनकन, डरबन और दोहा शहरों में दलों के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के वार्षिक सम्मेलन के साथ सहमति प्राप्त की। वर्ष 2011 को वन अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया।

इस अवसर के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वनों की स्थापना के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया, ताकि प्रत्येक वर्ष वनों के महत्व को चिह्नित करके उसे मनाया जा सके।

महत्व

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 तक जमीन में विश्व जंगल का आवरण 30.825% हो गया, जो वर्ष 1990 में 31.801% था। यह स्थिति चौंकाने वाली है और इससे उष्णकटिबंधीय वन सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वन, पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु परिवर्तन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जो कि ग्रहों के माध्यम से वनों के आवरण को कम करने का परिणाम हैं।

वन आवरण में कमी का एक प्रमुख कारण वनों की कटाई प्रत्येक व्यक्ति को न केवल एक व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि एक वैश्विक स्तर पर भी प्रभावित करती है। तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण, दुनिया भर के शहरों ने अपने मूल्यवान हरे रंग के आवरण को खो दिया है, जो पर्यावरणीय वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते स्तर से निपटने में मदद करता है, जिससे तापमान बढ़ जाता है और आवास तथा जैव विविधता को नुकसान होता है। इस तरह अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस, वर्तमान हितधारकों और साथ ही साथ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में वनों के महत्व एवं दुनिया के युवाओं को शिक्षित करने तथा तेजी से हो रहे वन आच्छादन से निपटने के लिए आगे बढ़कर एक महत्वपूर्ण मंच तैयार करता है।

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का यह दिन, यह सुनिश्चित करने पर जोर देता है कि बेहतर और स्थायी पर्यावरण के विकास का एक स्थायी मॉडल न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी अनुकूलित किया जाना चाहिए।

वन और स्थायी शहर

प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र एक विषय (थीम) के साथ अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के वार्षिक अवसर का जश्न मनाता है, जो वनों तथा नागरिकों की भागीदारी से संबंधित मौजूदा मुद्दों और वनों को संरक्षित करने में मदद करने वालों को संबोधित करता है।

इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र ने “वन और स्थायी शहरों” जो अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के विषय के रूप में चिह्नित किए गए हैं, को लेकर कुछ फैसले लिए हैं। स्थायी शहरों की पहल का लक्ष्य एक तरह से शहरों का विकास करना है, जहाँ वन भी शहरी परिदृश्य का हिस्सा बन जाते हैं।

शहरों के अन्दर के वनों ने बढ़ते प्रदूषण को कम करने में  मदद की है और शहरों में जलवायु परिवर्तन का असर आपको निरोगी और स्थायी बना देता है।

निष्कर्ष

मानव जाति झूठे भविष्य और दुनिया के तेजी से बढ़ते विकास के बीच के चौराहे पर खड़ी है। जैसा कि तेजी से बदलती जलवायु ने पारिस्थितिक तंत्र को काफी प्रभावित किया है, इसलिए पर्यावरण एक पहेली बनकर रह गया है।

बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारे ग्रह का छठा जन विलुप्त होने की कगार पर है। बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप ग्लेशियर पिघलने लगते हैं, जो ताजे पानी का एक प्रमुख स्रोत हैं और बढ़ते समुद्र का स्तर तटीय क्षेत्रों और द्वीपों को प्रभावित करता है। अगर औद्योगीकरण के बुरे प्रभाव से मुकाबला करने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी पर्यावरणीय आपदा भविष्य में कहर बरपा सकती हैं।

वनों की कटाई रोकना सबसे प्रमुख कार्यों में से एक है, क्योंकि वनों के विनाश से कार्बन उत्सर्जन के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए पृथ्वी की क्षमता कम नहीं होती है, लेकिन वनों के भीतर रहने वाली विभिन्न प्रजातियों के निवास को भी नुकसान होता है। अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस, एक स्थायी भविष्य के लिए वनों के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने की एक पहल है। यह दिन समाज के विभिन्न नागरिक समूहों को आगे आकर इस मुद्दे को उठाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के लिए वन आवरण की कमी और वन संरक्षण के महत्व के बारे में समझाया जा सके।

सारांश
लेख का नाम – अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस – स्थायी दुनिया के लिए एक कदम और

लेखक का नाम – वैभव चक्रवर्ती

विवरण – अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2013 के बाद से, हर वर्ष पारिस्थितिकी तंत्र में वनों की मौजूदा स्थिति और वनों के महत्व के रूप में 21 मार्च को मनाया जाता है।