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ताजमहल विवाद क्या है?

October 25, 2017
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ताजमहल

प्रतिष्ठित ताजमहल भारत के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है। जैसे एफिल टॉवर फ्रांस का, बिग बेन ब्रिटेन का और विशाल दीवार चीन का प्रतिनिधित्व करती है, वैसे ही 17 वीं शताब्दी में सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया ताजमहल भारत की सुंदरता का प्रतिनिधित्व करता है। सार्वभौमिक रूप से ताजमहल को प्यार का प्रतीक माना जाता है। ताजमहल देश के सबसे बड़े पर्यटक आकर्षणों में से एक है और प्रत्येक वर्ष लगभग 7 मिलियन से भी अधिक लोग इस सुदंर कृति का नुमायना करने के लिए आते हैं। यह यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है और यह दुनिया के सात नए अजूबों में से सबसे अधिक मशहूर है। यह वास्तुकला चमत्कारीय लोकप्रियता के बावजूद भी अपने आप को राजनीतिक विवादों की गिरफ्त में पाता है।

यूपी सरकार ने ताज को बहिष्कृत किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक पर्यटन पुस्तिका जारी की, जिसमें राज्य के कुछ प्रमुख पर्यटक आकर्षण शामिल हैं। यह पुस्तिका पूरे भारत में संचालित होगी और यह दुनिया भर में जहाँ भारतीय पर्यटन कार्यालय हैं, वहाँ भी उपलब्ध होगी। एक बड़ा कोलाहल तब मचा, जब इस बात का खुलासा हुआ कि इस नए प्रकाशन में आगरा के बेहतरीन आकर्षण ताजमहल का जिक्र नहीं हुआ है लेकिन अयोध्या, मथुरा और गोरखपुर के निम्नतम मंदिरों का उस पुस्तिका में प्रकाशन किया गया है। इस 32 पेज वाली पुस्तिका को “उत्तर प्रदेश पर्यटन: असीमित संभावनाएं” नामक शीर्षक दिया गया है, जो न केवल उत्तर प्रदेश के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह एक मूल्यवान पर्यटन गाइड के रूप में भी कार्य करती है।

भाजपा विधायक संगीत सोम जिन्होंने ताजमहल को “भारतीय संस्कृति पर धब्बा” कहा था, उनके इस बयान ने विवाद को एक नया रूप दे दिया। सोम ने मुगल सम्राट शाहजहाँ (जिसने स्मारक का निर्माण कराया था) पर आरोप लगाया कि वह हिंदू धर्म का सफाया करना चाहते थे।

भाजपा सांसद विनय कटियार ने दावे के साथ विवाद का एक और आयाम जोड़ा क्योंकि उन्होंने दावा किया कि इस स्मारक को तेजोमहल नामक एक प्राचीन हिंदू मंदिर पर बनाया गया था। बीते हुए वर्षों में आश्चर्यचकित कर देने वाली कई अफवाहें हैं और उन अफवाहों में से एक में कहा गया कि ताजमहल का निर्माण शिव मंदिर पर किया गया था। हालाँकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस साल के प्रारंभ में दर्ज आरटीआई के जवाब में, ऐसे किसी भी प्रकार के दावे पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

धार्मिक और सांस्कृतिक जटिलताएं

केंद्र में एनडीए सरकार के प्रमुख सदस्यों व भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कई सालों से कई आलोचनाएं आ रही हैं और आलोचकों का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा देने के दौरान मुस्लिम विरोधी नीतियों का प्रचार करती है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को मुख्य रूप से यूपी पर्यटन पुस्तिका से ताजमहल को हटाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

इस साल के शुरुआत में, सीएम आदित्यनाथ ने एक विशेष खंड जो प्रथम सरकारी निर्धारण लक्ष्य (2017-2018) में चित्रित था उसकी आलोचना की, जिसमें ताजमहल को ‘हमारी संस्कृतिक विरासत’ में शामिल नहीं किया गया था। दूसरी ओर, उन्होंने अपने भाषण में राज्य के अन्य स्मारकों का उल्लेख किया था।

आगरा के व्यवसाय और उद्यम, आगंतुकों की लगातार बढ़ती संख्या पर निर्भर हैं और वे इस पुस्तिका में ताजमहल का चित्रण न होने से बहुत चिंतित हैं। यह स्मारक होटल, रेस्तरां, स्मृति चिन्ह और हस्तशिल्प स्टालों से घिरा हुआ है।

यूपी सरकार ने आरोपों को नकारा

यूपी सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ताजमहल के बहिष्कार करने का उद्देश्य भारत में इस्लामी विरासत का निरादर करना था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुस्तिका में स्मारक का नाम न होने का मतलब स्मारकों या पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ावा देना था, जो वर्तमान में सरकार द्वारा विकास के पथ पर अग्रसर है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कन्नाथनम ने भी विवाद को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल “भारत का गौरव” है और इसे बहिष्कृत नहीं किया जा सकता है।

ट्वीट् के जरिए यूपी सरकार ने स्पष्ट किया कि ताजमहल और आगरा के विकास के लिए 156 करोड़ रूपये की योजनाएं परिकल्पित की गई थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि यूपी सरकार का इरादा स्मारक का निरादर करना नहीं था। उन्होने ट्वीट के जरिए बताया कि इन योजनाओं के लिए प्रस्ताव विश्व बैंक के परामर्श से तैयार किए गए थे।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले वर्ष 2018 कैलेंडर में ताजमहल की प्रमुख विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया है।

शानदार ताजमहल

सम्राट शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज के लिए, अंतिम विश्राम स्थल के रूप में ताजमहल का निर्माण करवाया था। रानी की कब्र 42 एकड़ के परिसर के केंद्र में बनी है, जिसमें विशाल लॉन और एक मस्जिद भी शामिल है। सम्राट विश्राम करने के लिए यहाँ आते थे। यह स्मारक अनन्त प्रेम का प्रतीक है और दुनिया भर के युगल इसका दौरा करते हैं। यमुना नदी के जल में पूर्णिमा की रात ताजमहल के प्रतिबिंब का नजारा देखने लायक होता है। वर्ष 2006 में, ताजमहल के ऊपर के क्षेत्र को नो-फ्लाई क्षेत्र घोषित किया गया था। यह कार्य स्मारक की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया गया है।