मूवी रिव्यू परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण
निर्देशकः अभिषेक शर्मा
निर्माताः जेए एंटरटेनमेंट, जी स्टूडियोज़, केवायटीए प्रोडक्शन
लेखकः साईं क्वाड्रास, संयुक्ता चावला शेख, अभिषेक शर्मा
आधारितः पोखरण-II
कलाकारः जॉन अब्राहम, डायना पेंटी, बोमन ईरानी
संगीतः सचिन-जिगर, जीत गांगुली
पार्श्व संगीत: संदीप चौटा
सिनेमेटोग्राफीः असीम मिश्रा, जुबिन मिस्त्री
संपादकः रामेश्वर एस. भगत
अवधिः 128 मिनट
फिल्म कथानक
परमाणु फिल्म की कहानी एक जांबाज आईएएस अधिकारी अश्वत रैना के आसपास घूमती है जो 1995 में भारत को अमेरिका और चीन के साथ परमाणु वेग में तेजी लाने के लिए अपने परमाणु परीक्षण की बात करता है। भारत को परमाणु राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्प, अश्वत रैना एक “शानदार” योजना बनाता है, जो उसकी उचित भागीदारी के बिना ही लागू हो जाता है और अमेरिकी अधिकारियों के राजनयिक दबाव की वजह से इस योजना को बंद कर दिया जाता है। हताश अश्वत मसूरी चला जाता है और एक टियूटर (अर्ध शिक्षक) के रूप में अपनी “उदास” जिन्दगी जीने लगता है।
कथानक की मुख्य कहानी तब शुरुआत होती है जब ब्रजेश मिश्रा (बोमन ईरानी) उन्हें 1998 में दूसरा मौका देते हैं। अमेरिकी उपग्रह (असली खलनायक) को चकमा देते हुए, परमाणु हथियारों का परीक्षण करने के लिए छह भारतीयों की अपनी टीम के साथ सहयोग करते हैं।
परमाणु फिल्म शुरूआत में एक नाटकीय भाषण की तरह प्रतीत होती है। फिल्म में सच्ची घटनाओं और बॉलीवुड को साथ में मिश्रित किया गया है, जिसे कथानक में शामिल नहीं किया जाना चाहिए था। दुनिया की सबसे कुशल निगरानी प्रणाली को बेवकूफ़ बनाना इतना आसान नहीं होगा जैसा कि इस फिल्म में दर्शाया गया है। हालांकि, कलाकारों ने अपनी भूमिका के लिए कड़ी मेहनत की है और उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे कहानी आपके ध्यान को एकाग्रचित करने में सफल हो जाती है। फिल्म में देशभक्ति के अलावा, तनावपूर्ण कथानक को हल्का-फुल्का करने के लिए कुछ कॉमेडी दृश्य भी शामिल किये गए है। फिल्म का बैकग्रांउड म्यूजिक इतना शानदार है कि यह आपके दिल में समा जाएगा। अंततः आप अपने मन में ये सोच सकते है कि पोखरण के असली नायक अमेरिकी उपग्रहों की आँखों में धूल झोकने में कामयाब हो पाएंगे।
हमारा फैसला
थोड़ा अधिक ध्यान और थोड़ा कम मेलोड्रामा, फिल्म को और अधिक शानदार बना सकता था। फिल्म की अच्छाई की बात की जाए, तो इसमें रहस्य, थ्रिलर और हास्य का बेहतरीन सम्मिश्रण है। जॉन अब्राहम की मौजूदगी पूरे कहानी में एक शानदार आकर्षण लाई है।
साराँश |
समीक्षिका – रीका ग्रोवर
समीक्षा की तिथि – 25-05-2018 रिव्यूवर आइटम – मूवी रिव्यू परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण लेखिका रेटिंग – **
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