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भारत में इलेक्ट्रॉनिक शौचालय: क्रिया विधि, कार्य क्षमता और सुविधाएं

January 31, 2018
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भारत में इलेक्ट्रॉनिक शौचालय: क्रिया विधि, कार्य क्षमता और सुविधाएं

भारत में, शौचालयों की कमी खुली जगहों में शौच करने के कारण हुई है, जिसने एक प्रमुख स्वास्थ्य-रक्षा संबंधी समस्या पैदा कर दी है। लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के साथ, सरकार और कई संगठन विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक मूत्रालयों और शौचालयों को बनवाकर स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत कर रही है। हालाँकि, इनमें से अधिकतर सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालय आवश्यक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप टिक नहीं पाए हैं। इनमें से अधिकांश शौचालय ऐसे हैं जो उपयोग ही नहीं किए जाते हैं। लोग इन शौचालयों का उपयोग करने में संकोच करते हैं क्योंकि ये बहुत गंदे और अस्वच्छ होते हैं। इसलिए, नए और उचित समाधान इन सार्वजनिक शौचालयों की बेहतरी के लिए आवश्यक है।

एरम वैज्ञानिक समाधान, जो कि एरम ग्रुप (सऊदी अरब के 1 अरब डॉलर की प्रौद्योगिकी अनुसंधान और विकास कंपनी) का एक हिस्सा है, जो भारत में सार्वजनिक शौचालयों या भारत के पहले इलेक्ट्रॉनिक या ई-शौचालय की समस्या को हल करने के लिए आए। 2012 में पहली बार, कंपनी ने समाज में सार्वजनिक स्वच्छता से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित शौचालयों के लिए अपने परिवर्तनशील विचार पेश किए हैं।

ई-शौचालय क्या है?

ई-शौचालय भारत का पहला मानव रहित इलेक्ट्रॉनिक सार्वजनिक शौचालय है। यह पोर्टेबल, पर्यावरण-अनुकूल और जीपीआरएस की सक्षम प्रणाली के साथ बनाया रखता है, जिससे व्यक्ति को शौचालय की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना पड़ता है। एरम वैज्ञानिक समाधान ने इस ई-शौचालय को ‘डिलाईट’ का नाम दिया है।

ई-शौचालय कैसे काम करता है?

ये शौचालय सेंसर-आधारित तकनीक पर काम करते हैं। इसमें साफ सफाई के लिए एक स्व-चालित फ्लश और सेंसर नियंत्रित पानी की सुविधा रहती है। यह मानव रहित शौचालय पहले और बाद में खुद व खुद संचालित होता है। वेब रिपोर्ट के माध्यम से इसका संचालन हमें रोग-निदान से काफी दूर रखता है। एसटीपी के माध्यम से अपशिष्ट प्रसंस्करण किया जाता है। इन पोर्टेबल शौचालयों में वास्तविक समय पर अपडेट करने के लिए जीपीआरएस की सक्षम इकाइयां हैं।

कार्यक्षमता

  • उपयोगकर्ता को इसमें एक सिक्का डालना होगा।
  • दरवाजे स्वचालित रूप से खुल जाएगा।
  • उपयोगकर्ता के शौचालय में प्रवेश करने के बाद सेंसर-आधारित प्रकाश व्यवस्था अपने आप ही चालू हो जाएगी।
  • इन शौचालयों में एक ऐसी सुविधा प्रदान की गई है जो उपयोग के तीन मिनट के बाद 1.5 लीटर पानी को फ्लश (बहाता) करता है और अगर उपयोग लंबे समय तक किया गया हो, तो 4.5 लीटर पानी बहाता है। इसका मूलभूत विचार पानी को संरक्षित करना है।
  • इस ई-शौचालय में 5 या 10 व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने के बाद भी अपने आप ही इसको साफ करने की भी व्यवस्था है
  • उपयोगकर्ता के मार्गदर्शन के लिए शौचालय के अंदर न केवल ऑडियो है, बल्कि शौचालय के बाहर चिपकाए गए निर्देशित नोट भी हैं, जो उपयोगकर्ता को इस शौचालय की कार्यविधि को समझाने में मदद करते हैं।

विशेषताएँ

  • ई-शौचालय टिकाऊ और संक्षारण प्रतिरोधी सामग्रियों जैसे हल्के स्टील या स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं।
  • ये दिखने में आकर्षक लगते हैं और स्वचालित सफाई तंत्र इन शौचालयों को अन्य सार्वजनिक शौचालयों की अपेक्षा साफ रहते हैं।
  • इन मॉड्यूलर शौचालयों को दो से चार घंटे के समय में स्थापित किया जा सकता है।
  • नवीन पोर्टेबल डिजाइन भारतीय कस्बों और शहरों के सबसे भीड़ भरे क्षेत्रों में फिट होने के लिए उपयुक्त हैं।
  • यह एक जैव झिल्ली रिएक्टर से सुसज्जित है, जो पानी की पुनरावृत्ति करने और फ्लशिंग तथा सफाई के लिए इसका पुन: उपयोग करने में मदद करती है। यह उन सभी क्षेत्रों में अधिक उपयोगी है जहाँ जल निकासी टैंक सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
  • वैकल्पिक ऊर्जा जरूरतों के लिए सौर पैनल उपलब्ध हैं।
  • ई-शौचालय में एक नैपकिन इन्सिनरैटर, नैपकिन वेंडिंग मशीन, स्टेनलेस स्टील वॉश बेसिन और एक दर्पण (शीशा) अंदर लगा है, जो महिला उपयोगकर्ताओं की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है।

कार्यान्वयन स्थिति

आज तक,एरम के वैज्ञानिक समाधान ने भारत में 13 राज्यों में 600 से अधिक ई-शौचालय और करीब 200 एसटीपी इकाइयां स्थापित की हैं। विभिन्न स्कूलों में 150 से अधिक ई-शौचालय स्थापित किए गए हैं।

भारत में ई-शौचालय की स्थापना वास्तव में नागरिकों और पर्यटकों के लिए बेहतर गुणवत्ता बनाने के लिए शहरी स्वच्छता अवसंरचना के निर्माण में एक प्रभावी कदम है। ई-शौचालय प्रस्तावों की मूल अवधारणा, यांत्रिक संयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और वेब-मोबाइल प्रौद्योगिकी, प्रवेश के लिए दूर से निगरानी, उपयोग, निकास, सफाई और संक्रमण से बचाने में स्थायी स्वच्छता प्रदान करने में इस पूरे घटनाचक्र के दृष्टिकोण को दर्शाता है। पोर्टेबल ई-शौचालय राजस्व आय का स्त्रोत हैं।