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सूर्य नमस्कार कैसे करें – इसके लाभ और चरण

November 23, 2017
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सूर्य नमस्कार

स्वस्थ दिमाग और स्वस्थ शरीर जीवन के अति आवश्यक मूल-तत्व हैं। हालाँकि अपने आप को स्वस्थ रखने के अलग-अलग तरीके भी हैं और योग आप के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को संतुलित तरीके से बढ़ावा देता है। योग साम्यावस्था प्राप्त करने, रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और आत्म शक्तियों को बढ़ाने के अलावा, शरीर को तरोताजा करने में मदद करता है। योग वास्तव में आपके मन और सोच प्रक्रिया को स्पष्ट करने का काम करता है। सूर्य नमस्कार वास्तव में मन और शरीर के लिए दैनिक कसरत का सरलीकरण स्वरूप है। इसलिए, अगर आपने काफी समय से शरीर को नम्य नहीं किया है, तो सूर्य नमस्कार आपके शरीर के लिए एकदम सही है।

सूर्य नमस्कार में मूल रूप से सूर्य को नमस्कार करना है, जो स्वस्थ शरीर, मन और आत्मा का संचालन करता है। पूरे भारत में सूर्य नमस्कार की लगभग 40 भिन्न-भिन्न शैलियों का अभ्यास किया जा रहा है, क्योंकि विविध यौगिक विद्वानों द्वारा शैलियों की मामूली विविधताओं को पहले समायोजित किया गया है, लेकिन कुल मिलाकर सूर्य नमस्कार में एक चक्र होता है और प्रत्येक चक्र में 10 से 24 चरण होते हैं। आपके द्वारा की जानी वाली सूर्य नमस्कार की विविधताओं को उचित ढंग से और बताएं गए श्वसन स्वरूप (ब्रीथिंग पैटर्न) के साथ करना जरूरी है।

सूर्य नमस्कार की वैदिक उत्पत्ति

प्राचीन काल से, भारत में सूर्य की पूजा समृद्धि के लिए की जाती रही है और इसका वेदों में भी उल्लेख किया गया है। सूर्य को नमस्कार करना हिंदुओं की दैनिक दिनचर्या माना जाता है और उसे सूर्य नमस्कार के रूप में नामित किया गया है। मनुष्य सूर्य नमस्कार के विभिन्न चरणों के माध्यम से भगवान के सामने आत्मसमर्पण करता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करें?

यदि आप सूर्य नमस्कार के लिए नए हैं, तो आप के लिए सूर्य नमस्कार के सिर्फ एक या दो चरण करना बेहतर होगा और फिर अभ्यास के साथ इनकी संख्या में वृद्धि करते रहें। जब आप योग-मुद्रा में धारण करते हैं, तो इसमें सही मुद्रा (स्थिति) बनाए रखने का बहुत महत्वपूर्ण होता है। सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने शरीर को कुछ उपयुक्त गति विधियों को करके तैयार कर लें। गर्दन, हाथ, कंधे, घुटने, पेट, पीठ, पैर और कमर को हल्का-फुल्का क्रियान्वित करके आप अपने को सूर्य नमस्कार करने के लिए तैयार करें।

आसन 1 – सीधे खड़े हो जाएं, यदि संभव हो तो सुबह की धूप आपके सामने लगे। जैसे हम प्रार्थना करते हैं, वैसे अपने हाथों को मोड़कर अपनी छाती के करीब लाएं। तीन बार ‘ओम सूर्यदेवाय नमः’ मंत्र पढ़ें।

आसन 2 – अपने मुड़े हुए हाथों के साथ अपनी भुजाओं को हवा में ऊपर की ओर ले जाएं और साँस लें। अपने हाथ पीछे की ओर पैरों तक ले जाते हुए मेहराब नुमा आकृति बनाएं। यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसा करने के लिए आपकी रीढ़ उपयुक्त लचीली है। इसे आप ज्यादा न करें अन्यथा आप घायल हो सकते हैं।

आसन 3 -श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए अपने हाथ नीचे कर लें और हाथों से पैरों के दाएं-बाएं जमीन को स्पर्श करें। यह ध्यान रखें कि इस आसन में अपने घुटनों को न मोड़ें। यह आसन पाचन क्रिया में काफी उपयोगी है और कमर के चारों ओर वसा को कम करने में बहुत सहायता करता है।

आसन 4 -अपनी कमर को नीचे करें और श्वांस लेते हुए अपने बाएं पैर को पीछे ले जाएं। अपने बाएं पैर के अंगूठे पर अपने आप को संतुलित करें। दाएं पैर आगे बढ़ाकर झुका लें। अपने हाथों को दृढ़ता से जमीन पर रखें और आकाश को देखने के लिए अपने सिर को ऊपर उठाएं। यह आसन रीढ़ और पैर की मांसपेशियों को लचीलापन प्रदान करता है। यह आसन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है।

आसन 5 – सांस बाहर निकाल दें और अपने दाएं पैर को बाएं पैर के समानांतर रखें। अब अपनी कमर को ऊपर उठाएं और घुटनों को सीधा करें और अपने सिर को अपनी नाभि के सामने रखें।

आसन 6 -अपनी कमर को नीचे लाने के दौरान अपनी सांस को रोक लें। अपने हाथ और पैर को उसी स्थिति में रखें। अपने शरीर को भूमि के करीब लाएं। अपने चेहरे को नीचे की तरफ रखें और अपने घुटनों और छाती को जमीन के पास ले जाएं। यह आसन करते समय आपके शरीर के 8 अंग हथेलियाँ, पैर की उंगलियाँ, घुटनें, माथा और छाती भूमि को छूते हैं।

चक्र पूरा करने के बाद, कुछ समय के लिए श्वसन या योग निद्रा में लेट जाएं।

सूर्य नमस्कार किसे नहीं करना चाहिए:

  • यदि आपको पीठ में दर्द हो, तो सूर्य नमस्कार न करें।
  • यदि आप गर्भवती हैं, तो सूर्य नमस्कार मत करें। इसके अलावा इस दौरान मांसिक तनाव से बचें।
  • अगर आप रक्तचाप, गठिया, स्लिप डिस्क और हर्निया से पीड़ित लोग इन आसनों को न करें। अगर आप किसी अन्य प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है।
  • यदि आपकी श्वास सामान्य से अधिक तेजी से फूलती है, तो आराम करें या उस दिन सूर्य नमस्कार न करें।

सूर्य नमस्कार के लाभ

  • यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो सूर्य नमस्कार बेहद फायदेमंद है।
  • यह अंग-विन्यास में सुधार लाने में मदद करता है और मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है
  • सूर्य नमस्कार शरीर के हर अंग को उत्तेजित करने में सहायता करता है। यह हृदय को व तंत्रिका तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • सभी ग्रंथियां सूर्य नमस्कार के साथ उचित ढंग से काम करने लगती हैं।
  • सूर्य नमस्कार आपके शरीर को नियंत्रित करता है और आपके तनाव को दूर करता है और गहरी नींद लेने में आपकी मदद करता है।