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करवा चौथ पर सास के लिए सरगी टिप्स

October 27, 2018
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करवा चौथ पर सास के लिए सरगी के टिप्स

आज करवा चौथ है। भारत में प्रसिद्ध करवा चौथ का त्यौहार, उपवास (व्रत) के रूप में भी मशहूर है। भारत के सभी हिस्सों की स्त्रियाँ करवा चौथ का व्रत अपने पति की दीर्घआयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती है। उत्तर भारत की शादीशुदा महिलाएं पूरे दिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं। परंपरागत रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों का करवा चौथ मशहूर है। हिंदू लुनीसोलर कैलेंडर के हिसाब से यह एक दिवसीय त्यौहार कार्तिक महीने के पूर्णचंद्र के बाद चौथी तिथि अर्थात् चतुर्थी को मनाया जाता है। पूरे दिन विवाहित महिलाएं करवा चौथ का व्रत भोजन और पानी को ग्रहण किए बिना (निर्जला) रहती हैं और महिलाएं करवा चौथ के व्रत का समापन चंद्रमा को देखकर ही करती हैं।

परंपरागत श्रृंगार, मेंहदी, बेहतरीन ढंग से सजी हुई पूजा की थाली, दिन-भर के त्यौहार की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। महिलाएं करवा चौथ का व्रत सुबह के समय से रहती है। इस व्रत में महिलाओं को पूरे दिन अन्न या जल कुछ भी नहीं ग्रहण करना चाहिए। परंपरागत रूप से यह एक उत्सव का दिन होता है, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे को बधाई देती हैं, मेंहदी लगाती हैं और पूजा समारोह में भाग लेती हैं। यह दिन उत्सव और उपहार आदान प्रदान के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में करवा चौथ का त्यौहार खरीफ की फसल के तुरंत बाद मनाया जाता है। हालांकि, इस दिन माता-पिता अपनी शादीशुदा बेटियों और उनके बच्चों के लिए भी उपहार भेजते हैं।

समकालीन समय में न केवल महिलाएं, बल्कि पुरुष भी अपनी पत्नियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस व्रत का पालन करते हैं।

चूंकि भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला देश है, इसलिए करवा चौथ से संबंधित कथाएं और अनुष्ठान भी विविध हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारत की यही विविधता देश के लोगों को एक साथ जोड़े रखती है। चूँकि भारत विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों का संग्रहणकर्ता है, इसलिए यहाँ के लोग अपनी परंपरा के अनुसार करवा चौथ का त्यौहार मनाते हैं। हालांकि, रीति-रिवाजों के अनुसार, शाम के समय सामुदायिक महिला समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह में सभी महिलाएं पूजा करती हैं और अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं। समुदाय के आधार पर करवा चौथ की कथाओं के संस्करण का नियमित रूप से विराम के साथ-साथ वर्णन किया जाता है। हालांकि, इन विरामों में, महिलाओं द्वारा करवा चौथ के पूजा गीत फेरी में यानी अपनी पूजा की थालियों को घेरे में एक-एक के सामने प्रस्तुत करके, सामूहिक रूप से गाए जाते हैं। पूरे भारत में करवा चौथ से संबंधित भिन्न-भिन्न कथाएं हैं। राजस्थान राज्य में करवा चौथ के दिन वृद्ध महिलाएं शिव, पार्वती और गणेश की कहानियों सहित कई अन्य कथाओं का बखान करती हैं। करवा चौथ की कथाओं को सुनते समय व्रत का पालन करने वाली महिलाएं अपनी थालियों में एक मिट्टी के दीपक को जलाकर रखती हैं।

करवा चौथ का व्रत किसी-किसी के लिए परेशानीयुक्त हो सकता है। चूँकि यह व्रत पूरे दिन पानी को ग्रहण किए बिना रहना पड़ता है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि इस व्रत को रहने से पहले अपने स्वास्थ्य की जाँच करा लें और नट्स का इस्तेमाल करें, क्योंकि नट्स इस दिन खर्च होने वाली ऊर्जा का प्रतिपादन करने में सक्षम होते हैं। तो यहाँ करवा चौथ के त्यौहार के लिए कुछ सरगी टिप्स प्रस्तुत हैं-

सरगी करवा चौथ के विशेष अवसर पर अपनी बहू को आशीर्वाद देने के लिए मूल रूप से सास द्वारा सुबह के पहले बनाया गया भोजन होता है।सरगी को एक स्वादयुक्त भोजन और मिठाई माना जाता है, जिसका सुबह के समय व्रतधारी महिलाएं सेवन करती हैं, ताकि वह पूरे दिन बिना भोजन और पानी के आसानी से रह सकें। परंपराओं के अनुसार सास के द्वारा बनाई गई सरगी को, अपनी बहू के व्रत को पूर्ण करने वाला आशीर्वाद माना जाता है। सरगी मिठाई, मठरी, सूखे फल, नारियल को मित्रित करके तैयार की जाती है।

पूरे दिन निर्जलीकरण से बचने के लिए, सुबह के समय ताजे रस, दूध या छाछ और हरी चाय का सेवन भी कर सकते हैं।

यहाँ पर पौष्टिक सरगी खाने की सलाह दी जाती है, ताकि आपको दिनभर कोई परेशानी न हो।

अल्प आहार के रूप में चपाती, पकी हुई सब्जियों, हलवा आदि का सेवन करें, ताकि पूरे दिन आपको ऊर्जा का अभाव न महसूस हो।

ताजे फल मनुष्य के लिए हमेशा से फायदेमंद रहे हैं और यह दिन के समय में व्यक्ति के लिए, आवश्यक जल की मात्रा को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

तेल और तले हुए अन्न का उपयोग करके बनाई गई सरगी का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस प्रकार की सरगी व्यक्ति को अधिक सुस्त बनाती है।

करवा चौथ के व्रत के समय महिलाओं के लिए सरगी, ऊर्जा का भंडार मानी जाती है। इसलिए, सही और स्वस्थ भोजन का सेवन करना ही उचित होता है। पूरे दिन ऊर्जापूर्ण रहने के लिए आप अखरोट और बादाम का सेवन भी कर सकते हैं।