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थेनी : पृथ्वी पर एक अज्ञात स्वर्ग

May 9, 2018
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थेनी : पृथ्वी पर एक अज्ञात स्वर्ग

थेनी शब्द तमिल के ‘थेन’ से लिया गया है जिसका अर्थ है शहद या अमृत (फूलों से निकला हुआ रस)तमिलनाडू के थेनी की यात्रा आपके लिए एक मीठा अनुभव प्रदान कराने वाली यादगार यात्रा बन सकती है। वर्ष 1996 में थेनी जिला मदुरै से अलग हो गया था और इसके बाद थेनी शहर जिला मुख्यालय बन गया। यह राज्य के सबसे हरे-भरे और सुंदर स्थलों में से एक है। थेनी जिले में कई नदियों और खाड़ियों का जाल है जो धान, कपास और चाय का उत्पादन सुगम बनाता है। थेनी की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि इसे, “पृथ्वी के छिपे हुए स्वर्ग” जैसा उपनाम देने के लिए प्रेरित करती है।

इतना ही नहीं थेनी न केवल एक खूबसूरत स्थान है, बल्कि यह सूती वस्त्र उद्योग और महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ-स्थलों से परिपूर्ण एक स्थान है। थेनी ऐतिहासिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

पाण्ड्य राजवंश के राजाओं के मदुरई और पड़ोसी राज्यों पर अपना परचम लहराने के समय से लगाकर टीपू सुल्तान के दक्षिणी युद्ध अभियान और ब्रिटिश शासन के समय तक, थेनी ने राज्य के गौरवशाली इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण प्रतिभा का परिचय दिया।

थेनी तक कैसे पहुँचे

हवाईजहाज द्वारा: थेनी का निकटतम हवाई अड्डा मदुरै हवाई अड्डा है, जो लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित करता है। कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (205 किलोमीटर दूर) कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों पर जाने की सेवा प्रदान करता है।

ट्रेन द्वाराः निकटतम रेलवे स्टेशन थेनी से लगभग 27 किलोमीटर दूर कोडैकानल रोड पर स्थित है। लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शोलावंदन एक और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है जो राज्य के बाकी हिस्सों के साथ थेनी को जोड़ता है।    

बस द्वाराः तमिलनाडु अपनी उत्कृष्ट बस सेवाओं के लिए जाना जाता है। तमिलनाडु राज्य की परिवहन बसें और निजी कोच दोनों चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर, सेलम और तिरुनेलवेली सहित राज्य के सभी महत्वपूर्ण शहरों को थेनी से जोड़ती हैं।  

थेनी के आसपास भ्रमण करने योग्य स्थान

मेघामलाई (थेनी से 75 किमी दूर), जिसका शाब्दिक अर्थ है बादलों से घिरा हुआ पहाड़, तमिलनाडु के सबसे हरे-भरे स्थलों में से एक है। विस्तृत चाय के बागानों के अलावा, यहां वन्यजीव अभयारण्य भी यात्रा के दौरान देखने लायक जगह हैं। गौर, हाथी, काकड़ (हिरन की एक प्रजाति), सुअर, भालू, लोमड़ी, और ऊदबिलाव जैसे जानवरों को भी यहाँ पर देख सकते हैं। इस वन्यजीव अभयारण्य वाले स्थान पर पक्षियों की लगभग 100 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।

सुरुली फॉल्स (थेनी से 56 किमी दूर) एक सुंदर कैस्केडिंग वॉटरफाल (झरना) है जिसे आप देखना चाहेंगे। पर्यटक अक्सर यहाँ आकर इसके पानी में स्नान करते हैं क्योंकि इस पानी को उपचारात्मक गुणों के लिए सही माना जाता है। सुरुली फॉल्स के पास गुफाएं तमिल के पूर्व उत्कृष्ट वास्तुशिल्प कला के शानदार उदाहरण हैं।

कुम्बाक्काराई फाल्स (थेनी से 23 किमी दूर) पंबार नदी के ऊपर इस क्षेत्र के उदार निवासी थिरू के चेल्लम अय्यर द्वारा विकसित किया गया था। खूबसूरत झरने और आसपास के इलाकों में प्राकृतिक चट्टानों की संरचना को देखने के लिए आपको यहाँ की यात्रा करनी चाहिए।

पेरियाकुलम में सेरेन फन पार्क (थेनी से 4 किमी) में एक रोमांचक मनोरंजन पार्क है, खासकर बच्चों के लिए। सवारियों के अलावा, लेजर शो, एक्वा केव एक्वैरियम और ओपन-एयर थियेटर काफी प्रसिद्ध हैं।

वाराह नदी पर सोथुपराय बांध (थेनी से 25 किमी) एक शानदार पिकनिक स्थल है। बरसात के दौरान, अति प्रवाह के कारण भरे हुए बांध का अवलोकन काफी शानदार होता है। यह राज्य में दूसरा सबसे बड़ा बांध है।

थेनी अपने छोटे लेकिन खूबसूरत मंदिरों के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कई मंदिरों का अपना धार्मिक महत्व है जो पूरे राज्य से आए भक्तों को आकर्षित करते हैं। जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण मंदिर शामिल हैं:

श्री गोमारीअमन मंदिर – देवी अंबिका को समर्पित, यह मंदिर चित्तीराई, आदी और थाई के महीनों में कई महत्वपूर्ण उत्सवों का आयोजन करता है। ऐसा माना जाता है कि इन देवी के चमत्कार से चेचक और खसरे से संक्रमित लोग ठीक हो जाते हैं।

श्री सनेश्वर बागवन मंदिर – नौ ग्रहों में से एक शनि ग्रह, को  समर्पित, यह मंदिर महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है।

श्री अरुल्मिगु बालासुब्रमण्य मंदिर – कार्तिकेय जिनकी दक्षिण भारत में पूजा की जाती है और महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। यह मंदिर जो भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है, इसमें कई महत्वपूर्ण उत्सवों का आयोजन किया जाता है।

थेनी में सूती वस्त्र उद्योग

थेनी को दक्षिण भारत का दूसरा मैनचेस्टर कहा जाता है। शहर में अत्यधिक बड़े कपास के व्यापार और उद्योग की वजह से थेनी को दक्षिण भारत का दूसरा मैनचेस्टर कहा जाता है। थेनी जो देश में सबसे अच्छे और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले कपास उत्पादों का उत्पादन करता है। स्वदेशी निर्मित साड़ी, तौलिए, बिस्तर और स्नान उत्पादों, बनियान और इसी तरह के उत्पादों को अक्सर विदेशी देशों को निर्यात करता है। थेनी की यात्रा के दौरान अपने लिए खूबसूरत रेशमी सूती साड़ी और मुलायम लेनिन देखना और खरीदना न भूलें। थेनी के कॉटन (सूती वस्त्र) की अक्सर कोयंबटूर में निर्मित कपास उत्पादों से तुलना की जाती है।

थेनी जाने का सबसे अच्छा समय

थेनी वर्ष के किसी भी समय यात्रा करने के लिए बहुत अच्छा स्थान है। गर्मियों में राज्य के बाकी हिस्सों की तरह यह स्थान गर्म नहीं रहता है और इसका श्रेय हम प्रचुर मात्रा में हरियाली और पूरे क्षेत्र में फैली हुई कई नदियों को दे सकते हैं। हालांकि, सर्दियों का मौसम तमिलनाडु के इस स्थान का दौरा करने का सबसे अच्छा समय है। शीतकालीन मानसून यह सुनिश्चित करते हैं कि तापमान हल्का रहे और झरनों का बहाव जारी रहे। ग्रीष्मकालीन मानसून शहर को आर्द्र बनाता है और इसका मौसम पर बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ता है। तमिलनाडु में थाई, चिथिरई और आदी के महीने में यहां मंदिर में आयोजित भव्य उत्सवों में भाग लेने के लिए इस क्षेत्र की यात्रा करना पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा है।

समारोह

श्री गोमारीअम्मन मंदिर का चिथिरई तिरुविझा (उत्सव) मई में आयोजित एक भव्य 8-दिवसीय उत्सव है। महिलाएं पीले और लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं और आग पर मिट्टी के बर्तनों में मीठा पोंगल बनाती हैं। भक्त मंदिर के चारों ओर अपनी प्रार्थना को ध्यान में रखते हुए एक बर्तन में आग रखकर घूमते हैं। करगम नृत्य और अनुष्ठान कवाडी उठाने के लिए इस उत्सव में शामिल होने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं।

थेनी में पोंगल घरेलू और सामुदायिक समारोहों के तौर पर मनाया जाता है। पोंगल उत्सव के दौरान आयोजित बैल गाड़ी दौड़ एक भव्य उत्सव है। यह जिला प्रतिबंधित होने से पहले अपने कई जल्लीकट्टू (बैलों की लड़ाई) उत्सवों के लिए प्रसिद्ध था।

तमिलनाडु के बाकी उत्सवों की तरह, आदी पेर्कुकु एक महीने का उत्सव है जो थेनी में पारिवारिक बंधन और धार्मिक भक्ति का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। तमिलनाडु में नव वर्ष (मध्य अप्रैल में) का दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मंदिर में आयोजित उत्सवों के साथ मनाया जाता है।