स्थान: पांथेयन रोड, एग्मोर, चेन्नई, तमिलनाडु
सन् 1851 में निर्मित चेन्नई का राजकीय संग्रहालय, मद्रास संग्रहालय के नाम से लोकप्रिय है। कोलकाता के भारतीय संग्रहालय के बाद तथ्यात्मक तौर पर यह भारत का दूसरा सबसे पुराना संग्रहालय है और यह अपने आप में किसी खजाने से कम नहीं है। कला, पुरातत्व, मानव विज्ञान, मुद्रा शास्त्र और बहुत कुछ बेहतरीन कृतियों का यहां भंडार है, इसलिए मद्रास संग्रहालय सबको आकर्षित करता है।
16.25 एकड़ क्षेत्र में फैला राजकीय संग्रहालय दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसके परिसर में 6 स्वतंत्र भवन और 46 गैलरी हैं। ये हैं -
- मुख्य भवन जहां प्राचीन कलाकृतियां, मूर्तियां, पशु दीर्घा, वनस्पति दीर्घा और डाक टिकट दीर्घा है।
- सामने के भवन में दिलचस्प कठपुतली दीर्घा और लोक नृत्य और संगीत दीर्घा है।
- कांस्य दीर्घा: इसमें कांस्य की कलाकृतियों के अलावा मुद्राशास्त्र और रासायनिक संरक्षण दीर्घा है।
- बच्चों के लिए संग्रहालय में एक भाग है जिसमें गुडि़यांओं का वर्ग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी दीर्घा है।
- नेशनल आर्ट गैलेरी में उत्कृष्ट चित्र और कलाकृतियां हैं।
- समकालीन कला वीथिका में राॅक और केव आर्ट से लेकर अंग्रेजों के चित्र और माॅडर्न आर्ट हैं। इससे कला की विकास यात्रा का प्रदर्शन होता है।
समय:सुबह 9:30 से शाम 5 तक
यह शुक्रवार और राष्ट्रीय अवकाश पर बंद रहता है।
प्रवेश शुल्क भारतीय: 15 रुपये वयस्कों के लिए और 10 रुपये 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए, 5 रुपये छात्रों और शिक्षकों के समूह के लिए जो पूर्व अनुमति लेकर आए हों।
विदेशी: 250 रुपये वयस्कों के लिए और 125 रुपये 3-12 साल के बच्चों के लिए, 75 रुपये छात्रों और शिक्षकों के समूह के लिए जो पूर्व अनुमति लेकर आए हों।
कैमरा शुल्क: 200 रुपये फोटोग्राफी का और 500 रुपये वीडियो कैमरा
कुछ सुझाव:
- यहां व्यवसायिक फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
- संग्रहालय में समय समय पर विशेष व्याख्यान और फिल्म शो आयोजित होते हैं।
- कांस्य दीर्घा और नेशनल आर्ट गैलेरी जरुर देखने योग्य है।
- भवन का रखरखाव और व्यवस्था निराशाजनक है।
- राजकीय संग्रहालय के अंदर एक किताब की दुकान भी है जहां सस्ती किताबें उपलब्ध हैं।
अंतिम संशोधन : नवंबर 4, 2014