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2015 की शीर्ष 10 भारतीय हस्तियाँ

December 27, 2017
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एपीजे अब्दुल कलाम

भारत के पूर्व राष्ट्रपति

भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, इस देश में सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक थे। वह हमारे देश के सबसे प्रिय नेताओं में से एक थे और उन्हें ‘पीपुल्स प्रेसिडेंट’ कहा जाता था। जब जुलाई 2015 को शिलॉन्ग में छात्रों को संबोधित करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया, तो देश पर दुख का पहाड़ टूट गया। लाखों भारतीयों द्वारा देश की मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य चैनल शोक संदेश के साथ भरे हुए थे। देश में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई और कई देशों ने भी शोक संदेश के साथ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राष्ट्र के महानतम नेताओं और वैज्ञानिकों में से एक एपीजे अब्दुल कलाम की शानदार अंतिम विदाई ने रामेश्वरम में लाखों लोगों को आकर्षित किया था।

नरेंद्र मोदी

भारत के प्रधानमंत्री

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल भारत की शीर्ष सुर्खियों में बने रहे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता नमो के रूप में सबके प्रिय बन गए हैं और साथ ही वे काफी आलोचनाओं में भी रहे हैं। मोदी को 2015 में टाइम्स मैगजीन द्वारा दुनिया के दूसरे सबसे प्रभावशाली नेता में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया, कई देशों के नेताओं ने भारतीय प्रधानमंत्री का आर्थिक मामलों, पर्यावरण और विदेशी संबंधों में अग्रणी के रूप में आभार व्यक्त किया है। हालांकि सत्ता में वापस आने के लिए नमो के आलोचकों ने बड़े पैमाने पर आवाज उठायी है। उनकी सरकार पर एक असहिष्णु माहौल को बढ़ावा देने और अपने चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया गया है। एक बात निश्चित है कि प्यार हो या नफरत, इस गतिशील नेता पर कभी भी इसका कोई प्रभाव नहीं देखा गया है।

सायना नेहवाल

सायना नेहवाल

25 वर्षीय सायना नेहवाल 2012 में पहली बार खबरों में तब आईं जब वह 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। हालांकि, यह तो अभी केवल शुरुआत थी, कई पुरस्कार और बहुत सारी प्रतिष्ठा अभी भी उनको मिलनी बाकी थीं। सायना नेहवाल के लिए 2015 एक विशेष वर्ष रहा। भारतीय खेल स्टार ने अंततः बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन महिला एकल रैंकिंग के शीर्ष पर कब्जा करके अपनी सही जगह बनाई। बैटमिंटन में प्रकाश पादुकोण के बाद कोई आइकान नहीं रह गया था लेकिन सायना नेहवाल सभी युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

सुंदर पिचाई

सुंदर पिचाई

अगस्त 2015 में, भारतीय मूल निवासी सुंदर पिचाई खबरों में आए कि उन्हें गूगल के सीईओ के लिए नामित किया गया है जो इंटरनेट की एक बहुत बड़ी कम्पनी है। यहाँ तक कि आईआईटी खड़गपुर के इस पूर्व छात्र ने गूगल का पुनर्निमाण करके इसे बड़े स्तर पर ले जाने का दावा भी किया। पूरे विश्व से प्रशंसा पाने वाले सुंदर पिचाई ने देश को गौरवान्वित किया। माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नाडेला के साथ, सिलिकॉन वैली में सुंदर पिचाई सबसे प्रभावशाली भारतीयों में से एक रहे है और अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्योग में शीर्ष लोगों में से एक है। सुन्दर पिचाई का जन्म चेन्नई में हुआ था और आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने से पहले ये इसी शहर में बड़े हुए। फिर सुन्दर पिचाई ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की और गूगल के साथ काम करना शुरू कर दिया।

रघुराम राजन

रघुराम राजन

रघुराम राजन के द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पदभार संभालाते ही भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत सारे परिवर्तन देखने को मिले। कई लोगों ने भविष्यवाणी की कि अर्थव्यवस्था पतन के कगार पर है, सीएडी अनुपात हाथ से बाहर निकल गया और घरेलू मुद्रा बेहद अस्थिर हो गई। 2014 में, नमो सरकार के सत्ता में आने के साथ, राजन और एफएम अरुण जेटली के बीच कई संघर्ष और भविष्यवाणी की गईं। राजन ने धीरे-धीरे आरबीआई की नीतियों और क्रेडिट दरों पर अपने मजबूत नियंत्रण के साथ अपने अलोचकों का मुँह बंद कर दिया। 2014 में सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंक गवर्नर का पुरस्कार जीतने के बाद, इस साल राजन ग्लोबल फाइनेंस के केंद्रीय बैंक गवर्नर रेटिंग में नंबर 3 पर स्थानांतरित हुए। पिछले कुछ सालों में भारत की आर्थिक प्रगति का श्रेय रघुराम राजन को दिया गया है।

चंदा कोचर

चंदा कोचर

वर्ष 2014 में, चंदा कोचर ने देश के प्रमुख बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में और भारतीय आर्थिक परिदृश्य में एक अधिक प्रभावशाली व्यक्तित्व में विकसित करने और अपनी भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए शानदार प्रयास किए। स्पष्ट रूप से 2015 में चंदा कोचर के प्रयास का प्रतिफल मिला और उनको टाइम मैगजीन द्वारा विश्व की 100 सबसे प्रभावशाली महिला फोर्ब्स में से 35वें नंबर पर और दुनिया के शीर्ष 5 प्रभावशाली लोगों (टाइटन्स) में शामिल किया गया। इस साल भारतीय बैंकिंग परिदृश्य में कोचर निश्चित तौर पर शीर्ष प्रभावकों में से एक हैं।

नीतीश कुमार

नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2014 में सुर्खियों में रहे। 2005 के बाद से राज्य में पदभार संभालने के बावजूद, राजनीतिक परिदृश्य से उनका पिछला साल सबसे खराब रहा, जिसे (संयुक्त) जनता दल ने शायद महसूस भी किया होगा। इतना ही नहीं बल्कि आम चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 2015 के राज्य विधानसभा चुनावों में भी कुछ समय के लिए निराशा दिखाई दी, क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री ने भाजपा के लिए सक्रिय अभियान चलाया। नीतीश कुमार का विवेक निश्चित रूप से उनके साहस से बेहतर था क्योंकि उन्होंने अपने परंपरागत प्रतिद्वंदी लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन किया और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता पाने के लिए बहुत सारे झमेलों का सामना करना पड़ा।

बाबा रामदेव

बाबा रामदेव

पिछले कुछ सालों में, कई योग गुरु और अपने आप को भगवान कहलवाने वाले लोग (गॉडमैन) भारतीय समाचार की सुर्खियों में रहे हैं। उनमें से कोई भी, बाबा रामदेव की तरह सुर्खियों में नहीं रहा। समर्थन, आलोचना और यहाँ तक कि उपहास के अलावा, यह योग गुरु पिछले कुछ सालों से लगातार शिखर छू रहा है, इस साल बाबा रामदेव दो कारणों से सुर्खियों में थे। अप्रैल 2015 में, हरियाणा सरकार ने बाबा रामदेव को योग और आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर के रूप चुना। योग गुरु रामदेव को हरियाणा सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री के दर्जे की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। एक बार फिर से अगस्त में, भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ खाद्य उत्पादों के निर्माण और बिक्री के लिए हाथ मिलाया है।

इंद्राणी मुखर्जी

2015 के मध्य तक सीईओ और आईएनएक्स मीडिया के सह-संस्थापक के रूप में कार्य करने के बावजूद, भारत के कई लोग शायद इंद्राणी मुखर्जी को नहीं जानते होंगे। हालांकि अगस्त 2015 में, उनकी गिरफ्तारी की खबर ने देश में काफी हद तक हलचल पैदा कर दी थी। 2012 में, इंद्राणी के साथ (इंद्राणी की बहन के रूप में) रह रही शीना बोरा और उसका तीसरा पति पीटर मुकरजी गायब हो गया। अगस्त 2015 में, उसके लापता होने के करीब 3 साल बाद, पुलिस को पता चला कि शीना की हत्या कर दी गई और जाँच में पता चला कि इंद्राणी, जो उसकी मां थी, बहन नहीं, उसी ने उसकी हत्या कर दी। हत्या का संभावित कारण इंद्राणी के सौतेले बेटे राहुल मुखर्जी के साथ शीना के नाजायज संबंध हैं। यह मामला अभी भी चल रहा है और इस मामले पर इस साल मीडिया का ध्यान बहुत ज्यादा आकर्षित हुआ है।

आमिर खान

आमिर खान

दशकों से अब तक,आमिर खान भारत के सबसे प्रिय अभिनेताओं में से एक रहे हैं। हालांकि इस साल आमिर खान कई विवादित खबरों से घिरे रहे। नवंबर 2015 में, अभिनेता आमिर खान ने असहिष्णुता को लेकर जारी बहस में शामिल होते हुए कहा कि उनकी पत्नी असहनशीलता की बढ़ती घटनाओं के कारण अपने बच्चे के लिए चिंतित हैं इसलिए वह उनसे देश छोड़ने के लिए कह रहीं हैं। देश के सभी संभावित इलाको की सोशलमीडिया आलोचनाओं के साथ भड़क उठी और उत्साही प्रशंसकों के साथ कभी भी आमिर खान की फिल्म पर एक और रुपए खर्च न करने की शपथ भी ली। इस स्टार के कई समर्थक भी थे,लेकिन नकारात्मक खबरों के सुर्खियों में आने के कारण अब इनसे दूर हो गए हैं।