चेन्नई के दर्शनीय स्थलों का नक्शा

चेन्नई में पर्यटन के कई आकर्षण हैं। चेन्नई के समुद्र तट पर स्थित रिसोर्ट बहुत सुंदर हैं। मनीला तट चेन्नई का गौरव है। ऐतिहासिक सेंट जाॅर्ज किले की यात्रा आपको प्राचीन समय में खींच ले जाती है। चेन्नई में कई मंदिर, चर्च और आध्यात्मिक केन्द्र हैं। यहां के पार्थसारथी मंदिर और कपिलेश्वर मंदिर का निर्माण 13 वीं सदी में हुआ था और यह द्रविड़ वास्तुकला का नमूना है।

सैन्थोम कैथेड्रल का निर्माण सेंट थाॅमस की कब्र के उपर हुआ था और यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। राज भवन एस्टेट में गिंडी राष्ट्रीय उद्यान में स्नेक पार्क है, जिसमें सांप व अन्य रेंगने वाले जानवरों का बड़ा संग्रह है। सन् 1882 में मैडम ब्लावत्सकी और कर्नल ओलकाॅट द्वारा स्थापित अड्यार मुख्यालय में हुए थियोसाॅफिकल आंदोलन का सूत्र चेन्नई था।

चेन्नई में घूमना पर्यटकों को तमिलनाडु की इस आकर्षक भूमि के भिन्न भिन्न अनुभव देता है। मंदिरों की यात्रा शुरु करने का सबसे अच्छा स्थान ममल्लापुरम है, फिर वहां से कांचीपुरम, चिदंबरम, भरतनाट्यम की जन्म भूमि होने के लिए प्रसिद्ध तंजावुर, तिरुचिरिपल्ली और रामेश्वरम हैं।

चेन्नई में देखने योग्य स्थान



राजकीय संग्रहालय
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
सन् 1851 में निर्मित चेन्नई का राजकीय संग्रहालय मद्रास संग्रहालय के नाम से लोकप्रिय है। कोलकाता के भारतीय संग्रहालय के बाद तथ्यात्मक तौर पर यह भारत का दूसरा सबसे पुराना संग्रहालय है और यह अपने आप में किसी खजाने से कम नहीं है। कला, पुरातत्व, मावन विज्ञान, मुद्रा शास्त्र और बहुत कुछ बेहतरीन कृतियों का यहां भंडार है, इसलिए मद्रास संग्रहालय सबको आकर्षित करता है।

विवेकानंद हाउस
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
साल 2013-14 में स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती थी। स्वामी विवेकानंद ने ही पश्चिमी दुनिया को भारतीय दर्शन का परिचय करवाया था। भारतीय समाज में स्वामी विवेकानंद के योगदान के लिए और उन्हें सम्मानित करने के लिए उस स्थान की बात करते हैं जो उनसे बहुत गहराई से जुड़ा है। विवेकानंद हाउस या विवेकानंद इल्लम चेन्नई का एक संग्रहालय है जो स्वामी विवेकानंद के शिष्यों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। सन् 1897 की अपनी पश्चिम की यात्रा से लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद यहीं रुके थे। इसलिए इस जगह को एक तीर्थ स्थान के तौर पर देखा जाता है।

विक्टरी वाॅर मेमोरियल
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
चेन्नई या मद्रास को दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है। प्रतिष्ठित मरीना बीच चैन्नई स्थित विश्व के कुछ सबसे बड़े समुद्र तटों में से एक है। चैन्नई का विक्टरी वाॅर मेमोरियल या क्यूपिड्स बाॅ यहां के दो युुद्ध स्मारकों में से एक है। दूसरा युद्ध स्मारक मद्रास वाॅर सेमेट्री है। यह स्मारक मरीना बीच की शुरुआत में सेंट जाॅर्ज किले के पास है।

कट्टूबावा मस्जिद
श्रेणी: धार्मिक
देश में सबसे ज्यादा हिंदू मंदिरों के लिए पहचाने जाने वाले शहर में कोई मस्जिद मिलने की संभावना बहुत कम लगती है। हर संभावना किसी अज्ञात को खोजने का अवसर होता है, इसलिए मुझे मंदिरों के इस राज्य में एक बहुत पुरानी मस्जिद मिल ही गई। करीब 500 साल पहले बनी ये मस्जिद जिसे कट्टूबावा मस्जिद या कट्टूबावा पल्लीवसल कहते हैं, तमिलनाडु में बहुत मशहूर है। पदुकोट्टाई-मदुराई राजमार्ग पर स्थित यह मस्जिद मध्य भारत का एक उल्लेखनीय इस्लामी तीर्थ केन्द्र है।

बड़ी मस्जिद
श्रेणी: धार्मिक
चैन्नई की बड़ी मस्जिद ट्रिपलिकेन के जानबाजार इलाके में वल्लाजाह सड़क पर है। यह इस राजधानी की कुछ बहुत खूबसूरत मस्जिदों में से एक है। यह मस्जिद कैद-ए-मिलैथ मार्ग से कुछ दूरी पर है।

कंडास्वामी मंदिर
श्रेणी: धार्मिक
चैन्नई का कंडास्वामी मंदिर मदुरंकटम से 29 किमी. दूर चैयूर में स्थित है। आप चैन्नई से इस मंदिर तक बस, रेल या सड़क से पहुंच सकते हैं। चैयूर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चैंगलपट्टू है। यहां से टैक्सी उपलब्ध रहती है। मदुरंकटम से लगातार निजी कैब और बसें चलती हैं।

कपिलेश्वर मंदिर
श्रेणी: धार्मिक
चैन्नई का कपिलेश्वर मंदिर बहुत प्राचीन और मायलापुर का एक प्रतिष्ठित मंदिर है। इसकी इमारत का ‘गोपुरम’ द्रविड़ वास्तुकला के मौजूद नमूनों में सबसे अनूठा है। भगवान शिव के इस मंदिर में कुछ बहुत सुंदर मूर्तियां हैं जिसमें 63 शैव संतों की दुर्लभ कांस्य प्रतिमाएं हैं, जो कि मंदिर के आंगन में सजी हैं।

डैश-एन-स्प्लैश
श्रेणी: मस्ती और मनोरंजन
डैश-एन-स्प्लैश चैन्नई का एक मनोरंजन स्थल है जो तमिलनाडु के चैन्नई शहर से 30 किमी. दूर स्थित है। यह पार्क बैंगलौर की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 4 पर स्थित है। यह मनोरंजन स्थल चैन्नई के मेव्ल्लूर कुप्पम गांव में है। पार्क का प्रशासनिक कार्यालय शहर में तंबू चेट्टी सड़क पर है।

कोवलोंग समुद्र तट
आकर्षक कोवलोंग बीच, चैन्नई से 40 किमी. दूर स्थित है। कोवलोंग बीच चैन्नई के प्रसिद्ध समुद्र तटों में से एक है। यह अपनी सुंदरता और तट पर होने वाली विभिन्न गतिविधियों के लिए जाना जाता है। कोवलोंग बीच कर्नाटक के एक नवाब द्वारा बनवाया गया था। चैन्नई का कोवलोंग बीच, भारत में फ्रांसिसियों का एक केन्द्र था।

अरीगनर अन्ना प्राणी उद्यान
चैन्नई का अरीगनर अन्ना प्राणी उद्यान सन् 1855 में स्थापित हुआ था। सन् 1979 में इसे दक्षिणी महानगर वंडलुर के जंगल के इलाके में स्थानांतरित कर दिया गया। अरीगनर अन्ना प्राणी उद्यान को जनता के लिए आधिकारिक तौर पर सन् 1985 में खोला गया था। अरीगनर अन्ना प्राणी उद्यान 510 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह दक्षिण एशिया का एक सबसे बड़ा प्राणी उद्यान है।

सेंट थाॅमस माउंट
ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत सेंट थाॅमस ने की थी। दक्षिण भारतीयों में इस धर्म को सेंट थाॅमस ने ही प्रचारित किया। हालांकि कुछ कठिन परिस्थितियों में उन्हें प्रसिद्ध लिटिल माउंट में शरण लेनी पड़ी। कुछ समय बाद लिटिल माउंट से तीन किमी. दूर वो शहीद हो गए और उस स्थान को आज भी उनके लिए याद किया जाता है और सेंट थाॅमस माउंट कहा जाता है। यह चैन्नई के परंगीमलाई में स्थित है और पर्यटकों और धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र है। भारत में धार्मिक यात्रा पर आए लोग अन्य चर्चों के साथ इसकी भी यात्रा जरुर करते हैं। यहां मौजूद तैल चित्र दर्शनीय हैं। यह चित्र सेंट थाॅमस अपने साथ भारत लाए थे। ये चित्र उनके एक साथी ल्यूक ने बनाए थे। इस चर्च को 16वीं सदी में पुनर्निमित किया गया था।

एमजीएम डीज़ी वल्र्ड
एमजीएम डीज़ी वल्र्ड ईस्ट कोस्ट सड़क पर स्थित है। इसके खुलने और बंद होने का समय सुबह दस बजे से शाम के साढ़े छह तक का है। सप्ताह भर यहां लोगों की भीड़भाड़ रहती है। 35 एकड़ में फैले इस मनोरंजन स्थल में एक समुद्र तट, एक रिसोर्ट भी है जो यहां की यात्रा को यादगार बना देता है। यह मनोरंजन स्थल बच्चों के लिए अनुकूल है और यहां का एक विशेष भाग उन्हीं के लिए समर्पित है। यहां उपलब्ध सवारियों में जायंट व्हील, पैराशूट टाॅवर, कामिकाज़ रेेंजर, रोलर कोस्टर, राॅकिंग बोट आदि हैं। किशोरों की पसंदीदा सवारी रेवोल्यूशन और वेंचर हैं। यदि आप अपने परिवार के साथ मौज मस्ती कर कुछ अच्छा समय बिताना चाहते हैं तो एमजीएम डीज़ी वल्र्ड आपके लिए उपयुक्त जगह है। यहां 60 से ज्यादा सवारियां हैं और करीब 1500 लोग हर सप्ताह यहां आते हैं। इस हिसाब से यह आंकड़ा सालाना तौर पर 5 लाख को पार करता है।

पताः 1/74, ईस्ट कोस्ट सड़क, मुट्टुकाडु, चैन्नई
तमिलनाडु - 603112
प्रवेश दर: 300 रु वयस्कों के लिए
230 रु 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए

अयप्पा मंदिर
अन्ना नगर स्थित अयप्पा मंदिर कुछ लोगों के समूह द्वारा बनवाया गया था। यह लोग अयप्पा की पूजा करते थे और इन्होंने साथ मिलकर उनके लिए एक मंदिर बनाने का निर्णय किया। यह मंदिर पहले बहुत छोटे स्तर पर बनाया गया लेकिन बाद में यह बड़ा होता गया और अब चैन्नई की पहचान बन चुका है। इसमें भगवान अयप्पा की पंचलोक मूर्ति है और साथ ही गणेश, अंजंनेयर, दुर्गा और मुरुगा की भी प्रतिमाएं हैं।

वीजीपी यूनिवर्सल किंगडम
वीजीपी यूनिवर्सल किंगडम को आमतौर पर वीजीपी के नाम से जाना जाता है। यह ईस्ट कोस्ट सड़क पर स्थित है। इसके खुलने और बंद होने का समय सुबह दस से शाम के साढ़े छह तक का है और सप्ताहांत में यह शाम साढ़े सात बजे तक खुला रहता है। यह चैन्नई के सभी मनोरंजन स्थलों में अव्वल है और अपनी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता है। यह स्थान किफायती भी है और यहां मौज मस्ती के पूरे इंतजाम भी हैं। जायंट व्हील और रैन डांस यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। यहां के भोजनालय का बड़ा फैमिली डोसा एक बड़ा आकर्षण है। इसके पास ही में एक समुद्र तट भी है। यहां उपलब्ध बच्चों की सवारियां शहर में सबसे अच्छी हैं।

पता: राज्य राजमार्ग 49, चैन्नई
तमिलनाडु - 6000041
प्रवेश दर: 225 रु वयस्कों के लिए
175 रु बच्चों के लिए

सेंट जाॅर्ज किला
अंग्रेजों द्वारा बनवाई गई यह उत्कृष्ट कृति, उनकी प्रारंभिक तौर पर अपनाई गई गैर-शास्त्रीय निर्माण शैली के बारे में बहुत कुछ बोलती है। यह शुक्रवार छोड़कर बाकी सभी दिन खुला रहता है। यह सुबह नौ बजे से लेकर शाम साढ़े चार तक खुला रहता है। भारतीयों के लिए इसकी प्रवेश दर 5 रुपये है और विदेशियों के लिए 2 डाॅलर। इस किले में फोटोग्राफी निषेध है। सरकार के अच्छे प्रयासों के चलते इस किले की खूबसूरती इतने सालों के बाद भी अब तक बरकरार है। यह भारत में औपनिवेशिक शासन, खासतौर पर प्राचीन चैन्नई से संबंधित जानकारियों की लाईब्रेरी के तौर पर काम करता है।

महालिंगापुरम श्री अयप्पा मंदिर
चैन्नई के व्यस्त इलाके नुंगमबक्कम में महालिंगापुरम श्री अयप्पा मंदिर स्थित है। यह मंदिर पारंपरिक रिवाजों के लिए तड़के खुल जाता है और रात नौ बजे तक खुला रहता है। कई लोग यहां मन की शांति पाने की आशा लिए आते हैं। इस मंदिर द्वारा एक पत्रिका भी निकाली जाती है, जिसका नाम पुष्पभिषेकम है। इस पत्रिका में आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवार, समाज और अन्य विषयों पर सुझाव प्रकाशित होते हैं। हर प्रमुख त्यौहार पर इस मंदिर को खूबसूरती से दीपक और फूलों से सजाया जाता है। भगवान को अर्पण करने के लिए भक्त यहां हल्दी, सिंदूर, नारियल और फूल लाते हैं।

वेलनकन्नी चर्च
अन्नाई वेलनकन्नी चर्च बसंत नगर में स्थित है और यह पूरा सप्ताह खुला रहता है। यहां हर दिन अंगे्रजी, तमिल और मलयालम में मास होता है। सालाना समारोह और त्यौहार, जैसे क्रिसमस और उद्गम दिवस बड़े ही उल्लास से मनाए जाते हैं। विश्व भर के लोगों के बीच तीर्थ यात्रा स्थलों में वेलनकन्नी चर्च बहुत प्रतिष्ठित है। चर्च में एक संग्रहालय भी है जिसमें सोने, चांदी से बने कई कीमती सामान प्रदर्शित किये गए हैं।

स्थान: एलियट बीच, ओडेमनगर, बसंत नगर
चैन्नई
समय: सुबह 5 से रात 9 बजे तक

मरीना समुद्र तट
मरीना बंगाल की खाड़ी से लगा भारत का सबसे लंबा शहरी और विश्व का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट है। 13 किमी. लंबा यह तट चैन्नई का सबसे प्रमुख आकर्षण है। इस तट पर तैराकी और स्नान प्रतिबंधित है लेकिन यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए बहुत आकर्षण हैं। यहां सूर्यास्त और सूर्योदय का नज़ारा बहुत सुंदर होता है। यहां के तट पर खाने के स्टाॅल और दुकानों पर मिलने वाले सामान बहुत मशहूर हैं। यहां टहलने या घोड़े की सवारी करने का आनंद भी लिया जा सकता है।

गोल्डन समुद्र तट
बंगाल की खाड़ी की सीमा वाला वीजीपी गोल्डन समुद्र तट ईस्ट कोस्ट सड़क पर स्थित है। मरीना तट से गोल्डन समुद्र तट जाने में करीब आधे घंटे का समय लगता है। यह एक रिसोर्ट है जिसमें मनोरंजन पार्क भी हैं। इसके मनोरंजन पार्क में गो कार्टिंग, रोलर कोस्टर व अन्य सवारियां भी हैं। रिसोर्ट द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।

पार्थसारथी मंदिर
पार्थसारथी मंदिर को अरुलमिगु पार्थसारथीस्वामी भी कहा जाता है। यह भगवान कृष्ण का एक वैष्णव मंदिर है। इसमें भगवान कृष्ण ‘पार्थसारथी’ यानि महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी के रुप में है। यह मंदिर भगवान विष्णु की पूजा किये जाने वाले 108 प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। यहां भगवान विष्णु के चार अलग अलग अवतार हैं, भगवान कृष्ण, भगवान राम, भगवान नृसिंह और भगवान वराह। यह मंदिर इस मायने में अनूठा है।

वाडापलानी मंदिर
वाडापलानी मंदिर को अरुलमिगु वाडापलानी अंदावर थिरुकोली भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान मुरुगा को समर्पित है और यहां की जाने वाली प्रार्थना की शक्तियों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में हुआ था और समय के साथ इसकी प्रसिद्धि बढ़ती गई। मुख्य देवता के अलावा यहां अन्य देवता भी है पलानी अंदावर, इसलिए यहां एक साथ कई देवताओं की पूजा की जा सकती है। अन्य भगवानों में यहां भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और देवी पार्वती हैं। भगवान हनुमान की छवि यहां एक खंबे पर अंकित है और भक्त अपनी मन्नत पूरी करने कि लिए उन्हें मक्खन चढ़ाते हैं। फिल्म उद्योग में इस मंदिर का विशेष स्थान है। यह मंदिर कई फिल्मों में दिखाया गया है। इसके आसपास कई मशहूर लोगों के घर हैं।

चेन्नई के निकट पर्यटन स्थल



श्रीपेरुमबुदुर
चैन्नई के पास सप्ताहांत में छुट्टी मनाने का पसंदीदा स्थान श्रीपेरुमबुदुर है। चैन्नई से 40 किमी की दूरी पर स्थित श्रीपेरुमबुदुर तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में है। एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित होने पर भी इस शहर में बड़ी संख्या में पार्क हैं जो शहर की भागमभाग से लोगों को राहत देते हैं।

येलागिरी पहाडि़यां
चैन्नई से छुट्टी मनाने जाने का पसंदीदा स्थान येलागिरी पहाडि़यां हैं। येलागिरी चैन्नई से 3-4 घंटे की दूरी पर है। येलागिरी एक बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है जो दरअसल छोटे छोटे गांवों का एक समूह है, जो पहाडि़यों के आस पास फैला है। प्र्रदूषण और वैश्विकरण से अछूती येलागिरी पहाडि़यों में कई हरी भरी घाटियां हैं। यहां प्राकृतिक सुंदरता के बीच गुलाब के कई उद्यान और फलों के बागीचे हैं। येलागिरी पहाडि़यों में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिनमें वेलवान मंदिर, पुंगनूर झील, स्वामीमलाई पहाड़ी और जलगमपराइ झरना शामिल हैं।

तिरुपति
यदि आप अपनी छुट्टी को धार्मिक यात्रा में बदलना चाहते हैं तो तिरुपति सबसे उत्तम स्थान है। तिरुपति आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में है और चैन्नई से 152 किमी. दूर है। हिंदुओं में तिरुपति पूजा के आठ सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है। तिरुपति में कमल पर खड़े भगवान विष्णु की 2 मी. उंची प्रतिमा है। प्रतिमा के आस पास भूदेवी और श्रीदेवी है। माना जाता है कि इस प्रतिमा से जो मांगो वो मिल जाता है। तिरुपति मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। तिरुपति में और भी कई मंदिर हैं।

सदरस
चैन्नई के पास स्थित एक अन्य खूबसूरत शहर सदरस है। कोरोमंडल समुद्र तट पर स्थित सदरस चैन्नई से 69 किमी. दूर है। इस शहर का इतिहास बहुत पुराना है। इसे 17वीं सदी में डच काॅलोनी घोषित किया गया था। सदरस में कई दर्शनीय स्थल हैं। विभिन्न किलों और नौसेना के युद्धक्षेत्रों के अलावा यहां बीते युग के कई सुंदर क्षण मौजूद हैं।

महाबलीपुरम
कोरोमंडल समुद्र तट पर स्थित महाबलीपुरम शहर एक प्राचीन बंदरगाह है। महाबलीपुरम चैन्नई से 60 किमी. दूर है। चैन्नई से छुट्टी मनाने जाने के पसंदीदा स्थानों में से यह एक है। एक वृहद ऐतिहासिक पृष्ठभूमि होने के कारण महाबलीपुरम में पल्लव साम्राज्य के कई नायाब ऐतिहासिक स्मारक हैं। यहां के ज्यादातर मंदिर काटी गई गुफा के आकार के हैं। इस शहर का एक मुख्य आकर्षण यहां के सुंदर और साफ समुद्र तट हैं। इन तटों पर मछली पकड़ने और बोटिंग जैसी कई गतिविधियां उपलब्ध हैं।

चेन्नई में देखने योग्य स्थान
राजकीय संग्रहालय कंडास्वामी मंदिर
विवेकानंद हाउस डैश-एन-स्प्लैश
विक्टरी वॉर मेमोरियल कोवलोंग समुद्र तट
कट्टूबावा मस्जिद अयप्पा मंदिर
बड़ी मस्जिद वीजीपी यूनिवर्सल किंगडम
पार्थसारथी मंदिर वाडापलानी मंदिर


अंतिम संशोधन : जुलाई 20, 2016