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भारत में शुरू हुई मेट्रो रेल

February 1, 2018
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भारत में शुरू हुई मेट्रो रेल

भारत में जनसंख्या वृद्धि, बढ़ती हुई यातायात की समस्याओं का कारण है। देश में यातायात की स्थिति को सुधारने और लोगों के लिए यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए, सरकार ने कई शहरों में मेट्रो रेल की शुरआत कर दी है।

भारत ने मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) की शुरूआत की है, जो वर्तमान में भारत के 10 शहरों में सफलतापूर्वक चल रहा है। 5 शहरों जैसे नागपुर, नोएडा, नवी मुंबई, पुणे तथा अहमदाबाद और गाँधीनगर के लिए मेट्रो लिंक एक्सप्रेस का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो जल्द ही पटरी पर दौड़ेगी। भारत में मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम सामान्यतः “मेट्रो” के रूप में जाना जाता है। यह यात्रा का एक सुलभ तरीका है, जो ऊर्जा की खपत को कम करने में मदद करता है, यह पर्यावरण के अनुकूल है और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने में कारगर है। मेट्रो भारत में लोकप्रिय क्यों हो रही है, इसके कुछ कारण हैं – मेट्रो के डिब्बों का आधुनिक डिजाइन, मेट्रो स्टेशनों की स्टाइलिश आकार, और बेहतर सुविधाएं। मेट्रो स्टेशनों पर एटीएम, खाद्य दुकानें, कैफे और स्टोर जैसी सुविधाओं के कारण यह यात्रा के लिए अधिक उपयोगी साबित हो रही है।

आइए, हम पूरे देश में मेट्रो रेल नेटवर्क के परिचालन पर नजर ड़ालें –

कोलकाता मेट्रो

कोलकाता मेट्रो भारत में सबसे पुरानी संचालित मेट्रो है। यह एकमात्र ऐसी मेट्रो है जो सीधे भारतीय रेलवे के अंतर्गत फंक्शन करती है। कोलकाता मेट्रो की नींव वर्ष 1972 में रखी गई थी और इसे पहली बार 1984 में वाणिज्यिक सेवाओं के लिए खोल दिया गया था। इसमें 24 स्टेशन हैं और यह 27.22 किलोमीटर के क्षेत्र में दौड़ती है। कोलकाता मेट्रो की परियोजना में बड़े पैमाने पर विस्तार होने जा रहा है क्योंकि लगभग 113 किलोमीटर का क्षेत्र निर्माणाधीन है। कोलकाता के निवासियों में मेट्रो सेवा काफी लोकप्रिय है।

दिल्ली मेट्रो

कोलकाता मेट्रो के बाद दिल्ली मेट्रो दूसरी सबसे पुरानी मेट्रो है। इसके बाद वर्ष 2002 में दिल्ली मेट्रो की शुरआत हुई थी और यह 231 किलोमीटर तक विस्तारित है। 173 स्टेशनों के साथ यह भारत में सबसे बड़ा मेट्रो परिचालन है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के पास एक एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और सात अन्य मेट्रो लाइन हैं। यह भारत में एकमात्र ऐसी मेट्रो लाइन है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया में “ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन क्रेडिट” प्राप्त करने के लिए रेल आधारित प्रणाली के रूप में पहली मेट्रो रेल के रूप में प्रमाणित किया गया था। दिल्ली मेट्रो ने शहर में प्रति वर्ष 6,30,000 टन प्रदूषण स्तर में कमी लाने में मदद की है। दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों की छत के शीर्ष पर सौर ऊर्जा संयंत्र हैं। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने गूगल इंडिया के साथ भागीदारी की है और जो गूगलमैप्स के साथ मोबाइल उपकरण में रेल कार्यक्रम और रूट की जानकारी प्रदान करता है। दिल्ली में मेट्रो का अभी भी विस्तार हो रहा है, दिल्ली के लगभग 140 किलोमीटर क्षेत्र निर्माणाधीन है और इस निर्माण कार्य को 2018 में पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।

नम्मा मेट्रो

दिल्ली मेट्रो के बाद नम्मा मेट्रो (बैंगलोर मेट्रो) भारत की दूसरी सबसे बड़ी परिचालन मेट्रो है। इसकी भूमिगत मेट्रो लाइन भी है जो दक्षिण भारत की पहली भूमिगत मेट्रो लाइन है। बैंगलोर मेट्रो में 2 लाइनें- ब्लू और ग्रीन -और 41 स्टेशन हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। यह बेंगलुरु में 42.3 किलोमीटर के मार्ग पर दौड़ रही है और लगभग 34.37 किलोमीटर मार्ग अभी भी निर्माणाधीन है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा बैंगलोर मेट्रो रेल निगम (बीएमआरसी) की विस्तृत परियोजना तैयार करके बैंगलोर मेट्रो रेल निगम (बीएमआरसीएल) को प्रस्तुत की गई।

रैपिड मेट्रो गुरुग्राम, हरियाणा

रैपिड मेट्रो गुरुग्राम भारत में निर्मित दुनिया की पहली पूरी तरह व्यक्तिगत रूप से वित्तपोषित मेट्रो प्रणाली है। यह रैपिड मेट्रो रेल गुरुग्राम लिमिटेड (आरएमजीएल) द्वारा संचालित है। एक व्यक्ति सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन से रैपिड मेट्रो तक पहुंच सकता है, जो दिल्ली मेट्रो के भीतर है। वर्ष 2003 में रैपिड मेट्रो की शुरआत की गई थी, इसमें 11.7 किलोमीटर की दूरी शामिल की गई है। यह 11 स्टेशनों पर दौड़ रही है। रैपिड मेट्रो भारत में पहली ऐसी मेट्रो प्रणाली है, जिसकी स्टेशनों के नाम के अधिकार के लिए नीलामी हुई थी। रैपिड मेट्रो गुरुग्राम साइबर सिटी, डीएलएफ फेज 2, डीएलएफ फेज 3, एनएच -8 और गोल्फ़ कोर्स रोड गुरूग्राम सेक्टर 55-56 तक दौड़ती है।

मुंबई मेट्रो

मुंबई मेट्रो का निर्माण 15 वर्षों की अवधि में तीन चरणों में किया गया था। वर्तमान में, केवल 1 लाइन 12 कि.मी. की दूरी तक विस्तारित है, जबकि इसका 69 किलोमीटर क्षेत्र निर्माणाधीन है। वर्ष 2014 में जनता के लिए मुंबई मेट्रो की शुरुआत की गई थी और अब यह देश की वित्तीय राजधानी तक दौड़ रही है।

जयपुर मेट्रो

जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली कोलकाता, दिल्ली, बैंगलोर, गुरुग्रामऔर मुंबई के बाद भारत में छठी मेट्रो रेल प्रणाली है। जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (जेएमआरसी), राजकीय-स्वामित्व वाली कंपनी है। जयपुर मेट्रो के तहत एक परिचालन रेखा है और दूसरी योजनाबद्ध है। वर्तमान में, इसके पास 9 संचालन केंद्र हैं, जबकि 22 स्टेशनों की योजना तैयार की गई है। जयपुर मेट्रो, शहर में रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए शुरू किया गया था। यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि जयपुर मेट्रो का अधिकांश मार्ग दो मंजिल के साथ ऊँचा है। मैट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) से सुरक्षा मंजूरी मिलने के कारण मेट्रो पूरी तरह से सुरक्षित है, क्योंकि वह दो मंजिल की ऊँचाई पर है।

चेन्नई मेट्रो

चेन्नई मेट्रो, चेन्नई में सार्वजनिक परिवहन का एक सुविधाजनक, आधुनिक और किफायती साधन है। यह सार्वजनिक और निजी परिवहन के अन्य रूपों के साथ ठीक से समन्वयित है, जिसमें बसों, उपनगरीय ट्रेनों और मास रैपिड ट्रजिस्ट सिस्टम (एमआरटीएस) शामिल हैं। चेन्नई मेट्रो में दो रंग-कोडित रेखाएं हैं – ग्रीन और ब्लू यह 29। यह रेखाएं जून 2015 को प्रचालन में आईं थी। चेन्नई मेट्रो में फिलहाल 20 स्टेशन और कुल परिचालन नेटवर्क 28 किलोमीटर तक है। लगभग 20 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र अभी भी निर्माणाधीन है। चेन्नई मेट्रो रेल निगम भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार का एक संयुक्त उपक्रम है।

कोच्चि मेट्रो

कोच्चि मेट्रो भारत में पहली मेट्रो रेल परियोजना है जो रेल, सड़क और जल परिवहन को जोड़ती है। कोच्चि में प्रत्येक मेट्रो स्टेशनों को, केरल की एक विशिष्ट विषय-वस्तु संस्कृति और भूगोल को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। कोच्चि मेट्रो में 16 स्टेशन हैं और यह 19 किलोमीटर के क्षेत्र में दौड़ रही है। कोच्चि मेट्रो के लगभग 26 किलोमीटर क्षेत्र निर्माणाधीन है।

लखनऊ मेट्रो

लखनऊ मेट्रो देश में सबसे तेजी से निर्मित मेट्रो है। लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उपक्रम है। लखनऊ मेट्रो केवल एक लाइन पर दौड़ रही है, जबकि दूसरी लाइन निर्माणाधीन है। 11 योजना बद्ध स्टेशन और 8 परिचालन मेट्रो स्टेशन हैं। लखनऊ मेट्रो के विस्तार के लिए लगभग 33 किलोमीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य हो रहा है।

हैदराबाद मेट्रो

हैदराबाद मेट्रो रेल प्रणाली दुनिया में निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) की सबसे उन्नतशील मेट्रो रेल है। हैदराबाद मेट्रो में 30 किलोमीटर की दूरी को शामिल किया गया है। हैदराबाद मेट्रो डीबीएफ ओटी आधार (डिजाइन, निर्मित, वित्त, संचालन और स्थानांतरण) पर आधारित है। 24 संचालन केंद्र और 2 परिचालन लाइनें हैं लगभग 42 किलोमीटर क्षेत्र निर्माणाधीन है, जो वर्ष 2018 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और लोगों की जीवन शैली में भी एक परिवर्तन देखा जा रहा है। आने वाले वर्षों में, अधिकांश शहरों को संभवतः उनकी मेट्रो रेल मिल जाएंगी। यह निश्चित रूप से यातायात को आसान बनाएगी और अधिक सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेंगी।