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भारत के मामले

November 11, 2017
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भारत के मामले

एक समय वह था, जब यह मुहावरा कहा जाता था कि “ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता है” यह ग्रेट ब्रिटेन के भौगोलिक प्रसार और सांस्कृतिक वृद्धि का एक सम्मानित व्याक्यांश था। उसी समय रॉबिन कुक ने चिकन टिक्का मसाला को ब्रिटिश राष्ट्रीय पकवान घोषित किया और दुनिया भर में इसका प्रभाव होने के कारण भारत ने भी इसे स्वीकार कर लिया था।

ओएसिस का विकास- 

वर्तमान में भारत एक भिन्न प्रकार के आच्छादित वैश्विक परिदृश्य में, आर्थिक विकास का ओएसिस है। वित्तीय वर्ष 2016 में, इस दक्षिण एशियाई देश में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में, आर्थिक वृद्धि लगभग 7.9 प्रतिशत के आसपास आँकी गई थी। आईएमएफ वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक द्वारा अनुमानित वैश्विक विकास की दर 3.4 प्रतिशत के साथ इसकी तुलना करें, तो यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार और वित्तीय संस्थाओं को अपना अधिकार मिल गया है। भारत के पारंपरिक अभिशाप के कारण सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति, वित्त वर्ष 2013 की 10.92 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2016 में 5.8 प्रतिशत रह गई।

तेजी से बढ़ती आबादी और विकासशील अर्थव्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए अमेरिका और यूरोप अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए भारत को सबसे बड़े बाजार में परिवर्तित करने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक, दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार और सोने के आयातक में शीर्ष पर है। लेकिन यह हीरे-जवाहरात, पेट्रोलियम उत्पादों, अनाज, औषधियों, ऑटोमोबाइल (मोटरवाहनों) और मशीनरी का प्रमुख निर्यातक भी है।

भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), निश्चित रूप से दुनिया भर में देश की पकड़ मजबूत कर रहे हैं। यदि आप सोंच रहे हैं कि पेप्सिको की इंदिरा नुई भारत की एकमात्र सीईओ हैं, जिन्हें आप जानते हैं, ऐसा नहीं है। उद्योग की प्रमुख कंपनियों जैसे गूगल (सुंदर पिचाई की अगुवाई में), माइक्रोसॉफ्ट कार्पोरेशन (सीईओ सत्य नडेला), हेवलेट-पैकार्ड (सीईओ और अध्यक्ष व्योमेश जोशी), एडोब सिस्टम (शांतनु नारायण की अगुवाई में), मास्टरकार्ड (सीईओ अजयपाल सिंह बंगा) और भी कई उद्योगों के सीईओ भारतीय है। अतः भारतीय सीईओ की सूची अन्नत है।

इस पर भी नजर डालें

आज कल ‘बॉलीवुड’ का तड़क-भड़क संगीत दुनिया भर की शादियों और पार्टियों का एक नियमित हिस्सा बना हुआ है। चलो आगे बढ़ते हैं। पिछले साल ब्राजील के उपन्यासकार पाउलो कोएलो ने ट्वीट किया कि “माई नेम इज खान वर्ष 2009 सबसे अच्छी फिल्म है, जो मैंने इसी साल देखी थी” और उन्होने अपनी नवीन संवेदना व्यक्त की थी, जो दुनियाभर के लोगों द्वारा गुंजायमान हो रही थी। भारतीय सिनेमा को सामान्यतः बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है। आमिर खान की फिल्म पीके ने विदेशों में 41,000,000 डॉलर से अधिक कमाई की। अभी हाल ही की, फिल्म सुल्तान ने विदेशों में 20,300,000 अमेरिकी डॉलर की कमाई की है, जिसमें उसने ज्यादातर कमाई अमेरिका,कनाडा और ब्रिटेन में की है।

इस दौरान, जहाँ बाकी दुनिया धार्मिक विचारों से अलग प्रतीत होती है, वहाँ क्रिकेट एक ऐसा धर्म है जो देश को एकजुट रखता है। यदि आप ऐसे राष्ट्र से हैं जहाँ क्रिकेट खेला जाता है, तो आपको यह निश्चित रूप से ज्ञात होगा कि जिस राष्ट्र ने अपने औपनिवेशिक गुरु से क्रिकेट सीखा था, उसने विश्व कप दो बार जीता है। वर्ष 2015 में इंडियन प्रीमियर लीग ने देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए लगभग 182 लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान किए थे। यह दुनिया के कम से कम तीन देशों के सकल घरेलू उत्पाद से भी अधिक है।

भारतीय क्रिकेट टीम

यूएनएससी के प्रबल दावेदार

खबरों से पता चलता है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य का प्रबल दावेदार था, इसलिए चीन ने भारत को प्रबल दावेदारी से हटाने के काफी प्रयास किए। अप्रैल में फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी ने घोषणा करते हुए कहा यह ‘बेतुका’ है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र, वैश्विक संगठन का स्थायी सदस्य नहीं है। कई देश फ्रांस के साथ बात-चीत करने से कतरा रहे हैं, लेकिन यह अमेरिका, रूस और जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में हो सकता है, अंततः भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है। भारत और अफ्रीका दुनिया की एक-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इन संगठनों से पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। यह उपयुक्त समय है और भारत,वैश्विक राजनीति में अपनी एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

दुनिया के नक्शे पर

जब आप भारत के बारे में सोचते हैं, तो इसके दो महानगरीय शहर दिल्ली और मुंबई के अलावा भी कुछ शहर हैं उनके बारे में विचार करें। गुड़गांव (अब गुरुग्राम), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे और भी भारत के आगामी औद्योगिक केंद्र और गतिशील शहर ध्यान आकर्षित करने वाले पथ पर अग्रसर हैं।

भारत के सिलिकॉन वैली

  • बेंगलुरु, जिसे प्राय: भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है, व्यवसाय के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के फलस्वरूप इसकी गणना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक के रूप में की जाती है। यह व्यवसायों के शुभारंभ का प्रजनन क्षेत्र माना जाता है। यह देश का न केवल विकास के पथ पर सबसे तेजी से अग्रसर होने वाला महानगर है, बल्कि यह कई तकनीकी संगठनों के लिए भी मशहूर है। बेंगलुरु में कई तकनीकी संगठनों जैसे इन्फोसिस, विप्रो, बायोकॉन और विशाल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय स्थापित हैं।

 वित्तीय और औद्योगिक हॉटस्पॉट

  • उत्तर प्रदेश (यूपी) के उत्तर में गुड़गांव (गुरुग्राम) है, जो विशाल व्यापार और सेवा उद्योग के अवसरों को साबित करने का एक लोकप्रिय वित्तीय और औद्योगिक स्थान माना जाता है। यदि आप अपने उद्यम को गुरुग्राम में स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो इस पर विचार करें, क्योंकि यहाँ की 250 से अधिक 500 फॉर्च्यून कंपनियों के पास उनके खुद के कार्यालय हैं।

पुणे दिल की आईटीईएस बीपीओ उद्योग

  • महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर पुणे दुनिया में 101 वें स्थान पर हैं और पुणे को भारत के उभरते आईटीईएस और बीपीओ उद्योगों का दिल और आत्मा माना जाता है। पुणे ‘मर्सर 2015 क्वालिटी ऑफ लिविंग रैंकिंग’ और “आईटी और ऑटोमोटिव कंपनियों” की मेजबानी करने वाले दुनिया के शीर्ष 9 उभरते हुए शहरों में से एक है।

नासिक द वाइन कैपिटल आँफ इंडिया

  • क्या आपको शराब पसंद है? यह माना जाता है कि भारतीय शराब क्रांति में नाशिक शहर सबसे आगे है, जो कि शराब का निर्माता भी है। यहाँ के प्रसिद्ध फल अंगूर का कई यूरोपीय देशों में निर्यात किया जाता है। इस साल, ऑस्ट्रेलिया की यात्रा को छोड़कर, पश्चिमी भारत की शराब का आनंद लें।

सूरत द सिटी ऑफ डाँयमंड़

  • महिलाओं को हीरों (डायमंड) से काफी लगाव होता है और भारत के शहर सूरत में दुनिया के 90 प्रतिशत हीरों का उचित रूप से काटने का कार्य और उनको एक नए रूप में परिष्कृत करने का कार्य किया जाता है। यह देश के सबसे बेहतर लिनेन (सन के पौधों से बने) उत्पादों के साथ-साथ बेहतर वस्त्रों का मुख्य उत्पादनकर्ता और निर्यातक भी है।

हैदराबाद द सि़टी ऑफ पर्लस

  • भारतीय जीवन की गुणवत्ता के संदर्भ में मोतियों के शहर हैदराबाद की गणना सबसे सर्वोच्च स्थान पर की जाती है। यह कहना भी उचित होगा कि हैदराबाद केवल मोतियों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं हैं। हैदराबाद की 600 वर्ग किलोमीटर की जीनोम वैली में उच्च प्रौद्योगिकी व्यवसाय, अनुसंधान एवं विनिर्माण सुविधाएं, दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों का समूह है।

भारत के विकास की कई कहानियाँ हैं। क्या आप भारत में होने वाले विकास की कहानी का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं?

स्थायित्व और शक्ति

सभी एशियाई देशों में भारत एक ऐसा देश है, जो दुनिया के केंन्द्र स्तर पर संभावित कदम रखने की क्षमता रखता है। भारत का लोकतंत्र चीन और पाकिस्तान के विपरीत है। रूस के विपरीत भारत वैश्विक, राजनीतिक और आर्थिक विकास में सक्रिय भागेदारी निभाने की क्षमता रखता है। सिंगापुर और मलेशिया जैसे कई अन्य एशियाई देश तड़क-भड़क और विकसित हो सकते हैं, लेकिन भारत का भूगोल, अर्थव्यवस्था, विशाल आबादी और विविधता देश को अधिक शक्तिशाली बनाते हैं।

तेल से समृद्ध मध्य पूर्वी देश खतरनाक आँकड़ों से जूझ रहे हैं, क्योंकि उनको आईएसआईएस के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आतंकवादी संगठन वाला इस्लामी राज्य (आईएसआईएस) खुद इस्लाम के प्रति आस्था का दावा करता है। इस प्रकार, मध्य पूर्व के अधिकांश इस्लामी राष्ट्र स्पष्ट रूप से अनिर्णायक विरोध के कारण वैश्विक खतरे के रूप में विकसित हो रहे हैं। आतंकवाद के बढ़ते संकटों से निपटने के लिए भारत का सहयोग अनिवार्य होगा।

आइए हम एशिया को छोड़कर यूरोप की घटनाओं पर कुछ गौर करें। ग्रीक आर्थिक संकट, अर्जेंटीना ऋण युद्ध, यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह और यूरोप संघ के बैंकिंग संकट ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को घरेलू संकट के दलदल में फंसा दिया है। अराजक अस्थिरता के दौर से गुजरने वाले यूरोपीय संघ के विपरीत भारत एक शक्तिशाली और स्थिर देश प्रतीत होता है।

लोकतंत्र और विविधता

भारत लोकतंत्र और विविधता का एक राष्ट्र है

अमेरिका की तरह, भारत को एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करने वाले दो बुनियादी मूल्य लोकतंत्र और विविधता है। भारत में पहली बार आम चुनाव वर्ष 1951-52 में हुए थे और भारतीय संसद के निचले सदन (लोकसभा) को प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुना गया था। तभी से लोकतंत्र के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता और सार्वभौमिक व्यक्तियों के मताधिकार स्थिर हैं। बहु-पक्षीय प्रणाली को देखते हुए देश की विभिन्न जातियों, सांस्कृतिक और धार्मिक समूहों को काफी प्रतिनिधित्व दिया जाता है। निर्वाचित स्थानीय सरकार प्रत्येक राज्य और क्षेत्रीय विकास का संचालन करती है।

भारत की अनन्त विविधता ही इसकी ताकत है। विविधता ने राष्ट्र को विभक्त करने के बजाय, लोगों और भारतीय समाज को अपने समूही करण के प्रति अधिक व्यापक और अधिक सहनशील दृष्टिकोण का विकास करने में मदद की है। देश लगभग 1,652 भाषाओं या बोलियों, विभिन्न संस्कृतियों, बेहतर परिदृश्य और जैव विशेषताओं का संग्रहकर्ता है, जिसके परिणामस्वरूप सभी एक-दूसरे के साथ संबंध स्थापित करने में सक्षम होते हैं।

सभी धर्मों यहाँ मौजूद है

भारत हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म का जन्मदाता है और भारत इस्लाम और ईसाई धर्म को भी उपरोक्त धर्मों की भाँति मान्यता देता है। आपसी मतभेदों के बावजूद भी इसके कई राज्य ऐसे हैं जो एकजुट होकर रहते हैं और एक शक्तिशाली गणराज्य की रचना और देश की मदद करते हैं।

जीवन-मरण वाली दुनिया में, भारत यहाँ रहने वाले लोगों की विभिन्न जीवन शैली को अपनाकर, एक शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

भारत में आप भौगोलिक विशेषताओं की वास्तविक रंगावली का भी अन्वेषण कर सकते हैं। भारत के उत्तर-पूर्व में दुनिया की सर्वोच्च ऊँचीं पर्वत श्रृंखला हिमालय, गंगा के उपजाऊ मैदान, दक्कन का पठार, दक्षिणी तटों के साथ उष्णकटिबंधीय वर्षावन, रेतीले रेगिस्तान, सुनहरे समुद्र तट और लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह हैं।

तकनीकी प्रगति

वर्तमान समय में, भारत वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से दुनिया के सबसे विकसित देशों में से एक है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत इस मुकाम पर अपनी 5,000 साल की कठोर मेहनत के दम पर पहुँचने में सफल हुआ है। आइए हम पिछली चीजों को एक तरफ रखकर, वर्तमान समय में जो भारत ने तकनीकी के क्षेत्र में प्रगति की हैं, उसका अवलोकन करते हैं। भारत एशिया का पहला ऐसा देश है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह के कक्ष में मंगलयान की स्थापना करने में सक्षम हुआ है। यह एशिया का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने अपने पहले प्रयास में उपलब्धि हासिल की है। भारत के अनुसंधान और विकास का खर्च, पूरे एशिया में होने वाले खर्चे के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर है।

नि:सन्देह रूप से दुनिया भर के पर्यटक भारत की चिकित्सा सेवाओं का भारी तादात में उपयोग करते हैं। केवल वर्ष 2014 में, देश के चिकित्सा पर्यटन द्वारा लगभग 3.9 अरब डॉलर की कमाई की गई थी और हर साल 5 लाख लोग भारत की चिकित्सा सुविधाओं का उपयोग और सर्जरी करवाने के लिए आते हैं। भारत की चिकित्सा सुविधाएं इसलिए काफी अग्रवती हैं, क्योंकि उन्नत देशों में चिकित्सा की लागते काफी अधिक हैं।

भारत में मोबाइल उपयोगकर्ता

जून 2016 में यह अनुमान लगाया गया था कि भारत में मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या 37 करोड़ 10 लाख थी। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है और इसलिए सरकार डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस पर जोर दे रही है। भारत दुनिया के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातकों और आईटीईएस सेवाओं के समर्थकों में से एक है।

भारत ने दुनिया की प्रमुख परमाणु शक्तियों में से एक के रूप में, व्यापक रूप से सफलता हासिल की है और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सराहनीय है। भारत अब ऊर्जा के स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोतों को खोजने पर काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है। भारत ने पेरिस में नवंबर 2015 में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का नेतृत्व और सौर ऊर्जा के संवर्धन के लिए, समर्पित 120 देशों के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का शुभारंभ भी किया था।

प्रवासी भारतीय

विदेशी पर्यटक

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत न केवल दुनियाभर में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के पथ पर अग्रसर है, बल्कि यहाँ की काफी आबादी विदेशों में भी निवास करती है। आर्थिक और सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र विभाग (डीईएसए) द्वारा किए गए वर्ष 2015 के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 1 करोड़ 60 लाख भारतीय विदेशों में निवास करते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि 1 करोड़ 60 लाख से अधिक भारतीय, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं और जो उन्ही देशों को शक्तिशाली और विकसित बनाने की दिशा में काम करते हैं। ऐसी महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति के साथ भारत और भारतीय समुदाय आज दुनिया में अपनी एक अमिट छाप छोड़ने में कामयाब हुआ है।

यात्रा करने योग्य स्थान

भारत में उच्च शिक्षा और यात्रा करने लायक काफी स्थान हैं। भारत अब प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला और संस्कृति का अध्ययन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सबसे प्रतिष्ठित स्थानों में से एक है। भारत, यात्रा करने वाले स्थानों के रूप में काफी लोकप्रिय है।

योग और आयुर्वेद, स्थानीय लोगों का उत्साह या साहस, शानदार बाजारों, व्यंजनों की अधिकता, साहसिक कार्यों में शामिल होने के अवसर या खेल और सांस्कृतिक विविधता आदि जैसी खूबियों के कारण, वर्ष 2014 में 76 लाख से अधिक पर्यटकों ने भारत का दौरा किया था। तब से हर साल भारत में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।

भारत सपेरों की भूमि से बहुत दूर हो गया है।

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