Home / Movies / टॉलीवुड से बॉलीवुड – दक्षिण भारतीय फिल्मों का हिंदी रीमेक

टॉलीवुड से बॉलीवुड – दक्षिण भारतीय फिल्मों का हिंदी रीमेक

July 3, 2018
by


टॉलीवुड से बॉलीवुड - दक्षिण भारतीय फिल्मों का हिंदी रीमेक

बॉलीवुड में टॉलीवुड रीमेक की बढ़ती प्रवृत्ति ने मुझे हिंदी सिनेमा के अस्तित्व पर सवाल उठाने के लिए बाध्य कर दिया है। साउथ की प्रेरणा (फिल्म की कहानी) लेने के कारण हिंदी फिल्मों की संख्या में अचानक वृद्धि देखने को मिली है। कुछ साल पहले, बॉलीवुड की फिल्में तेलुगू या तमिल फिल्म उद्योग के लिए प्रेरणा-स्रोत मानी जाती थीं और ज्यादातर हिंदी फिल्मों को बाद में टॉलीवुड में बनाया जाता था, अर्थात हिंदी फिल्मों को रीमेक करके टॉलीवुड फिल्में बनाई जाती थीं। शायद, यह समय का खेल है जिसने भूमिका को परिवर्तित कर दिया है, जिसके कारण आज हम बॉलीवुड में रीमेक फिल्म बनाने की प्रवृत्ति देखते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं ने हिंदी फिल्म को काफी हद तक सफल बनाने के लिए दक्षिण फिल्मों की कहानियों का सहारा लिया है। हैरानी की बात यह है कि दक्षिण फिल्मों की कहानियों पर आधारित प्रत्येक बॉलीवुड फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। इसलिए अब, बॉक्स ऑफिस पर जब भी कोई फिल्म अच्छा प्रदर्शन करती है, तो लोग सोचते हैं कि यह दक्षिण-भारतीय फिल्म का ही रीमेक है। दक्षिण फिल्मों पर आधारित कुछ सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्में गजनी, राउडी राठौड़, रेडी, सिंघम, रमैया वस्तावैया इत्यादि हैं, जिन्होनें बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।

दूसरे फिल्म उद्योग की फिल्म को मनोरंजक बॉलीवुड फिल्म में परिवर्तित करना, अक्सर मूल फिल्म के सार को छोड़ देना है। एक दक्षिण-भारतीय फिल्म मसाला फिल्मों की तरह है, जिसे कभी भी बॉलीवुड फिल्म में नहीं देखा जा सकता है। अधिकांश टॉलीवुड फिल्में उच्च पारदर्शिता वाले एक्सन के आधार पर बनी होती हैं, जिसमें एक सुपर नायक होता है, जो एक साथ सौ पुरुषों से लड़ सकता है तथा फिल्म में एक गुस्सैल नायिका होती है, जो नायक को लुभाने की कोशिश करती है और फिल्म में निश्चित रूप से एक आइटम नंबर की भी मौजूदगी होती है। ऐसी फिल्में जब बॉलीवुड में बनाई जाती हैं, तो वह फिल्में केवल ब्रांडेड अभिनेता की मौजूदगी में ही सफल हो पाती हैं।

कोई फर्क नहीं पड़ता है कि दक्षिणी फिल्मों का रीमेक करके बनी बॉलीवुड फिल्में इतनी सफलता कैसे प्राप्त करती हैं, लेकिन एक सवाल हमेशा सभी के दिमाग में घूमता होगा कि निर्देशकों को किसी दूसरे फिल्म उद्योग से प्रेरणा लेने की आवश्यकता क्यों है? वे स्वयं ही कोई बेहतर और वास्तविक फिल्म क्यों नहीं बना सकते हैं? क्या इसका अर्थ यह है कि दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता, बॉलीवुड के निर्माताओं के मुकाबले अधिक प्रतिभाशाली हैं या क्या बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं को अपने आलस्य की वजह से एक वास्तविक लिपि का विचार करना मुश्किल लगता है? खैर, कारण जो भी हो लेकिन एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि यह प्रवृत्ति बॉलीवुड में काफी समय तक जारी रह सकती है।

दिन के अंत में, दर्शकों को एक मनोरंजक फिल्म देखने की अभिलाषा होती है, जो उन्हे भरपूर मनोरंजन करवाए, कौन विचार करता है कि यह रीमेक है?

यहाँ कुछ उन नई फिल्मों की एक सूची प्रस्तुत है, जो दक्षिण का रीमेक हैं:

  1. गजनी (वर्ष 2008)- गजनी (वर्ष 2005)
  2. राउडी राठौर- विक्रमार्कुदु (तेलुगू)
  3. रेडी- रेडी (तेलुगू)
  4. सिंघम- सिंगम (तमिल)
  5. बॉडीगार्ड- बॉडीगार्ड (मलयालम)
  6. फोर्स- काका काका (तमिल)
  7. रमैया वस्तावैया- नूवोस्तान नेनोददंताना (तेलुगू)
  8. वांटेड- पोकिरी (तेलुगू)
  9. एक दीवाना था- विन्नय्थान्दि वारुवाया (तमिल)
  10. हाउस फुल 2- मट्टुपेट्टी मचन (मलयालम) या बंदा परम शिवम (तमिल)
  11. अकीरा (2016) -मोना गुरु (तमिल)
  12. ओके जानू (2017) –ओके कनमनी
  13. भुूल भुलैया (2007) – मनिचिथथथु (मलयालम)
  14. गरम मसाला (2005) – बोइंग बोइंग (मलयालम)
  15. हलचल (2004) – गॉडफादर (मलयालम)
  16. साथिया (2002) –अलीपयुथी (तमिल)
  17. रहना है तेरे दिल में (2001) – मिन्नाले (तमिल)
  18. नायक (2001) – मुधालवन (तमिल)
  19. हेरा फेरी (2000) – रामजी राव बोलते हुए (मलयालम)