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भारत में सोशल मीडिया का प्रभाव

February 21, 2018
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तकनीकी सक्रियता के बाद, अब ‘सोशल मीडिया सक्रियता’ आज की पीढ़ी के लिए एक पर्याय बन गई है। आज लगभग तीन में से दो भारतीय अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, पिन्ट्रेस्ट आदि पर ऑनलाइन रहकर अपना समय बिताते हैं। यहाँ तक कि अब सोशल मीडिया की तुलना व्यक्तिगत ईमेल भेजने की प्रवृत्ति समाज में बहुत पुरानी हो गई है। लेकिन भारत में सोशल मीडिया इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है? इंटरेक्शन, लाइव चैट, स्टेटस अपडेट्स, इमेज- तथा वीडियो-शेयरिंग जैसे कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं जो सोशल मीडिया की लोकप्रियता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दूसरी ओर ग्राहकों की प्रतिक्रियाएं, उनके संपर्क और ब्रांड के प्रति जागरुकता, एक ऐसी वजह बन गई है जिससे कई कंपनियां भारत और दुनिया भर में सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं। इस प्रकार सोशल मीडिया द्वारा निभाई जा रही विभिन्न भूमिकाएं, दुनिया भर में अपनी लोकप्रियता के लिए विख्यात हैं जो केवल सूचना संचार की मुख्य भूमिका तक सीमित नही हैं।

दिसंबर 2012 तक भारत के नगरों में सोशल मीडिया का प्रयोग करने वालों की (यूजर्स) कुल संख्या लगभग 6.2 करोड़ तक पहुँच गई थी। स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट की आकस्मिक उपलब्धता से सोशल मीडिया के उपयोग में तेजी आई है। भारत में सभी व्यावसायिक कारोबारी, अपने उपभोक्ताओं की ब्रांड जागरूकता और अंतःक्रिया के आधार को समझने के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं। भारतीय इंटरनेट यूजर वास्तविक समूह बनानेे और पारस्परिक प्रभाव डालने तथा बातचीत करने के लिए सोशल मीड़िया का उपयोग करते हैं। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि असाधारण रूप से और तेजी से आगे बढ़ता हुआ सोशल मीडिया जो सूचना और प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित कुछ उत्पादों और ब्रांडों के प्रति ग्राहकों की मानसिक गतिविधियों को उचित रुप से गठित करने में, अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, यह ज्यादातर भारतीयों द्वारा खाली समय में ऑनलाइन मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाता है। लगभग 100 मिलियन भारतीय, जो कि जर्मनी की आबादी से कहीं अधिक हैं, हर दिन  सोशल मीडिया से सम्बन्धित कार्यो में व्यस्त रहते हैं।

सोशल मीडिया – संक्षिप्त परिचय-

सन 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक छात्र मार्क जुकरबर्ग ने अपने साथी छात्रों के साथ जुड़ने के लिए फेसबुक का निर्माण किया। लेकिन वर्तमान समय  में, सभी सोशल मीडिया एप्लिकेशन्स में फेसबुक सबसे अधिक भरोसेमंद बन गया है। वर्तमान समय में, भारत में लगभग 51 लाख फेसबुक उपयोगकर्ता हैं। ट्विटर, एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है जहाँ आप अपने आप को 140 अक्षरों या उससे कम में व्यक्त कर सकते हैं, यह सोशल मीडिया का एक बहुत ही लोकप्रिय प्लेटफॉर्म (मंच) है। 2005 में, स्टीव चेन और चाड हर्ली द्वारा यूट्यूब का निर्माण किया गया था जो वीडियो साझा करने की व्यवस्था प्रदान करता है। सभी पेशेवरों के लिए, लिंक्डइन सबसे अच्छा सोशल मीडिया का मंच (प्लेटफॉर्म) है। अभी हाल ही में गूगल ने, गूगल+ लॉन्च किया है जो लगभग फेसबुक की तरह ही है।

सोशल मीडिया की भूमिका

भारतीय राजनीति में सोशल मीडिया-

सोशल मीडिया न केवल आप और मुझ तक ही सीमित है बल्कि इसके दायरे में राजनेताओं को भी शामिल किया गया है। भारत में राजनीति और राजनेताओं की विभिन्न गतिविधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में लाया गया है। इसलिये यह उम्मीद की जाती है कि सोशल मीडिया, आने वाले समय के आम चुनावों को काफी हद तक प्रभावित करने में, एक बेहतर भूमिका निभाएगा। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा समर्थित आईआरआईएस नॉलेज फाउंडेशन के अध्ययन ने इस तथ्य के संकेत दिए हैं। ट्विटर और फेसबुक के साथ-साथ गूगल+ पर लाखों समर्थकों वाले राजनीतिक नेताओं के लिए सोशल मीडिया अत्यंत महत्वपूर्ण (असली गेम चेंजर) होगा। सोशल मीडिया पर अपनी एक निश्चित छवि बनाए रखने के लिए, अधिकांश नेताओं की अपनी कुछ वेबसाइटें भी होती हैं। जिसके कुछ उदाहरण निम्न हैं:

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी हालिया व्याख्यानों में सोशल मीडिया का अत्यधिक आकर्षण देखने को मिला है। उन्होंने गूगल+ हैंगआट्स पर भी एक राजनीतिक सम्मेलन की मेजबानी की जिससे वह ओबामा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड के बाद ऐसा करने वाले विश्व में तीसरे राजनेता बन गये। अजय देवगन ने भी अपने गूगल+ हैंगआउट की मेजबानी की जिसमें उनसे कोई भी आम आदमी सीधे प्रश्न पूछने के लिए पूर्ण स्वतंत्र था। यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर सदैव ही उनकी एक जबरदस्त मौजूदगी रहती है।

शशि थरूर, ट्विटर पर सबसे अधिक सक्रिय रहने वाले व्यक्ति हैं और उनके ट्वीट्स को मीडिया में मुख्यधारा के रूप में उद्धृत किया गया है।

कुछ महीने पहले आपने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की मांँग या रिक्वेस्ट, फेसबुक पर एक पेज के रुप में देखी होगी।

इसके बाद भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन करने वाले अन्ना हजारे ने भी एक सोशल मीडिया अभियान चलाया है।

कई शोधकर्ताओं ने यह निर्देशित किया है कि टेलीविजन की तुलना में सोशल मीडिया लोगों को प्रभावित करने में एक सबसे मजबूत और अधिक प्रेरणादायक माध्यम होगा।

सोशल मीडिया और व्यापार-

भारत में उपभोक्ता बाजार और व्यापार में सोशल मीडिया की भूमिका को कम नहीं आँका जा सकता। भारत में सोशल मीडिया की भूमिका में होने वाले बदलाव, उपभोक्ताओं के व्यवहार में भी परिवर्तन ला रहे हैं। समय के साथ-साथ, सोशल मीडिया के उपयोग से मस्ती, ज्ञान और व्यापार आदि में बहुत बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। फेसबुक, व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, सोशल मीडिया का सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म या मंच है जो लोगों को अपने साथ जोड़ता है क्योंकि इससे ग्राहकों द्वारा ट्विटर, यूट्यूब और ब्लागिंग आदि का अनुगमन किया जाता है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल ब्रांड्स समुदायों  द्वारा अंतःक्रिया और समाचार प्रसारित करने के लिए भी किया जाता है।

इसलिए सोशल मीडिया के मंच पर न केवल एक व्यक्ति की बल्कि हर संगठन की, चाहे वह बड़ा हो या छोटा हो, फेसबुक, ट्विटर, पिन्ट्रेस्ट, यूट्यूब चैनल और अन्य पर उपस्थिति ऑनलाइन होती है। भारत में 95.7% संगठन, सोशल मीडिया का उपयोग ग्रुप निर्माण के लिए करते हैं, 76.1% ब्रांड की खबरों को उजागर करने के लिए, विशिष्ट पैरामीटर प्लैटफॉर्म जैसे कि लाइक, शेयर, कमेंन्टस् के माध्यम से 81% संगठनों द्वारा कंपनियों में काम करने वाले लोगों की सफलता का आंँकलन करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है। जहांँ तक बजट का सवाल है, तो अधिकांशतः संगठन, अपने सोशल मीडिया के खर्च पर लगभग 10 मिलियन रुपये से नीचे का बजट निर्धारित करते हैं जो कि अपने कुल व्यापार बजट का 1-5% होता है। सोशल मीडिया इंटरैक्शन नियमित आधार पर सोशल संगठन के ग्राहकों के व्यवहार के  बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करता है।

सोशल मीडिया के माध्यम से भारत में भर्तियां –

भर्तियों के चलते सोशल मीडिया भर्ती फर्मों का एक आनेखा जरिया बन गया है। ये कंपनियां नए कर्मचारियों और उनकी कुशलता को खोजने के लिए लिंक्डइन, फेसबुक और ट्विटर का उपयोग कर रही हैं। वास्तव में, कभी ऐसा भी समय था, जब रोजगार से सम्बन्धित सुचनाएं समाचार पत्रों में विज्ञापन द्वारा वर्गीकृत की जाती थी और रोजगार नियोक्ताओं के साथ-साथ कर्मचारियों को भी रोजगार के आदान-प्रदान पर भरोसा था। पारंपरिक तरीकों के माध्यम से जो भर्तियां होती थीं और उनसें जो पैसा मिलता था वह मात्र पेट भरने तक ही सीमित था, जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से की जाने वाली भर्तियां बातचीत, संचार और प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया पर आधारित हैं। अधिकांश संगठन योजनाओं तथा रणनीतियों के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपनी प्रतिभा के अनुसार लाभ कमा सकते हैं।

सोशल मीडिया और आईपीएल-

सोशल मीडिया, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में फेसबुक, ट्विटर, गूगल+ और यूट्यूब जैसी साइटों पर सामयिक और लाइव जानकारी प्रदान कराने में एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से टीम अपने प्रशंसकों के साथ लगातार संपर्क में रहती है और यह एक बहुत अच्छी प्रक्रिया है। इस तरह की बातचीत और सोशल मीडिया की पहुँच, आईपीएल प्रायोजकों और ब्रांडों के लिए एक वरदान है। इस प्रकार व्यापार और मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया को नजरअंदाज करने का कोई रास्ता नहीं है।