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यूपी निवेशक सम्मेलन 2018: एक खराब अर्थव्यवस्था के लिए आशा की किरण?

February 27, 2018
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वाइब्रेंट यूपी

जब से भाजपा ने भारी बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश राज्य का चुनाव जीता है, तब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य का चेहरा बदलने के लिए और इसे विभिन्न क्षेत्रों से निवेशकों के लिए एक निवेश केंद्र में परिवर्तित करने में प्रयासरत रहे हैं। चूँकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य की बागडोर संभाली है, बागडोर संभालते ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के बीच और विशेष रुप से राज्य के युवाओं में एक नई आशा जगाने की शुरुआत की है और राज्य का विकास करने के लिए निश्चित कदम उठाए हैं। यूपी निवेशक सम्मेलन 2018 को उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहली बार शुरु किया गया था। मुख्यमंत्री ने, कॉर्पोरेट समूहों के साथ जिन्होंने अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ सम्मेलन में भाग लिया था, विभिन्न राज्य के प्रमुखों से 4.28 ट्रिलियन डॉलर मूल्य निवेश के 1,045 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

दुनिया भर से आने वाले लोग

यूपी निवेशक सम्मेलन 2018 का उद्घाटन 21 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लखनऊ में हुआ। इस शिखर सम्मेलन में गौतम अदाणी, मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा, केएम बिड़ला जैसे और कई अन्य प्रमुख उद्योगपतियों ने शिरकत की, राज्यों के प्रमुखों के साथ भारत सरकार के मंत्री जैसे राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमन, रविशंकर प्रसाद, स्मति ईरानी, पीयूष गोयल के अलावा अनुभवी प्रबंधक और विश्वभर के अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रमुख निवेशक भी उपस्थित थे। इन सभी की “नए” उत्तर प्रदेश की विकास की दिशा में निवेश करने में रुचि है, इस प्रकार, राज्य के लोगों के लिए आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मार्ग खुल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में एक नए युग का प्रवेश

एक वर्ष से भी कम समय में, योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य की नकारात्मक छवि को बदलने में सफल रही है और इस सरकार ने राज्य के लोगों के साथ-साथ विश्व के निवेशकों के लिए भी आशा की एक किरण प्रदान की है। निवेशक सम्मेलन का उद्देश्य राज्य के विकास की दिशा में योगदान और कॉर्पोरेट हित धारकों के विभिन्न हिस्सेदारों के साथ-साथ राज्य के प्रमुखों को एक समान मंच प्रदान करना भी था। यूपी सीएम ने दावा किया है कि वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्देश्य है “जनता की भलाई। इस सम्मेलन के माध्यम से यूपी को अपनी छवि बदलने का अवसर भी प्राप्त होगा। इसलिए, यह हर विभाग की जिम्मेदारी है कि राज्य की उन्नति के लिए प्रयास करें”। निवेशक सम्मेलन के परिणामस्वरूप भारत में विदेशी निवेश भी सहायता करेगें, क्योंकि उत्तर प्रदेश का विकास निश्चित रूप से देश के संपूर्ण विकास को प्रभावित करेगा। जिससे यह राज्य के लोगों और सबसे ज्यादा युवाओं को पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान करने में सक्षम होगा। अधिक रोजगार देने के लिए, निवेशक राज्य के आधारभूत संरचना संबंधी विकास पर अपनी पूंजी निवेश करेंगें।

‘योगी प्रतिमान’ में निवेश करने के लिए उत्सुक निवेशक

निवेशकों के सम्मेलन में कई शिखर सम्मेलन भागीदारों ने यूपी में मौजूद निवेश के अवसरों में निवेश करने की अपनी इच्छा की व्यक्त की है। आदित्य बिड़ला समूह ने घोषणा की है कि वे अगले 5 वर्षों में यूपी में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे, वित्त, सीमेंट और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ रासायनिक क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए बताया है कि उनकी कंपनी पहले से ही अपने सीएसआर सेगमेंट के तहत राज्य के 400 गांवों की जमीन पर सक्रियता से कार्य कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी ने आरआईएल की सहायक कंपनी रिलायंस जीओ के जरिए अगले 3 वर्षों में अत्याधिक निवेश करने का आश्वासन दिया है, जबकि ये उत्तर प्रदेश में 20000 करोड़ रुपये पहले से ही निवेश कर चुके हैं। आरआईएल चीफ स्मार्टफोन के जरिए से राज्य के युवाओं को ‘स्मार्ट युवक’ बनाने की अपनी इच्छा के फलस्वरूप उनकी कंपनी अगले दो महीनों में 2 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। मुकेश अंबानी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना में उचित सहायता प्रदान करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करने की बात भी कही है। अदानी समूह ने भी अगले 5 वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में 35000 करोड़ रुपये के निवेश करने की घोषणा की है। अदानी समूह के संस्थापक गौतम अदानी ने यूपी निवेशक सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र में कहा कि ऊर्जा, संचालन, सौर ऊर्जा, सड़कों और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों, जहाँ ये संगठन कार्य कर रहे हैं, में निवेश करने का आश्वासन दिया।

उत्तर प्रदेश के विकास में सरकार देगी योगदान

मोदी सरकार ने राज्य के अधिकांश पिछड़े क्षेत्रों में से एक, बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए 20000 करोड़ रुपये रक्षा कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने यूपी निवेशक सम्मेलन 2018 में कहा था, “बजट में प्रस्तावित दो रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर में से एक बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रस्तावित है, इसमें 20,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इसमें 2.5 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगें” राज्य में विकास के लिए उन संभावित अवसरों को बढ़ावा दिया गया है जिन्हें अखिलेश सरकार में नजर अदांज किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि योगी सरकार और उत्तर प्रदेश की जनता, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए राज्य को विकास की दिशा में ले जाने में सहयोग करेंगी।

पूरे भारत पर नजर

यूपी निवेशक सम्मेलन 2018 को राजनीतिक और मीडिया क्षेत्र के द्वारा बारीकी से देखा जा रहा है, क्योंकि पूँजी का अंतर्वाह विदेशी निवेश में बढ़ोत्तरी और देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सहायता दे सकता है। उद्योग के प्रमुखों द्वारा उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन में निवेश करने की घोषणा के बाद, बाजार में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। आजकल केंद्र और राज्य की दोनों भाजपा सरकार काफी सावधान है, क्योंकि 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा द्वारा उठाया गया कोई भी कदम चुनावी अभियान पर नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और 2014 के लोकसभा में भाजपा द्वारा बहुमत हासिल करने की संभावना को प्रभावित कर सकता है।

क्या इस बार यह लाभप्रद होगा?

यूपी निवेशक सम्मेलन पहली बार ऐसे निवेशक सम्मेलन की मेजबानी नहीं कर रहा है, बल्कि इसी तरह का निवेश शिखर सम्मेलन का आयोजन जनवरी 2013 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा भी किया जा चुका है। जब तृणमूल कांग्रेस का कांग्रेस से विच्छेदन होने के कारण, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट शिखर सम्मेलन को पश्चिम बंगाल की राजधानी से आगरा में स्थानांतरित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन को राज्य के बुनियादी ढाँचे और अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में एक कदम के रूप में देखा गया था, लेकिन यह एक ऐसे शिखर सम्मेलन के रूप में विकसित हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री ने राज्य के स्थिर अर्थव्यवस्था को विकसित करने वाले अवसरों के बजाय अपने निजी लाभ के लिए निवेश के अवसरों का इस्तेमाल किया।

सारांश
लेख का नाम- यूपी निवेशक सम्मेलन 2018: एक खराब अर्थव्यवस्था के

लिए आशा की किरण?

लेखक- वैभव चक्रवर्ती

विवरण- क्या ये निवेश रोजगार के अवसर पैदा करने और उत्तर प्रदेश

के बुनियादी ढाँचे में सुधार करके राज्य की पूरी आबादी में

विकास के लाभों को बढ़ा सकते हैं?