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दिल्ली में सुनहरी मस्जिद की जीर्णावस्था का रहस्य

May 8, 2018
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दिल्ली में सुनहरी मस्जिद की जीर्णावस्था का रहस्य

दिल्ली में सुनहरी मस्जिद

स्थान: चांदनी चौक, नई दिल्ली

प्राचीन काल में भारत को सोने की चिड़िया बुलाये जाने के कारण,अक्सर यहाँ पर कई शासकों द्वारा आक्रमण किया जाता रहा। इतिहास में इन शासकों के अत्याचार का एक विस्तृत विवरण मौजूद है, जिन्होंने न केवल देश की संपत्ति लूटी थी बल्कि बहुत से लोगों का रक्त (लोगों को मौत के घाट उतारा) भी बहाया। ऐसे ही एक शासक के अत्याचार दिल्ली की एक छोटी मस्जिद में दर्ज है। रोशन-उद दौला जफर खान नामक एक महान मुगल शासक द्वारा निर्मित यह मस्जिद चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित है और इसे सुनहरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

सुनहरी मस्जिद का निर्माण वर्ष 1722 में हुआ था। जैसा कि इतिहास बताता है कि एक अत्याचारी फारसी हमलावर नादिर शाह, यहाँ के हजारों निवासियों के कातले-ए-आम करने के उद्देश्य से, इस मस्जिद के शिखर पर खड़ा हुआ था। यह भंयकर नरसंहार दृश्य कई घंटों तक चला था, जिसके परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के लगभग 30,000 स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली में अन्य स्मारकों की विशाल संरचना के बीच यह सुनहरी मस्जिद अपनी आसपास की इमारतों से ढकी हुई है और चांदनी चौक की भीड़-भाड़ के बीच मुश्किल से दिखाई देती है।

2.1 मीटर ऊँचे चबूतरे पर बनी इस मस्जिद को हरे रंग के फूल-पत्तियों के नमूने से सुसज्जित है। मस्जिद के तीन मुख्य गुंबदों पर तांबे के साथ सोने का पानी चढ़ाया गया है, जिसकी वजह से इसे “सुनहरी मस्जिद” कहा जाता है। इस मस्जिद को अन्तिम बार बहादुर शाह जफर द्वितीय द्वारा वर्ष 1852 में पुनर्निर्मित करवाया गया था। इस मस्जिद में जनसमूह को समायोजित करने के लिए एक आंगन भी बनाया गया था। अतः दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाली इस मस्जिद के बारे में जानने और यहाँ घूमने एक बार अवश्य जाना चाहिए है।

प्रवेश – निःशुल्क

जरूरी: लाल किले के पास सुनेरी मस्जिद स्थित है।