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भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतबाधित स्थान

April 5, 2018
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भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतबाधित स्थान

भानगढ़ के किला को भारत का सबसे प्रेतबाधित स्थान माना जाता है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में, सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमा पर स्थित इस किले का निर्माण माधो सिंह प्रथम और मान सिंह प्रथम द्वारा करवाया गया था, जो अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक थे।

इस किले का नाम माधो सिंह प्रथम और मान सिंह प्रथम के दादा भान सिंह के नाम पर रखा गया। भारत सरकार द्वारा भानगढ़ किला और उसका परिसर अच्छी तरह से संरक्षित है। भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा सूर्यास्त के बाद भानगढ़ किले में प्रवेश करना वर्जित कर दिया गया है। अंधेरा होने के बाद इस स्थान पर जाना किसी खतरे से कम नहीं माना जाता है, क्योंकि भानगढ़ का यह किला आसाधारण घटनाओं वाले सायों (भूत) से भरा पड़ा है। सूर्यास्त के बाद पास के जंगलों का परिदृश्य और भी भयानक हो जाता है, जिसके कारण यह स्थान और अधिक प्रेतवाधित दिखाई देने लगता है।

हालांकि, यह किला भारत के अन्य ऐतिहासिक किलों जैसा दिखाई देता है, क्योंकि इसमें खंडहर और कलाकृतियाँ ही शेष रह गई हैं।

भानगढ़ के किले से कई कहानियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनमें दो सबसे अधिक प्रचलित हैं, लेकिन इसमें से कोई भी कहानी भ्रामक नहीं है, तो आइए हम इससे जुड़ी कहानियों पर नजर डालते हैं-

भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतवाधित स्थान

ऋषि और छाया

पूरे भारत में भानगढ़ किले से जुड़ी कई कहानियाँ प्रचलित हैं। पहली कहानी  इस प्रकार है, माधो सिंह नाम के एक राजा थे, जो एक शानदार किले का निर्माण करवाना चाहते थे। एक बाला नाथ नाम के ऋषि, जो कि उस क्षेत्र में ही रहते थे, जहाँ राजा अपना किला बनवाना चाहते थे। ऋषि ने राजा को आदेश कि वह अपने किले का निर्माण इस तरह से करवाएं कि उसकी छाया भी, उनके (ऋषि) घर पर ना पड़े। यदि ऐसा हुआ, तो किले के साथ-साथ पूरा शहर नष्ट होकर खंडहर में बदल जाएगा। इस शर्त का पालन करते हुए माधो सिंह ने भानगढ़ किले का निर्माण करवाया था, लेकिन उनके महत्वाकांक्षी उत्तराधिकारियों ने किले-बंदी अर्थात् किले के चारों तरफ दीवार बनवा दी थी, जिसके कारण किले की छाया ऋषि के घर पर पड़ गई। ऋषि की कही हुई भविष्यवाणी सच साबित हुई, परिणामस्वरूप सब कुछ तहस-नहस हो गया और भानगढ़ का किला खंडहर में बदल गया और एक प्रेतवाधित स्थान बन गया।

सौंदर्य और काला जादूगर

दूसरी कहानी एक सुंदर भारतीय राजकुमारी रत्नावती के चारों ओर घूमती है, जो भानगढ़ की राजकुमारी थीं। एक स्थानीय जादूगर राजकुमारी के प्यार में पड़ जाता है, जो बाद में किले की विपत्ति और सर्वनाश का कारण बनता है। एक बार उस जादूगर ने मोहक सौंदर्य प्रसाधन सामग्री (इत्र) से राजकुमारी को अपने वश में करने की चाल चली, लेकिन किसी तरह राजकुमारी को उस जादूगर के पूरे षडयंत्र का पता चल गया था। जिसके फलस्वरूप राजकुमारी ने एक बड़े से पत्थर पर उस इत्र को फेंक दिया था और ऐसा माना जाता है कि उसमें काला जादू होने के कारण उस जादूगर की मौत हो गई थी। अपनी आखिरी साँस लेने से पहले उस काले जादूगर ने भानगढ़ को एक श्राप दिया था कि भानगढ़ का कोई भी व्यक्ति शांतिपूर्वक नहीं रह पाएगा और पूरा शहर नष्ट हो जाएगा। तब से वहाँ का पूरा परिदृश्य प्रेतवाधित हो गया है।

भानगढ़ किले का भ्रमण करने वाले लोग यह दावा करते हैं कि उन्होंने वहाँ पर अजीब आवाजें सुनी हैं और अलौकिक शक्तियों की मौजूदगी को महसूस किया है। यदि आप एक रोमांचक अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं और इन कहानियों के पीछे की सच्चाई का पता लगाना चाहते हैं, तो आपको निश्चित रूप से इस स्थान का भ्रमण करना चाहिए।

भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतवाधित स्थान

कैसे पहुँचे

सड़क मार्ग द्वारा: भानगढ़ किला सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोकप्रिय रूप से सूर्यास्त से पहले भानगढ़ किला से बाहर आना बेहतर माना जाता है। भानगढ़ का किला राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से दिल्ली से जुड़ा हुआ है, जबकि यातायात के माध्यम से किले तक पहुँचने में लगभग 5 से 6 घंटे लग जाते हैं। जयपुर और अलवर से कोई भी व्यक्ति, इस स्थान पर आसानी से पहुँच सकता है।

रेल द्वारा: अलवर रेलवे स्टेशन इस किले का प्रमुख निकटतम रेलवे स्टेशन है। भानगढ़ किले के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर किराए पर टैक्सी की सुविधा उपलब्ध हैं। अलवर रेलवे स्टेशन से किले तक पहुँचने में लगभग दो से तीन घंटे लग जाते हैं।

भानगढ़ किले का समय

भानगढ़ किला आगंतुकों के लिए पूरे हफ्ते सुबह 6 बजे से लगाकर शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

भानगढ़ किले का भ्रमण करने का सबसे अच्छा समय

भानगढ़ किले का भ्रमण करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक का है, क्योंकि सर्दियों के मौसम के दौरान मौसम सुहावना और संतोषजनक रहता है।

भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतबाधित स्थान

भानगढ़ किले के आसपास देखने लायक अद्भुत स्थान

भानगढ़ किले के नजदीक भ्रमण करने योग्य कई पर्यटन स्थल हैं, जो निम्न हैं:

सरिस्का नेशनल पार्क

इस पार्क को, लोकप्रिय रूप से सरिस्का टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाता है। यह पार्क भानगढ़ किले से 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला का दावा करता है।

जयपुर

राजस्थान की राजसी राजधानी जयपुर, भानगढ़ से करीब 90 कि.मी. की दूरी पर है। राजधानी जयपुर, अपने शानदार महलों के लिए मशहूर है और यह शहर स्वादिष्ट व्यंजनों का संग्रहकर्ता है।

अलवर

अलवर को व्यस्त और शोरगुल भरी जिंदगी से राहत प्रदान करने वाला शहर माना जाता है, क्योंकि यह शहर सुंदर परिदृश्य और पुराने साम्राज्यों के ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ समय की सुंदरता का बखान करता है। अलवर शहर भानगढ़ से लगभग 9 कि.मी. की दूरी पर है।

दिल्ली से दूरी

अपने खुद के वाहन से भानगढ़ किला पहुँचने में 5 से 6 घंटे का समय लगता है, क्योंकि यह किला भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 300 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह किला, दिल्ली के लोगों के लिए व्यस्ततम दिनों के बाद आने वाले सप्तांहात को बिताने का बिलकुल उचित गंतव्य है।

सारांश
लेख का नाम-    भानगढ़ किला: भारत का सबसे प्रेतबाधित स्थान

लेखिका का नाम-  आयुषी नामदेव

विवरण-  17वीं शताब्दी में निर्मित भानगढ़ के किला को भारत का सबसे प्रेतवाधित स्थान माना जाता है। कई कहानियाँ इस किले से जुड़ी हैं, जिसमें दो कहानियाँ सबसे अधिक प्रचलित हैं, लेकिन इसमें से कोई भी कहानी भ्रामक नहीं है।  इस लेख में हमने इससे संबंधित कहानियों पर गौर किया है।