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पूर्वी राजस्थान में 5 शीर्ष मध्यकालीन किले

March 15, 2018
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प्रत्येक किले के पीछे उसकी एक कहानी होती है। हमने पूर्वी राजस्थान के कुछ अनोखे किलों की तलाश और उनके पीछे की कहानियों का अनुसरण किया है। राजस्थान की पिछली सड़क यात्रा के दौरान मेरे मन में उसी के अनुरूप विचार थे। मैं अक्सर ऐसे पर्यटकों की भी भीड़ देखती हूँ, जो कि किलों के पीछे की कहानियों को जाने बिना ही एक के बाद एक किलों की तस्वीरें खींचते रहते हैं। हो सकता है कि आपने इन किलों के बारे में सुना हो, लेकिन मैं आपकी यात्रा को और भी अधिक सार्थक बनाने के लिए कुछ विशेष पहलुओं के साथ आगे बढ़ती हूँ। तो, अपनी कार में बैठे और राजस्थान के खूबसूरत ग्रामीण इलाकों की यात्रा करें तथा एक दिन में एक ही किले का दौरा करें।

  1. भानगढ़ किला, भानगढ़

भानगढ़ किला, हमेशा भारत और दुनिया के सबसे प्रेतवाधित स्थानों की सूची में शुमार रहता है। यह किला अरावली पहाड़ियों के आधार पर भानगढ़ गाँव के समीप और सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण्य के आगे स्थित है। यह स्थान अतीत से ही ग्रामीण इलाकों और अँधेरी लोक कथाओं का अविश्वसनीय मिश्रण रहा है। 17वीं सदी का यह किला 150 साल पहले गाँव के लोगों द्वारा रातों-रात चले जाने के कारण निर्जन हो गया था। एएसआई (भारत के वास्तुकला सर्वेक्षण) द्वारा इस किले में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद प्रवेश करना वर्जित कर दिया गया है। स्थानीय लोगों की सहभागिता से मुझे अपने अनुभवों में एक अंतर्दृष्टि की प्राप्ति हुई। उनमें से कुछ लोगों ने इस किले के कुछ हिस्सों में उच्च अनुभवी भावावेश और असामान्य तापमान के पतन होने को स्वीकार किया है। गोपीनाथ मंदिर और गणेश मंदिर इसके आस-पास ही स्थित हैं।

  1. चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़

मेवाड़ क्षेत्र में बना यह पराक्रमी किला इतना बड़ा है कि इसकी पैदल यात्रा करने में आपको लगभग तीन दिन का समय लग सकता है, खासकर जब आप इसकी दुर्लभ फोटोग्राफी करते हैं। राजस्थान का मेवाड़ क्षेत्र अपनी जैव विविधता के साथ-साथ कलाकृति और इतिहास में भी समृद्ध है। यह किला कई योद्धा वंश और रियासतों का घर है। चित्तौड़गढ़ का किला महाराणा प्रताप से संबंधित है, जो उस वंश के सबसे लोकप्रिय योद्धाओं में से एक थे। जैसा ही मेरा गाइड मुझे किले के अंदर तक ले गया और मुझे देखकर आश्चर्य हुआ कि यह स्थान किस प्रकार शालीनता से पिछले युग की गवाही देता है।

भानगढ़ किला, पलायन करने वाले गांव का निशान

भानगढ़ किला, पलायन करने वाले गांव का निशान

भानगढ़ किले के भीतर सोमनाथ मंदिर

भानगढ़ किले के भीतर सोमनाथ मंदिर

मैं चित्तौड़गढ़ के मीराबाई मंदिर, रानी पद्मिनी पैलेस और कीर्ति स्तंभ जैसे स्थानों का दौरा करने की सलाह देती हूँ। इन सभी से मुझे स्कूल में पढ़ाए गए मेरे इतिहास के सबक याद आते हैं। मेरा पसंदीदा कीर्ति स्तंभ स्पष्ट रूप से पहले जैसा खड़ा है। इस 22 मीटर ऊँचे स्तंभ को टॉवर ऑफ फेम के नाम से जाना जाता है, जो एक जैन व्यापारी द्वारा बनवाया गया था तथा यह स्तंभ भगवान आदित्य को समर्पित है। इस स्तंभ पर ध्यान की स्थिति में विभिन्न तीर्थंकर और जैन देवताओं की नग्न मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं। चित्तौड़गढ़ शहर के इस कीर्ति स्तंभ की सातवीं मंजिल के शानदार दृश्य को देखना भूलें।

कीर्ति स्तम्भ - चित्तौड़गढ़ किले में 22 मीटर का टावर

कीर्ति स्तम्भ – चित्तौड़गढ़ किले में 22 मीटर का टावर

कीर्ति स्तंभ, चित्तौड़गढ़ किले पर जटिल एवं आकर्षक जैन नक्काशी

कीर्ति स्तंभ, चित्तौड़गढ़ किले पर जटिल एवं आकर्षक जैन नक्काशी

  1. जयगढ़ किला, जयपुर

“हिल ऑफ द ईगल” के शीर्ष पर स्थित, जयपुर शहर के आमेर किला और माओटा झील के हवाई दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं। यह किला अन्य किलों से भिन्न है, क्योंकि इसमें राजसी सत्ता वाले महल के साथ-साथ तोपखानों का भंडारण भी है तथा यह किला विशेष रूप से हथियारों का भंडारण करने के लिए ही बनाया गया था। जयवान तोप तोपखाने के संग्रह में सबसे अधिक प्रभुत्व वाली तोपों में से एक थी। इस तोप का निर्माण वर्ष 1720 में हुआ था और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी पहियों पर स्थापित तोप है। जयगढ़ किले के चारों ओर टहलने के दौरान, मैंने उन दिनों के लोगों द्वारा जल संचयन करने के अद्वितीय तरीके के उपयोग को भी देखा।

जयगढ़ किले का भीतरी महल

जयगढ़ किले का भीतरी महल

जयगढ़ किले से जयपुर शहर का विहंगम दृश्य

जयगढ़ किले से जयपुर शहर का विहंगम दृश्य

  1. कुम्भलगढ़ किला, कुम्भलगढ़

राजसमन्द जिले का कुम्भलगढ़ किला एक अनोखा और कम ज्ञात दुर्ग है, जो कि अपने चारों ओर चिड़िया की आँख के समान मेवाड़ के चट्टानी इलाके के दृश्य की पेशकश करता है। यह महाराणा कुंभ द्वारा बनवाया गया राजस्थान का सबसे दुर्जेय किला है। यह महाराणा प्रताप का जन्मस्थान भी है। यहाँ झुकाव के साथ किले की ओर बढ़ती हुई घुमावदार सड़क, यात्रा को पूरी तरह से शानदार बनाती है। इस किले में पैदल चलना फायदेमंद होने के साथ-साथ शारीरिक रूप से थकाऊ भी है। इससे पहले कि आप किले में पैदल टहलने की योजना बनाएं, तो अपने साथ एक पानी की बोतल और कुछ भोजन जरूर पैक कर लें। इस किले की 36 कि.मी. अस्पष्ट दीवार समुद्र तल से लगभग 1100 मीटर पर स्थित है, जो मुगल साम्राज्य के राजा उदय सिंह और अंबर के राजा मान सिंह की संयुक्त सेना को पछाड़ने के लिए पर्याप्त थी। इसलिए, मेवाड़ साम्राज्य द्वारा इस किले का इस्तेमाल एक शरण-स्थान के रूप में किया गया था। कुम्भलगढ़ किला अरावली पर्वत माला की 13 सुंदर पर्वत चोटियों से घिरा हुआ है, जो वन्य जीवन और विदेशी पक्षियों से समृद्ध हैं। किले के अंदर महत्वपूर्ण जगहों में बादल महल, कुंभ पैलेस, जैन मंदिर और शानदार जलाशय हैं। क्या आप जानते हैं कि चीन की विशाल दीवार के बाद दुनिया में दूसरी सबसे लंबी दीवार कुम्भलगढ़ किले की है?

कुम्भलगढ़ किले की 36 किमी लंबी दीवार मुगल साम्राज्य की सेनाओं को पीछे हटाने के लिए इस्तेमाल की गई थी।

कुम्भलगढ़ किले के भीतर मंदिर

  1. तारागढ़ किला, बूंदी

येलो सिटी के नाम से जाना जाने वाला बूंदी का यह किला, कम ज्ञात किलों में से एक है। सरकार द्वारा अच्छी तरह से अनुरक्षित रखे जाने वाले अन्य किलों के विपरीत, यह किला देहाती और प्रामाणिक आभा वाला है। तारागढ़ का किला एक ऐसा किला है, जहाँ आप महल के प्रवेश द्वार पर पत्थर के नक्काशीदार हाथी देख सकते हैं। यह मुगलों के कठोर प्रभाव के साथ-साथ राजपूत वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। ऐसा कहा जाता है कि अगर बूंदी, चित्तौड़गढ़ और जयपुर के राज्य एकजुट रहते, तो वह आसानी से मुगल आक्रमण का सामना कर सकते थे। बूंदी किले की चित्रशाला (कला का स्कूल) इसकी अनूठी विशेषताओं में से एक है। यह भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश और ब्रह्मा की कहानियों का चित्रण करते हुए दीवार भित्ति चित्रों का सटीक उदाहरण है। यहाँ की चित्रकारी, बूंदी राजसी सत्ता की दैनिक जीवन की कहानियाँ बयाँ करती है।

भव्य बूंदी महल

भव्य बूंदी महल

बूंदी किला

बूंदी किला