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‘गोलमाल अगेन’ मूवी समीक्षा

October 23, 2017
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कलाकार अजय देवगन, अरशद वारसी, तब्बू, तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, परिणीति चोपड़ा, प्रकाश राज, नील नितिन मुकेश, कुणाल खेमू, मुकेश तिवारी, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा।

निर्देशित रोहित शेट्टी

निर्माता रोहित शेट्टी, संगीता अहीर

पटकथा यूनुस सजवाल

संवाद साजिद संजी, फरहाद संजी

संगीत एस. थमन, अमान मलिक, लियो जॉर्ज, डीजे चेताज

छायांकन जोमॉन टी जॉन

संपादित बंटी नेगी

प्रोडक्शन हाउस रोहित शेट्डी प्रोडक्शंस, रिलायंस एंटरटेनमेंट, मंगलमूर्ति फिल्म्स

शैली कॉमेडी

अवधि 2 घंटे 31 मिनट

भारतीय फिल्मों की कुछ फ्रेंचाइजी में से एक गोलमाल है, जिसकी यह चौथी सीरीज है। आइए हम इसके बारे में बात करते है, 1979 की क्लासिक कॉमेडी (गोलमाल) से उत्पल दत्त और अमोल पालेकर की भूमिका को याद करने के लिए एक पल लेते हैं। यह फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित थी, जो कि अपने क्लासिक कॉमेडी शैली से बाहर नहीं निकलती है और हमारे जैसे कॉमेडी के शौकीन ऐसी फिल्मों को बार-बार देखने आते रहते हैं। अगर रोहित शेट्टी ने अपनी फिल्मों का नाम कल्ट कमेडी (सांस्कृतिक हास्यप्रद) रखा है, तो उन्होंने हमें बहुत निराश किया है। गोलमाल सीरीज की पहली फिल्म संभवतः हास्यास्पद और देखने योग्य थी और इस सीरीज की अन्य दो फिल्मों ने केवल हमारा सिर्र दर्द बढ़ाया है। चौथी सीरीज, गोलमाल अगेन के जरिए एक नई कोशिश में घटिया कॉमेडी को पुनर्प्रेषित करने का दुबरा प्रयास है, जिसके कथानक की एक झलक आपके लिए प्रस्तुत है।

कथानक

गो ल मा ल वापस आ गए हैं। आप परेशान बिल्कुल न हो। हम गोपाल (अजय), लकी (तुषार), माधव (अरशद), और लक्ष्मण (कुणाल और श्रेयस दोनों) का जिक्र कर रहे हैं – निराला गिरोह एक बार फिर से लोगों को हँसाने आ गया है और इस बार गोलमाल की चौथी सीरीज की जांपिगं-जैक-स्टाइल हास्य के लिए उन्होनें ऊटी और कूनुर की लुभावनी सुंदरता को चुना है पांचों एक ही अनाथालय में साथ बड़े होते हैं लेकिन अपनी जिंदगी स्वयं के तरीके से जीते हैं। पौरुषवान देवगन गुंडों से लड़ाई करते हैं लेकिन यह भी अन्दर से कायर है, जो कि भूतों से डरता है। पांचों जब वयस्क हो जाते है, तो ये दुबारा से मिलते है। यह सभी एक विशाल और दिखावटी बंगले में इकठ्ठा रहने का प्रबंध करते है, जो कि एक भूत बंगला होता है। इनके अलावा वहाँ पर एना (तब्बू) और खुशी (परिणीति) भी रहती हैं। बाकी के कथानक में पांचों नायक और लाइब्रेरियन- घोस्टबस्टर्स खलनायक (नील नितिन मुकेश और प्रकाश राज) से अनाथालय को बचाने के साथ ही साथ भूत की उपस्थिति की हरकतों का समाना करने का हर संभव कोशिश करते है, जो बहुत बेतरतीब सी लगती है।

क्या हमने वर्णित किया है कि कथानक (यदि यह सब एक ही जैसा कहा जा सकता है) बहुत कमजोर है?

समीक्षा

पहली बात यह है कि रोहित शेट्टी को फिल्म निर्माण के बारे में ठीक से समझने की जरूरत है -“बहुत सारे शेफ शोरबा (सूप) के स्वाद को बिगाड़ देते है; उसी तरह ज्यादा कमेडियन फिल्म से हास्य को ही गायब कर देते है।” इस फिल्म में पांच मुख्य नायक के साथ बहुमुखी कॉमेडियन जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, और मुकेश तिवारी शामिल हैं। यही उचित समय है जब तुषार कपूर को सेवानिवृत्ति के बारे में विचार करना चाहिए। केवल  सरीन तब्बू का कार्य काफी दमदार है। परिणीति और उनकी एक परिधान भूमिका उम्मीद के मुताबिक है, लेकिन वह भी घिसी-पिटी है। हमें डराने में,  प्रकाश राज और नील नितिन मुकेश नाकाम रहे और यह फिल्म की एक बड़ी भ्रामक गड़बड़ी समाने आती है। फिल्म में, सबकुछ जल्दबाजी में बार-बार दोहराया गया है जबकि कथानक से हम आशा करते है कि भीड़ चरम सीमा तक एकत्र हो सके।

गोलमाल अगेन फिल्म को एकमात्र ऊटी की सुन्दरता बचाती है। और सही छायांकन के कारण हमारी आँखों को वही पर चिपके रहने के लिए मजबूर करती है। उज्ज्वल नीयन की जगह को हरे और गुलाबी रंग में बदला गया हैं और हम चकित होकर सोचते हैं कि निर्देशक ने भड़कीले रंग की जगह को प्राकृतिक सौंदर्य में बदलने के लिए किस तरह से बरीकी से प्रबंधित किया है। लेकिन शायद शेट्टी ने फिल्म बनाने के दौरान एक लंबी झपकी लेने का फैसला किया था। अगर हाजिरजवाबी की कुछ लाइन को छोड़ दे, तो गोलमाल अगेन फिल्म अधिक हंसाने के चक्कर में पूरी तरह से विफल हो गई हैं। लगता है कि संपादक भी लंबे समय से हास्य फिल्में लिखने कारण, सबकुछ भूल गया हैं।

इस फिल्म के संगीत के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ नहीं है। गोलमाल शीर्षक गीत (शेखर रविजानी और विशाल दादलानी के द्वारा गया हुआ) को छोड़कर बाकी सभी गीत याद करने लायक नहीं हैं। फिल्म में 90 दशक के गीत को मिश्रित करने के बावजूद, यह प्रभावित करने में असफल रही हैं।

फिल्म ‘गोलमाल अगेन’ में तब्बू की पसंदीदा लाइन ” ‘लॉजिक’ नहीं ‘मैजिक’ नहीं” को कई बार दोहराया गया है।

अच्छा क्या है, बुरा क्या है?

फिल्म में खासतौर पर तब्बू का उम्दा अभिनय देखने योग्य हैं, देवगन की कायाकल्प प्रशंसनीय है और जॉनी लीवर की काफी मजेदार भूमिका है।  गोलमाल अगेन फिल्म को देखने का एकमात्र कारण यह भी हो सकता है कि इस फिल्म की शूटिंग आश्चर्यजनक स्थानों पर की गई है। इसके अलावा फिल्म की बात करें, तो बाकी सबकुछ निराधार-सा दिखाई देता है।

हमारा फैसला

दीवाली के वीकेंड पर पर आप बहुत कुछ कर सकते हैं। आप मित्रों और परिवार के साथ एक अच्छी यात्रा पर जाएं; शहरी प्रदूषण से दूर एक लंबी ड्राइव पर जाएं; शीतकालीन पिकनिक की शुरूआत करें। गोलमाल अगेन पर अपना पैसा और समय बर्बाद न करें। आप बच्चों की तरह अमानवीय घोस्ट चुटकुले पर हँस सकते हो और बड़े पैमाने पर किताबों में घूम सकते हो।  या शायद, आप लंबे समय तक झपकी भी ले सकते हो।