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स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?

January 12, 2019
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स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय युवा दिवस हर वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है – 1985 से राष्ट्रीय युवा दिवस पूरे भारत देश की परंपरा का एक अमिट भाग रहा है। संयोगवश, यह वही दिन था, जब भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। वास्तव में, भारत सरकार ने 1984 में यह घोषणा की थी कि स्वामी जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों को देश भर के भारतीय युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना है और ताकि वो इन्हें अपने जीवन में शामिल कर सकें।

राष्ट्रीय सरकार द्वारा ऐसा सोचने के पीछे एक महत्तवपूर्ण वजह थी। ऐसा विचार किया गया कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श और विचार अनुकरणीय हैं और ये भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा के महान स्रोत के रूप में कार्य कर सकते हैं। यह उम्मीद की गई थी कि स्वामी विवेकानंद के महान विचारक शब्द देश के युवाओं के बीच अव्यक्त ऊर्जा को जगाने और देश के उत्थान में प्रयास करने के लिए प्रेरित करेंगे।

राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व

उम्मीद की जाती है कि राष्ट्रीय युवा दिवस का जश्न मनाते हुए भारत के युवाओं को अपने जीवन पथ का पालन करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रेरित किया जा सकता है, जो अंततः युवाओं के जीवन को सफल बनाने के लिए प्रेरित करेगा। भारत के महान स्वामी विवेकानंद के दर्शन, विचार और शिक्षा को सांस्कृतिक और पारंपरिक दृष्टिकोण से उचित राष्ट्रीय संपत्ति कहा जा सकता है। उस समय, युवा हमारे देश का भविष्य होंगें। ये वे युवा हैं जो आने वाले दिनों में हमारे देश को उन्नति की ओर ले जाएंगे। यही कारण है कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक तरीके से कार्य करने और सोचने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद का जीवन और शिक्षाएं

1863 में एक कुलीन परिवार में जन्में स्वामी विवेकानंद नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में जाने जाते थे। रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बनने के बाद, स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का मुख्य सहज भाषण, शिकागो में 11 सितंबर 1893 में आयोजित विश्व संसद में दिया था। 4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद ने 39 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। स्वामी विवेकानंद हमेशा हर व्यक्ति को सक्रिय जीवन के लाभों के साथ-साथ जानवरों, गरीबों और बीमार लोगों की देखभाल करने के लिए प्रेरित करते थे, उनका मानना था कि ऐसा करने से कोई भी भगवान की सेवा कर सकता है। स्वामी विवेकानंद चाहते थे कि लोग केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित न रहें, बल्कि सम्पूर्ण संसार का ज्ञान ग्रहण करें।

राष्ट्रीय युवा दिवस पूरे भारत में किस तरह से मनाया जाता है?

इस दिन, भारत भर के स्कूलों और कॉलेजों में खास इंतजाम किया जाता है, वास्तव में यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर भारत में कई तरह की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैः

  • भाषण
  • पाठ
  • युवा सम्मेलन
  • प्रस्तुतियाँ
  • युवाओं के उत्सव
  • प्रतियोगिताएँ
  • संगोष्ठियों
  • खेल आयोजन
  • योग सत्र
  • संगीत प्रदर्शन

राष्ट्रीय युवा दिवस पर शिक्षक, युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन और आदर्शों के बारे में बताते हैं। रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की विभिन्न इकाइयों में बड़े उत्साह के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस का त्यौहार मनाया जाता है। भारत में कई एनजीओएस (गैर-सरकारी संगठन) भी राष्ट्रीय युवा दिवस का त्यौहार मनाते हैं।