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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिलिस्तीन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा

February 14, 2018
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिलिस्तीन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिलिस्तीन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 की अपनी दूसरी यात्रा का शुभारंभ फरवरी की शुरुआत में ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन से किया। यह 9 फरवरी से 12 फरवरी तक की चार दिवसीय यात्रा थी और वर्ष 2015 के बाद से मोदी द्वारा यह खाड़ी और पश्चिमी एशिया की पाँचवी यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान, कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो भारत और इन देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें।

प्रधानमंत्री ने अपने तीन देशों के दौरे के एक हिस्से के रूप में, जॉर्डन की राजधानी ओमान में एक संक्षिप्त पड़ाव बनाने में सफल हुए हैं। मोदी ने जॉर्डन के राजा, अब्दुल्ला द्वितीय के साथ अपनी बैठक का आश्चर्यजनक रूप से उल्लेख किया और कहा कि यह बैठक दोनों देशों के बीच के संबंधों को पहले से अधिक मजबूत करेगी। 30 साल के समय में एक भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा यह जॉर्डन की पहली यात्रा है।

प्रधानमंत्री ने जॉर्डन के राजा के साथ येरूशलेम में ईसाई और इस्लामिक पवित्र स्थलों की सुरक्षा में जॉर्डन की भूमिका और फिलिस्तीनी कारण आदि जैसे कई मुद्दों पर व्यापक वार्ताएं कीं।

फिलिस्तीन

9 फरवरी को, नरेंद्र मोदी फिलिस्तीन की सरज़मी पर पहुँचकर, इस क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए हैं। भारतीय प्रधानमंत्री, फिलिस्तीन राज्य के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने भारत और फिलिस्तीन के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिए चर्चाएं की। मोदी ने अपनी इस यात्रा में 5 करोड़ डॉलर के मूल्य वाले छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें से 3 करोड़ डॉलर का एक समझौता पड़ोसी शहर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना था। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक केंद्र के निर्माण और राष्ट्रीय मुद्रण प्रेस के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद के लिए समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इनके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में 50 लाख डॉलर मूल्य के तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

संयुक्त अरब अमीरात

10 फरवरी को, नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए संयुक्त अरब अमीरात पहुँचे और वहाँ मोदी एवं संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष नेतागणों के बीच व्यापक वार्ता हुई। बैठक में कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की थी।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने जलवायु, ऊर्जा और नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने का वादा किया है। दोनों नेता, दोनों देशों के बीच कायम किए गए द्विपक्षीय व्यापार के मौजूदा स्तर से खुश थे। वर्ष 2016-17 में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार 53 बिलियन डॉलर का था। यह देश माल और सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने के लिए भी सहमत थे। दोनों देश माल (वस्तुओं) के व्यापार को बढ़ावा देने और दर सूची की जाँच करने के साथ-साथ बिना-दर सूची के प्रतिबंध पर भी सहमत हुए।

ओमान

मोदी ने 12 फरवरी को ओमान की यात्रा की और उन्होंने अपनी यात्रा में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मोदी द्वारा ओमान की यात्रा का एक प्रमुख मकसददुकम बंदरगाह से संबंधित था। यह बंदरगाह ओमान में स्थित है और समझौता ज्ञापन इस तथ्य से संबंधित है कि भारतीय सैन्य जहाजों कोदुकम की सेवाएं और उनके रखरखाव के लिए ड्राई डॉक मिल जाएगा।

भारतीय सैन्य जहाज, जो सेवाओं के मामले में मरम्मत के लिए ड्राई-डॉक का उपयोग करने के लिए दुकम जाते थे। ओमान के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज और भारत के रक्षा स्टडीज संस्थान के बीच समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह भी सहमति हुई कि हिंद महासागर और खाड़ी महासागर क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के आपसी सहयोग को बढ़ाया जाना चाहिए। दोनों देशों ने आतंकवाद के विषय पर विचार-विमर्श किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर आतंकवाद का समर्थन करने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के परोक्ष उद्धरण प्रस्तुत किए। समझौता ज्ञापन में स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में भी हस्ताक्षर किए गए थे। प्रधानमंत्री ने भारत को एक आकर्षक व्यापार स्थल के रूप में इकमुस्त करने के प्रयास में, देश के कारोबारी प्रमुखों से भी मुलाकात की।

इन सभी देशों में नरेन्द्र मोदी द्वारा की जाने वाली यात्रा भारत के लिए काफी फायदेमंद थी और भारत और इन देशों के बीच सहयोग से नए क्षेत्रों का शुभारंभ होगा।

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