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सोशल मीडिया और राजनीति पर इसका प्रभाव

January 20, 2018
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सोशल मीडिया और राजनीति पर इसका प्रभाव

भारतीय राजनीति बदल रही है और परिवर्तनों के इस दौर में लोगों के साथ जुड़ने के लिए सोशल मीडिया सबसे बेहतर साधन है। भारत विविधताओं वाला देश है और जिसमें हमारे देश की कुल आबादी में से लगभग 34% युवा वर्ग की भागीदारी है। इस तरह सोशल मीडिया एक विशाल समुदाय तक संदेश पहुँचाने का सबसे अच्छा साधन है जो लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आप पार्टी द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल

2015 में, सोशल मीडिया ने दिल्ली चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों के प्रचार में भरपूर सहयोग किया और जनता को चुनावों के प्रति जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में आधुनिक तरीके का इस्तेमाल करके जनता तक पहुँचने में सफल रहे थे और जिस तरह चुनावों के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग किया था उसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था तथा पार्टी के अनेक नेता फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से उनके बीच उपस्थिति रहे थे। अरविंद केजरीवाल ने अपने ग्राम क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्तियों और वर्कर (श्रमिक) लोगों के साथ सोशल मीडिया को प्रासारित किया ताकि अधिकतर व्यक्तियों तक यह सुविधा पहुँच सके। जिस समय, भाजपा परंपरागत तरीके से जनता के दिलों को जीतने की कोशिश कर रही थी और चुनाव प्रचारों के लिए रैलियों का आयोजन करना, समस्त पार्टियों के कार्यकर्ता एक जुट होकर सभी के दरवाजों पर जाकर वोट के लिए अभिवादन कर रहे थे और इस तरह चुनाव के परिणाम खेल परिवर्तक में बदल गए व यह भी सुनिश्चित हो गया कि भारतीय राजनीति के आने वाले वर्षों में सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राजनीति में सोशल मीडिया का उपयोग

कुछ समय से, सोशल मीडिया का राजनीति में अधिक प्रयोग होने लगा है। इनके माध्यम से लोग कमेंट (टिप्पणी) करने, मेम्स बनाने और यहाँ तक कि ट्रोलिंग भी कर सकते हैं। वह न्यूज़ फीड के माध्यम से कार्यों को अत्यधिक सरलता पूर्वक करा सकते हैं। इस तरह उन्हें कई राजनीतिक व्यक्तियों से संपर्क बनाने या किसी अभियान में शामिल होने के लिए भी अधिक भ्रमण करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आज के वक्त में प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग कम होने लगा है और अब लोग समाचार का एक हिस्सा बनकर, इस मंच पर अन्य लोगों के साथ जुड़कर अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो और पिक्चर्स फेसबुक, यूट्यूब और अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रदर्शित किए जाते हैं। जो बिना किसी मिताचार के साथ सच्चाई से दिखाए जाते हैं और इस तरह राजनीति में आम आदमी की अधिक भागीदारी बढ़ गई है।

हाल ही में, भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया वेबसाइटों के उपयोग के बारे में बहुत कुछ किया गया है। श्री सुरेश प्रभु ने अपनी टीम के साथ मिलकर, जरूरत से ज्यादा भारतीय रेल यात्रियों की सहायता के लिए ट्विटर का बहुत कुशलता पूर्वक उपयोग किया है। महिलाओं द्वारा स्कूली बच्चों को खाना भेजने की सारी जानकारी, विपत्तियों के समय समस्त सहायता इसी ट्विटर के जरिए उन तक पहुँचाई गई तथा ट्रेन में होने वाली सारी परेशानियों को भी दूर किया। रेल मंत्रालय के इन सब कठिन प्रयासों से लोग वास्तव में आश्चर्य चकित रह गए, क्योंकि जरूरत पड़ने पर  इसी से लोगों को सबसे ज्यादा सहायता मिली थी। मानव संसाधन विकास मंत्री सुषमा स्वराज भी इस ट्विटर से काफी प्रभावित हुई हैं और उन्होंने अपनी उपस्थिति ट्विटर के जरिए दी व तुरंत अपने ट्विटर हैंडल से सहायता भी की थी।

सोशल मीडिया ने राजनीति को विशेष रूप से प्रभावित किया है और इसलिए राजनीति के प्रति लोगों की अधिक रूचि बढ़ गई है, राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया को जनसंपर्क कार्यप्रणाली के प्रचार में प्रयोग करके अधिक लोकप्रिय बना दिया है। लगभग हर पार्टी फेसबुक और ट्विटर पर आधिकारिक तौर पर शामिल हैं, जिसके माध्यम से वे लोग राजनीतिक अपडेट्स, प्रेस विज्ञप्तियाँ और अपने अभियानों के बारे में संदेश भेजा करते हैं। आधुनिक समय में, सोशल मीडिया राजनीति का एक अभिन्न हिस्सा रहा है और इस सोशल मीडिया का समाज में निरंतर विकास भी हो रहा है।