Home / Travel / वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिर

वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिर

October 9, 2017
by


वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिर

वाराणसी या बनारस हिंदू धार्मिक परंपरा का केंद्र है और इसके साथ ही बनारस को देश की आध्यात्मिकता की आत्मा के रूप में भी जाना जाता है। मार्क ट्वेन ने इस शहर की महत्ता को स्वीकार करते हुए लिखा – “वाराणसी शहर इतिहास, परंपरा और किवदंतियो से भी प्रचीन है या यूँ कहें कि वाराणसी शहर उपरोक्त बताए हुए नामों से भी प्रचीन है।” यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस शिक्षण और धार्मिक निष्ठा वाले 2000 साल पुराने केंद्र (वाराणसी) में बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं। यहाँ आपके लिए वाराणसी के कुछ बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर पेश हैं, जिनकी आप यात्रा करना पसंद कर सकते हैं –

  • विश्वनाथ मंदिर – काशी (वाराणसी) का विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे पुराने और सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। यह केंद्र शिव पूजा के महत्वपूर्ण 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। औसतन हर दिन मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या, कुछ हजार से लेकर लगभग 1,00,000 (विशेष अवसरों पर) तक हो जाती है।
  • अन्नपूर्णा मंदिर – विश्वनाथ मंदिर के करीब में ही अन्नपूर्णा देवी का मंदिर स्थित है और इस मंदिर में पार्वती जी की भोजन और पोषण को प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा की जाती है। भक्त यहाँ आकर स्वतंत्र रूप से दान-पुण्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 17 वीं शताब्दी में पेशवा बाजी राव ने कराया था।
  • संकट मोचन मंदिर – ऐसा कहा जाता है कि वाराणसी के संकट मोचन हनुमान मंदिर की स्थापना, प्रसिद्ध संत गोस्वामी तुलसीदास ने करवाई थी और इस मंदिर का पुर्निर्माण 20 वीं सदी की शुरुआत में पं मदन मोहन मालवीय द्वारा करवाया गया था। भक्तों की भीड़, यहाँ रहने वाले सैकड़ों बंदरों को भोजन प्रदान करती है। यह मंदिर मार्च 2006 में एक आतंकवादी हमले का शिकार भी हो चुका है।
  • काल भैरव मंदिर – काल भैरव मंदिर वाराणसी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। काल भैरव को शहर का संरक्षक माना जाता है और ऐसी धारणा है कि काल भैरव मुसीबत के समय अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
  • तुलसी मानस मंदिर – बिरला तुलसी मानस मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1964 में हुआ था और यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है। तुलसीदास जी का प्रसिद्ध संग्रह रामचरितमानस मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण है।
  • दुर्गा कुंड मंदिर – माँ दुर्गा का दुर्गा कुंड मंदिर वाराणसी के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर, तुलसी मानस मंदिर के समीप स्थित है। विशेष दिनों में मानस मंदिर से लेकर दुर्गा मंदिर तक एक जुलूस भी निकाला जाता है।
  • भारत माता मंदिर – भारत माता मंदिर, भारत का एक अद्वितीय मंदिर है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है। इस मंदिर के अलावा मातृभूमि को समर्पित मंदिर कहीं भी नहीं है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1936 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने कराया था। गांधी जी ने स्वयं इस मंदिर का उद्घाटन किया था।
  • विशालाक्षी मंदिर – काशी विशालाक्षी मंदिर देश के प्रशंसित शक्तिपीठ मंदिरों में से एक है। इस दक्षिणीय भारतीय शैली वाले मंदिर के बारे में कई पारंपरिक चमत्कारिक कहानियाँ हैं और यह विशालाक्षी मंदिर पूरे देश के भक्तों का एक पसंदीदा स्थान है।
  • त्रिदेव मंदिर – यह बहुत ही दुर्लभ मंदिरों में से एक है, क्योंकि यह त्रिदेव मंदिर तीन देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात् शिव को समर्पित है। इसलिए यह अनोखा हिंदू मंदिर वाराणसी में त्रिदेव मंदिर के नाम से जाना जाता है और हर दिन सैकड़ों भक्तों द्वारा इस मंदिर का दौरा किया जाता है।
  • कामाख्या मंदिर – गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध तीर्थयात्री केन्द्रों में से एक है। असम जाने में असमर्थ भक्त वाराणसी के कामाख्या मंदिर की यात्रा करते हैं।
  • नया विश्वनाथ मंदिर – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में नया विश्वनाथ मंदिर का निर्माण शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय ने बिरला की मदद से किया था। नए विश्वनाथ मंदिर की चोटी को देश के सबसे बड़े मंदिर की चोटी के रूप में जाना जाता है।
  • मृत्युंजय महादेव मंदिर – शिव जी को कई रूपों को धारण करने के लिए जाना जाता है, इनमें से ही एक है मृत्युंजय – जिसका अर्थ है स्वयं की मृत्यु पर विजय प्राप्त करना। मृत्युंजय के नाम से विख्यात् यह मंदिर शिव जी को समर्पित है और बड़ी संख्या में भक्तगण अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की प्रार्थना करने के लिए मंदिर की यात्रा करते हैं।
  • नेपाली मंदिर – ललिता घाट के नेपाली मंदिर को मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा, राणा बहादुर शाह द्वारा 1800 के दशक में टेराकोटा, लकड़ी और पत्थर के शिवालय शैली से करवाया गया था और नेपाली मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
  • सारनाथ – सारनाथ देश के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल केंद्रों में से एक है। यह वाराणसी शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सारनाथ का स्तूप यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है।